लहसुन उत्पादकों को दलिय राजनीति के प्रभाव एवं किसानों कि वर्गीय चेतना के अभाव में 800से1000करोड़ रूपयों कि हानि
लहसुन उत्पादकों को दलिय राजनीति के प्रभाव एवं किसानों कि वर्गीय चेतना के अभाव में 800से1000करोड़ रूपयों कि हानि उठाने के लिए विवष होना पड़ेगा, केन्द्रीय कृषि मंत्री को खरिद लक्ष्य में वृद्धि किए जाने हेतु पत्र प्रेषित किया। हा.कि.यू.।
कोटा 22जून2022: हाड़ोती किसान यूनियन, राष्ट्रीय युवा संगठन, किसान जागृति संगठन सहित विभिन्न किसान संगठनों कि ओर से राज्य एवं केंद्र सरकार से कोटा संभाग के लगभग एक लाख बीस हजार से अधिक लहसुन उत्पादकों को 45-55रुपये प्रति किलो मूल्यों पर लहसुन खरिद किए जाने के दबाव से प्रभावित होकर 29रूपये57पैसे प्रति किलो पर मात्र 46हजार830 मेट्रिक टन के लगभग खरिद किए जाने कि घोषणा(आदेश)करना किसानों को 800से1000करोड़ रूपयों कि हानि उठाने के लिए मजबूर किया जाना संभावित है।
किसान यूनियन के प्रतिनिधि एवं राष्ट्रीय युवा संगठन के प्रदेश संयोजक जगदीश कुमार ने केन्द्रीय कृषि मंत्री को पत्र लिखकर अवगत करवाया कि कोटा संभाग के विभिन्न जिलों कोटा में 27हजार580, बूंदी में 3हजार757, झालावाड़ में 49हजार440, बारां में 34हजार660 हेक्टेयर कृषि भूमि में वर्ष 2022 में संभावित उत्पादन 5लाख से 7लाख मेट्रिक टन में से मात्र 46हजार 830 मेट्रिक टन कि खरिद का लक्ष्य निर्धारित करना संपूर्ण लहसुन कि उपज का 4-5 प्रतिशत है ऐसी स्थिति में विगत 80दिनो से बाजार में औसत 5रुपये से 15रुपये प्रति किलो मूल्यों पर लगभग दो लाख मीट्रिक टन लहसुन बेचने पर किसानों को सैकड़ों करोड़ों रुपए कि हानि उठानी पड़ी वर्तमान में संपूर्ण विक्रय(3-4लाख मेट्रिक टन) किए जाने वाले लहसुन को खरिद किए जाने कि सरकार द्वारा व्यवस्था किए जाने का आग्रह किया है जिससे संपूर्ण लहसुन उत्पादकों को राहत मिल सकेगी एवं संभावित होने वाली हानि से बचाया जा सकता है।जगदीश कुमार ने घोषित खरिद मूल्य को उत्पादन लागत से कम बताते हुए 45रुपये से 55रुपये प्रति किलो औसत मूल्य निर्धारित किए जाने का भी आग्रह किया है।
किसान नेता दशरथ कुमार,सुरजमल नागर, दिनेश गौतम, ऊंकार नागर, मनवीर सिंह, चौथमल नागर, श्रवण कुमार सेनी, बद्रीलाल बेरागी, सर्वर हुसैन,भंवर लाल चौधरी, हनुमान मीणा आदि किसान प्रतिनिधियों कि ओर से 5अप्रैल से निरन्तर लहसुन उत्पादकों को बाजार हस्तक्षेप योजना में खरिद किए जाने हेतु राज्य एवं केन्द्र सरकार को पत्र एवं ज्ञापन प्रेषित कर प्रत्येक्ष रुप से संपर्क कर किसानों के हितों के लिए प्रभावित करने का प्रयास किया जाता रहा है दशरथ कुमार ने कहा कि पूर्व में राज्य एवं केन्द्र सरकार कि ओर से 4जून को घोषित खरिद लक्ष्य 1लाख 7हजार मेट्रिक टन था जो वर्तमान में किसानों कि वर्गीय चेतना के अभाव, असंगठित एवं दलिय राजनीति के प्रभाव के कारण खरिद लक्ष्य में कटौती कि गई इस किसानों को वर्गीय चेतना के आधार पर संगठित होने कि आवश्यकता बतायी।