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भारत की इकोनॉमी पर अपनी राय देते हुए रघुराम राजन ने कहा कि भारत एवं दुनिया की अर्थव्यवस्थाएं उस रिफॉर्म को तैयार करने में नाकाम रहीं जो कि विकास के लिए आवश्यक थी।

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी की रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन ने खूब प्रशंसा तारीफ की है। उनकी ओर से कहा गया है कि राहुल गांधी पप्पू नहीं है। उनको लेकर जो धारणा बनाई गई है, वो बिल्कुल गलत है। उन्होंने यहां तक कहा है कि राहुल को कई मुद्दों पर बहुत जानकारी है। 

रघुराम राजन ने कहा कि ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। मैंने पूरा एक दशक राहुल के साथ कई मसलों पर चर्चा कर निकाला है। वे पप्पू तो बिल्कुल भी नहीं हैं। वे तो बहुत स्मार्ट, नौजवान एवं एक जिज्ञासु व्यक्ति हैं। ये आपको पता होना चाहिए कि क्या प्राथमिकता है, कई रिस्क हैं। मुझे लगता है कि राहुल गांधी को इस सब की पूरी जानकारी है। अब एक ओर राजन ने राहुल गांधी की प्रशंसा की, दूसरी ओर उन्होंने जोर देकर कहा कि वे किसी भी सियासी दल के साथ नहीं जुड़ने वाले हैं। इस बारे में उन्होंने कहा कि मैंने भारत जोड़ो यात्रा में इसलिए हिस्सा लिया था, क्योंकि मुझे उस यात्रा के सिद्धांतों पर भरोसा था। मैं उनके साथ खड़ा था। मैं राजनीति में नहीं आने वाला हूं।

वही अब ऐसा देखा गया है कि राजन बीते बहुत वक़्त से मोदी सरकार के खिलाफ बोल रहे हैं। उनकी हर नीति पर तल्ख टिप्पणी करते हैं। इन इल्जामों को लेकर जब उनसे प्रश्न पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि वे तो मनमोहन सरकार के वक़्त भी कई मुद्दों को लेकर सरकार के विरोध में खड़े हुए थे। आपको बता दें कि रघुराम राजन ने कुछ वक़्त पहले ही राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में भाग लिया था। तब राहुल गांधी ने बकायदा राजन का इंटरव्यू लिया था, उनकी ओर से आर्थिक मुद्दों पर बात की गई थी। उस वक़्त रघुराम राजन ने कहा था कि भारत के लिए 2023 अधिक चुनौतीपूर्ण होने वाला है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष भी युद्ध और अन्य वजहों के कारण दुनिया आर्थिक तौर पर परेशान रही लेकिन अगला साल और भी कठिनाइयों भरा रहने वाला है। भारत की इकोनॉमी पर अपनी राय देते हुए रघुराम राजन ने कहा कि भारत एवं दुनिया की अर्थव्यवस्थाएं उस रिफॉर्म को तैयार करने में नाकाम रहीं जो कि विकास के लिए आवश्यक थी। चंद अमीरों के हाथ में पूंजी के  केंद्रीकरण पर रघुराम राजन ने राहुल को समझाते हुए कहा कि हम पूंजीवाद के खिलाफ नहीं हो सकते हैं लेकिन मुकाबले के लिए हमें लड़ना होगा। हम बाजार पर एकाधिकार के खिलाफ हो सकते हैं। छोटे बिजनेस, बड़े बिजनेस देश के लिए अच्छे हैं मगर मोनोपॉली देश के लिए अच्छा नहीं है।

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