पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने आतंकवाद पर बड़ा बयान दिया

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने आतंकवाद पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद आज पाकिस्तान की प्रमुख समस्याओं में से एक है। शहबाज शरीफ ने यह बयान खैबर पख्तूनख्वा में हुए आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए दिया है। खैबर पख्तूनख्वा में आतंकवादी समूह तहरीक-ए-तालिबान ने बुधवार को एक पुलिस वैन को निशाने बनाते हुए हमला बोल दिया था। इस हमले में एक एएसआई और पांच कांस्टेबल की मौत हो गई थी। 

इससे पहले पिछले सप्ताह भी वजीरीस्तान जिले में भारी हथियारों से लैस अज्ञात हमलावरों ने रगाजी थाने पर हमला कर दिया था। इस हमले भी दो पुलिसकर्मी की मौत हो गई थी जबकि दो अन्य घायल हो गए थे। 

आतंकवाद पाकिस्तान की प्रमुख समस्याः शरीफ
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र के लक्की मारवात जिले में नियमित गश्त पर निकले पुलिस वैन पर हुए हमले की निंदा की है। पाकिस्तान पीएम शहबाज शरीफ ने मारे गए सैनिकों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए ट्विटर पर लिखा कि, "आतंकवाद पाकिस्तान की प्रमुख समस्याओं में से एक है।" 

पीएम शरीफ ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, "हमले की निंदा करने के लिए हमारे पास शब्द नहीं हैं। हमारे विचार और प्रार्थनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ है। अब हमें कोई गलती नहीं करना है। हमारे सशस्त्र बल और पुलिस इस संकट से बहादुरी के साथ लड़ रही है।"

आंतरिक मंत्री ने भी कड़ी निंदा की
पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की है। मंत्री ने मुख्य सचिव और खैबर पख्तूनख्वा के आईजी से इस घटना पर रिपोर्ट मांगी है। मंत्री राणा सनाउल्लाह के कार्यालय ने इस घटना पर गहरा दुख और खेद जताया है।

आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने ली जिम्मेदारी
अफगानिस्तानी तालिबान से संबंध रखने वाला आतंकवादी समूह तहरीक-ए-तालिबान (पाकिस्तानी तालिबान) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के एक प्रवक्ता ने बयान जारी करते हुए कहा कि इलाके में छापेमारी करने जा रही पुलिस वैन को घात लगाकर हमला किया गया।

तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान से ही कई घटना को अंजाम दे चुका है। यह कभी अफगानिस्तान-पाकिस्तान दोनों ओर के आतंकवादियों का अड्डा था। अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद पाकिस्तान और टीटीपी के बीच एक शांति समझौता की बात शुरू हुई थी लेकिन अभी तक इसका कोई नतीजा नहीं निकला है। हालांकि, मई 2022 से ही संघर्ष विराम लागू है। 

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