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दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दो आतंकियों को गुरुवार को गिरफ्तार किया

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आईएसआई हमेशा से कश्मीर में आतंकी वारदातों को अंजाम देता रहा है। लेकिन अब आतंकियों ने खालिस्तान को भी इसमें शामिल किया है। अब आतंकी पंजाब में भी आतंक फैलाने की साजिश रच रहे हैं। पहले भी खुलासा हुआ था कि कश्मीर-खलिस्तान यानी K2 डेस्क के प्लान को ISI की ओर से फंडिंग की जा रही है। इसके अलावा ये भी खुलासा हुआ था कि पंजाब के गैंगस्टरों को धमाके करने की ट्रेनिंग भी इसी डेस्क के द्वारा दी जा रही है। खुफिया एजेंसी के सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान पंजाब में खालिस्तानी आतंकवाद को फिर से जीवित करने के लिए नए-नए हथकंडे अपना रहा है। इसके लिए ही आईएसआई ने K2 डेस्क को शुरू किया है। सिद्धू मूसेवाला मर्डर के वक्त भी आईएसआई की इस K2 डेस्क का कनेक्शन सामने आया था।
दिल्ली पुलिस ने दो आतंकी किए गिरफ्तार
वहीं दिल्ली पुलिस ने जिन दो आतंकियों को गिरफ्तार किया है, उनका नाम जगजीत उर्फ याकूब और नौशाद बताया जा रहा है। इन दोनों आतंकियों ने पंजाब में दो शिवसेना नेताओं समेत दो अन्य धार्मिक नेताओं के नामों का खुलासा किया है, जिन्हें खत्म करने का काम इन आतंकियों को सौंपा गया था। सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस इस मामले में पंजाब पुलिस और खुफिया एजेंसियों से बात करेगी। पुलिस का कहना है कि अभी तक उस शख्स की पहचान नहीं हुई है, जिसके शरीर के अंग शनिवार को बरामद किए थे। दिल्ली पुलिस दिसबंर से लापता लोगों के रेकॉर्ड का इस्तेमाल कर उनकी पहचान करने की कोशिश कर रही है। इसके अलावा पुलिस दो आरोपियों और उनके कनाडा में रह रहे सरगना अर्श दल्ला और एक अन्य आईएसआई ऑपरेटिव के बीच मोबाइल कनेक्शन को चेक कर रहे हैं।
पुलिस की जांच में कई सवालों के नहीं मिले जवाब
पुलिस ने कहा कि कनाडा के स्थायी निवासी दल्ला पर हत्या, जबरन वसूली और टारगेट किलिंग के दो दर्जन से ज्यादा मामलों में शामिल होने का आरोप है, उसके खिलाफ इंटरपोल द्वारा एक रेड नोटिस भी जारी किया गया है। सूत्रों ने कहा कि दल्ला खालिस्तान टाइगर फोर्स के आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर के सहयोगी के रूप में काम कर रहा है और आईएसआई के निर्देश पर टारगेट किलिंग के लिए रसद मुहैया कराने में लगा हुआ है। पुलिस की जांच में कई ऐसे सवाल भी हैं, जिनके जवाब अब तक नहीं मिले। इसमें आतंकवादी और पैरोल पर अपराधी हथियार इकट्ठा करने, हत्या करने, शरीर के अंगों को डंप करने और आईएसआई के गुर्गों के साथ संवाद करने में कैसे कामयाब रहा।
पुलिस इस बात की पुष्टि कर रही है कि गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक पुलिस का मुखबिर था या नहीं। सूत्रों ने कहा कि नौशाद ने ये दावे किए थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रेकॉर्ड पर नहीं लाया है। एक अन्य अधिकारी ने दावा किया कि नौशाद कुछ महीनों के लिए स्पेशल सेल की निगरानी में था, लेकिन यह चिंताजनक था कि वह अभी भी कैसे उन्हें धोखा देने में कामयाब रहा। एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने कहा कि इसकी जांच की जा रही है।

रिपोर्ट के मुताबिक, स्पेशल सेल एंटी टेरर यूनिट के कई स्तरों पर परिवर्तनों के साथ एक बड़े बदलाव के लिए तैयार है। सूत्रों ने कहा कि कुछ अधिकारियों को दिल्ली से बाहर भी भेजा जाएगा। गृह मंत्रालय जल्द ही इस पर फैसला करेगा। अधिकारी ने कहा कि ज्वाइंट कमिश्नर का पद जल्द भरा जाएगा। इजराइली दूतावास में विस्फोट, गाजीपुर में एक बम लगाने और सीलमपुर में एक अन्य की बरामदगी सहित पिछली तीन आतंकवाद संबंधी घटनाओं को देखते हुए यूनिट अलर्ट मोड में काम कर रही है।

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