केंद्र सरकार से फंड पाने वाले संस्थानों में इंजिनियरिंग, आर्किटेक्चर और प्लानिंग अंडरग्रैजुएट कोर्सेज में दाखिल के लिए एंट्रेस टेस्ट मंगलवार से शुरू हो रहा है
JEE Main 2023: किस राज्य से सबसे ज्यादा कैंडिडेट्स?
जेईई (मेन) जनवरी 2023 सेशन में सबसे ज्यादा कैंडिडेट्स महाराष्ट्र (1,03,039) से हैं। टोटल कैंडिडेट्स में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी करीब 12% है। इसके बाद उत्तर प्रदेश (99,714 कैंडिडेट्स या 11.6%) और आंध्र प्रदेश (91,799 कैंडिडेट्स या 10.6%) का नंबर आता है। 50 हजार से ज्यादा रजिस्ट्रेशन वाले राज्यों में तेलंगाना (86,840 कैंडिडेट्स) और राजस्थान (59,641 कैंडिडेट्स) भी शामिल हैं। तमिलनाडु से 37642 आवेदन आए हैं। विदेशों से 2,109 आवेदन NTA को मिले हैं।
बात शहरों की करें तो दिल्ली सबसे आगे है। राजधानी से 36,530 कैंडिडेट्स ने रजिस्टर किया है। इसके बाद हैदराबाद/सिकंदराबाद (32,246) और कोटा (24,523) का नंबर है।
एग्जाम कब होगा?
केंद्र सरकार से फंड पाने वाले संस्थानों में इंजिनियरिंग, आर्किटेक्चर और प्लानिंग अंडरग्रैजुएट कोर्सेज में दाखिल के लिए एंट्रेस टेस्ट मंगलवार से शुरू हो रहा है। IITs में दाखिले के लिए जेईई (अडवांस्ड) का एलिजिबिलिटी टेस्ट भी 24 जनवरी से शुरू होगा। नैशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने दिसंबर वाली नोटिफिकेशन में कहा था कि 31 जनवरी परीक्षा की आखिरी तारीख होगी। हालांकि शनिवार को जारी नोटिफिकेशन में NTA ने कहा कि 27 जनवरी को कोई टेस्ट नहीं होगा। 1 फरवरी को पहला पेपर (BTech/BE प्रोग्राम के लिए) होगा।
कोविड के बाद नियमों में भी हुआ बदलाव
JEE मेन के लिए इस बार नियमों में कुछ बदलाव किया गया है। NIT में एडमिशन और JEE अडवांस्ड में शामिल होने के लिए बोर्ड एग्जाम में 75 प्रतिशत की शर्त इस साल फिर से लागू कर दी गई है, जिसका छात्र विरोध कर रहे हैं। कोविड के बाद इस बार यह नियम लागू किया गया था कि IIT में एडमिशन के लिए जो छात्र JEE अडवांस्ड में अपीयर होंगे, उनके लिए 12वीं में कम से कम 75 प्रतिशत नंबर लाने की शर्त भी लागू होगी।
हालांकि छात्रों के विरोध के बाद शिक्षा मंत्रालय ने योग्यता शर्तों में कुछ बदलाव किया है और तय किया या है कि बोर्ड एग्जाम में 75 प्रतिशत नंबरों के साथ-साथ हर स्टेट बोर्ड में टॉप 20 पर्सेंटाइल में जगह बनाने वाले छात्र भी IIT और NIT में दाखिले के लिए एलिजिबल होंगे और JEE एडवांस्ड में भाग ले सकेंगे। अगर किसी शिक्षा बोर्ड के छात्र अगर बोर्ड में 75 पर्सेंट नहीं ले पाए हैं लेकिन वे अपने राज्य के शिक्षा बोर्ड में टॉप 20 पर्सेंटाइल में जगह बना लेंगे, वे भी एलिजिबल हो जाएंगे।