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डिंडौरी जनपद पंचायत के डाड बिछिया ग्राम पंचायत के पोषक ग्राम कोहका निवासी दंपती से पांच साल तक लगातार मनरेगा योजना में मजदूरी कागजों में कराई गई

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डिंडौरी जनपद पंचायत के डाड बिछिया ग्राम पंचायत के पोषक ग्राम कोहका निवासी दंपती से पांच साल तक लगातार मनरेगा योजना में मजदूरी कागजों में कराई गई। लाखों रुपए की मजदूरी निकलवा ली। जब मामला उजागर हुआ तो रोजगार सहायक बोले मेट की गलती और अधिकारी कह रहे है जांच के बाद कार्रवाई करेंगे।

जॉब कार्ड बनाकर करवाई मजदूरी

बसपा जिला अध्यक्ष असगर सिद्दीकी ने बताया कि जानकारी निकलवाने पर पता चला है कि कोहका निवासी तुलसीराम उद्यानिकी विभाग में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी था जो वर्ष 2022 में रिटायर हुआ है। उसकी पत्नी शांति बाई घर मे रहती है। ग्राम पंचायत ने 2 जून 2006 में मनरेगा योजना का जॉब कार्ड बनवाया।

इसका नंबर एमपी-45-002-024-001/20 है। इन दोनों के नाम से ग्राम पंचायत में चलने वाले मनरेगा योजना के कामों में 30 मई 2017 से लेकर 16 जून 2022 तक लगभग 2223 दिन का रोजगार कागजों पर दिया है और मजदूरी भी निकलवाई गई, जो गलत है।

बुजुर्ग दंपती बोला- हमने नहीं की मजदूरी

डाड-बिछिया ग्राम पंचायत के पोषक ग्राम कोहका निवासी तुलसीराम और उसकी पत्नी शांति बाई ने बताया कि 2006 में जॉब कार्ड ग्राम पंचायत ने बनवाया था। हम लोगों ने कभी मनरेगा योजना के कार्यों में मजदूरी नहीं की है। हां ग्राम पंचायत के लोग जॉब कार्ड मांगकर जरूर ले जाते थे। अब उन लोगों ने क्या किया कैसे किया हमें नहीं मालूम।

रोजगार सहायक बोला- मेट की गलती होगी

जब इस बारे में डाड बिछिया ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक गजेंद्र से बात की गई, तो उसका कहना है कि मनरेगा योजना के कार्य में मजदूरों को काम पर लगाने का काम मेट का होता है। मैं दूसरे गांव का रहने वाला हूं, मुझे क्या पता कौन क्या करता है। इस मामले में जनपद सीईओ निखिल कटारे का कहना है कि मामले की जांच कराई जाएगी दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

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