दिल्ली सरकार से राजस्व में आई भारी कमी, सिसोदिया को बचाने में जुटे Arvind Kejriwal

नई दिल्ली : नई आबकारी नीति से दिल्ली सरकार को अधिक राजस्व का प्रचार सिर्फ मनीष सिसोदिया को बचाने का बहाना मात्र है, जबकि आबकारी नीति से 2022-23 की पहली तिमाही में सरकारी राजस्व में 1484 करोड़ रुपए की वृद्धि जैसा कुछ भी नहीं है। वास्तव में जिन 1484 करोड़ रुपए को “उत्पाद राजस्व” के रूप में दिखाया जा रहा है, उसमें 980 करोड़ रुपए लाइसेंसधारियों विक्रेता की “वापसी योग्य सुरक्षा जमा” हैं, जबकि पिछले 5 साल 2017 से 2022 में दिल्ली सरकार को शराब की बिक्री से होने वाले राजस्व के मुकाबले 567.98 करोड़ रुपए की भारी कमी आई है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बयानबाजी करके लोगों को धोखा दे रहे हैं, जबकि दिल्ली की आबकारी नीति 2021-22 में बड़े पैमाने पर कदाचार और आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा प्राप्त किए गए किक-बैक के लिए अवैध संशोधन और कार्यान्वयन शामिल है, जो दिल्ली की जनता को धोखा देने की कवायद है। केवल सीबीआई जांच के माध्यम से गलत कामों में मंत्री मनीष सिसोदिया और अन्य द्वारा आत्म-उन्नति की पूरी गाथा का पता चलेगा। आम आदमी पार्टी के नेताओं का यह बहुप्रचारित दावा कि दिल्ली में शराब की बिक्री से राजस्व बढ़ा है, एक सफेद झूठ है। तथ्य यह है कि राजस्व वास्तव में नीचे चला गया है।