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कर्मचारियों की संख्या की दृष्टि से बडे स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षकों के 70 हजार से अधिक पद खाली हैं।

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स्कूल शिक्षा विभाग विधानसभा इलेक्शन के ठीक पहले वर्ष 2023 में शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित करने की तैयारी कर रहा है। इसमें पात्र पाए गए अभ्यर्थियों से शिक्षकों के 29 हजार से अधिक पद भरे जाएंगे। वर्ष 2020 के रोस्टर के आधार पर होने वाली इस भर्ती से स्कूल शिक्षा विभाग में 15 हजार और जनजातीय कार्य विभाग में 14 हजार पद भरे जाएंगे। वर्ष 2018 में शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन किया गया था। इसमें पात्र पाए गए अभ्यिर्थयों के लिए भर्ती अविध बढ़ाकर वर्तमान में शिक्षकों के 17 हजार से अधिक पद भरे जा रहे हैं।कर्मचारियों की संख्या की दृष्टि से बडे स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षकों के 70 हजार से अधिक पद खाली हैं। वहीं हर साल डेढ़ से दो हजार पद रिक्त भी होते हैं। इस अनुपात में भर्ती नहीं होती। जिससे शिक्षकों की कमी बनी रहती है। इस स्थिति को देखते हुए विभाग ने हर साल नियुक्ति करना तय किया है। सामान्य प्रशासन विभाग के नियम कहते हैं कि विभाग कर्मचारियों की संख्या के पांच प्रतिशत रिक्त पदों पर अपने स्तर पर भर्ती कर सकते हैं। इससे अधिक पदों पर भर्ती के लिए वित्त विभाग से अनुमति लेनी होती है। इसी नियम को आधार बनाकर विभाग ने हर साल भर्ती करने की रणनीति बनाई है। इस लिहाज से करीब 29 हजार पदों पर हर साल नियुक्ति की जा सकेगी। वर्ष 2023 में पात्रता परीक्षा भी इसी उद्देश्य के लिए आयोजित की जा रही है।ओबीसी आरक्षण में यह स्थिति

पात्रता परीक्षा के माध्यम से नियुक्त होने वाले अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) अभ्यिर्थयों के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण रोककर रखा गया है। ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का मामला अभी कोर्ट में लंबित है। यदि न्यायालय फैसला देता है, तभी इस वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा, वरना 14 प्रतिशत ही पात्र होंगे। वहीं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रविधान किया गया है।

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