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अस्पताल में नियमों के मुताबिक 80 फीसदी पदों पर पुराने कर्मचारियों को रखे जाने का कानून है. लेकिन ऐसा होता नहीं है.

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दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी के विधायक महेंद्र गोयल ने नोटों की गड्डियां दिखाई और सदन में दावा किया कि दिल्ली के  बाबा साहेब अंबेडकर सरकारी अस्तपाल में उन्हें रिश्वत की पेशकश की गई. ये रिश्वत उन्हें एक प्राइवेट ठेकेदार ने देने की कोशिश की. 

महेंद्र गोयल ने बताया कि रोहिणी के बाबासाहेब आंबेडकर अस्पताल में नर्सिंग समेत कई पदों पर की जाने वाली भर्ती में वसूली की जाती है. भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं की शिकायत करते हुए गोयल ने दावा किया कि भर्ती प्रक्रिया को लेकर चुप रहने के लिए मुझे रिश्वत देने की कोशिश की गई.

उन्होंने कहा कि कुछ ताकतवर लोगों से अब उनकी जान को खतरा है. हालांकि, फिर भी वो विचलित नहीं हुए और प्राइवेट ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. गोयल के मुताबिक, उन्होंने डीसीपी, मुख्य सचिव और उपराज्यपाल से भी इस मामले की शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

नौकरी लगने के बाद भी नहीं मिलता पैसा

उन्होंने कहा कि अस्पताल में नियमों के मुताबिक 80 फीसदी पदों पर पुराने कर्मचारियों को रखे जाने का कानून है. लेकिन ऐसा होता नहीं है. इन पदों पर भर्ती के लिए उगाही की जाती है. नौकरी पक्की होने के बाद भी लोगों को पैसे नहीं मिल पाते हैं. उन्होंने आरोप लगाया ठेकेदार पहले ही पैसे मार लेते हैं.

रिठाला से आप विधायक मोहिंदर गोयल ने कहा कि इस मसले पर जब कर्मचारियों ने धरना दिया तो उनके साथ मारपीट की गई. गोयल ने पूरे मामले पर निष्पक्ष जांच की मांग की. हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष ने इस पर अभी कोई फैसला नहीं लिया है.

सदन की कार्रवाही के दौरान दिल्ली विधानसभा के अंदर हंगामा हुआ, जिसके बाद मार्शल्स की मदद से बीजेपी के चार विधायकों को सदन से बाहर कर दिया गया. बाहर किए जाने वाले विधायकों में भारतीय जनता पार्टी के एमएलए अभय वर्मा, अनिल वाजपेयी, अजय महावर और ओपी शर्मा का नाम शामिल है.

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