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भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर का एक और वीडियो साझा किया, सबक ऐसा कि पीढ़ियां याद रखें

नई दिल्ली पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने जिस तरह से पराक्रम दिखाते हुए पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया, उससे पाकिस्तान के…
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भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर का एक और वीडियो साझा किया, सबक ऐसा कि पीढ़ियां याद रखें

नई दिल्ली
पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने जिस तरह से पराक्रम दिखाते हुए पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया, उससे पाकिस्तान के भी हौसले पस्त हो गए। वहीं जब पाकिस्तान ने बौखलाकर भारत पर हमला शुरू किया तो भारतीय सेना ने ऐसा मुंहतोड़ जवाब दिया कि वह सीजफायर के लिए मिन्नतें करता नजर आया। भारतीय सेना ने रविवार को ऑपरेशन सिंदूर का एक और वीडियो साझा किया है। इस वीडियो में सेना का जवाब आतंकियों को चुनौती देते हुए कहता है कि सबक ऐसा सिखाया गया है जिसे पीढ़ियां याद रखेंगी।

भारतीय सेना के वेस्टर्न कमांड के इस वीडियो में कहा गया, यह बदले की भावना नहीं न्याय था। सबक ऐसा सिखाएंगे कि इनकी पीढ़ियां याद रखेंगी। रात के करीब 9 बजे दुश्मन ने जिस पोस्ट से हमला किया सेना ने उसे मिट्टी में मिला दिया। सिंदूर पाकिस्तान के लिए वह सबक था जो उसने दशकों से नहीं सीखा। वीडियो में देखा जा सकता है कि सेना कैसे आतंकियों के लॉन्चिंग पैड्स और पाकिस्तानी सेना की पोस्ट को तबाह कर रही है।

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शनिवार को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने राजनीतिक और कूटनीतिक, दोनों तरह से भारत की सोच बदल दी है और पूरी दुनिया इसकी गवाह है। जम्मू कश्मीर के उधमपुर से लोकसभा सदस्य एवं केंद्रीय मंत्री सिंह ने यह भी कहा कि सिंधु जल संधि जल्दबाजी में की गई थी, क्योंकि तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पाकिस्तान को खुश करना चाहते थे।

कार्मिक राज्य मंत्री सिंह ने विजय के. सजावल द्वारा लिखी पुस्तक “कश्मीर क्रॉनिकल्स” का यहां कॉन्स्टीट्यूशनल क्लब में विमोचन करने के बाद कहा कि यह संधि दोनों देशों के लिए न्याय करने में असफल रही।उन्होंने कहा कि 2019 के पुलवामा हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक के पश्चात, भारत ने अपनी रक्षा रणनीतियों में बदलाव की शुरुआत की थी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बलों को परिस्थितियों के अनुसार तथा पेशेवर ज्ञान एवं विवेक के आधार पर कार्य करने की पूरी स्वतंत्रता दी थी।

उन्होंने कहा कि यह 2014 से पहले की प्रथा के बिल्कुल विपरीत है, जब सेनाओं को केवल सीमित स्वतंत्रता थी और बड़े हमले के लिए उन्हें नयी दिल्ली से राजनीतिक मंजूरी का इंतजार करना पड़ता था। मंत्री ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी बुनियादी ढांचे को नष्ट करने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा शुरू किया गया ऑपरेशन सिंदूर, अब तक की प्रचलित पद्धति में बदलाव का परिणाम है।

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