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मुख्य सचिव की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से समस्त मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ साप्ताहिक समीक्षा बैठक संपन्न

संस्कृति उत्सव-2023 आगामी 25 दिसम्बर से 26 जनवरी तक होगा आयोजित
 
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 मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से समस्त मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ साप्ताहिक बैठक आयोजित की गई। 
  अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन 09 दिसम्बर को प्रदेश के सभी जिलों में प्रस्तावित है। पूर्व में आयोजित लोक अदालतों में वादों के निस्तारण के मामले में उत्तर प्रदेश का प्रथम स्थान रहा है। इस बार भी उत्तर प्रदेश का प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ रहना चाहिये। आयोजन की समस्त तैयारियां समय से पूरी करा ली जाये। लोक अदालत में अधिकाधिक संख्या में वादों का निस्तारण कराया जाये। लोक अदालत में आने वाले लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसका पूरा ख्याल रखा जाये। 
   उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पर्व हमारी संस्कृति-हमारी पहचान के अंतर्गत संस्कृति उत्सव-2023 आगामी 25 दिसंबर से 26 जनवरी तक आयोजित किया जायेगा। इस उत्सव का प्रमुख उद्देश्य शास्त्रीय एवं लोक संगीत की पृष्ठभूमि में उत्तर प्रदेश के सभी अंचलों में ऐसे कलाकारों की पहचान कर उन्हें उनकी योग्यतानुसार मंच प्रदान करना है। इससे भारतीय संगीत की समृद्ध विरासत को संरक्षित करने एवं भावी पीढ़ी को हस्तांतरित करने में मदद मिलेगी। 
   उन्होंने संस्कृति उत्सव के सफल आयोजन के लिये समस्त तैयारियां समय से सुनिश्चित करा ली जायें। उत्सव को उत्साहपूर्ण माहौल में सम्पन्न कराया जाये। उत्सव में ज्यादा से ज्यादा प्रतिभागियों की हिस्सेदारी होनी चाहिये। किसी भी प्रतिभागी को समस्या नहीं होनी चाहिये। संस्कृति उत्सव के लिये एक पोर्टल तैयार कराया जाये। 
  उन्होंने कहा कि उत्सव में प्रतिभाग करने हेतु प्रतिभागियों को पोर्टल पर ऑनलाइन तथा ऑन द स्पाट पर रजिस्ट्रेशन की भी सुविधा उपलब्ध करायी जाये। प्रतिभागियों की समस्याओं का त्वरित एवं प्रभावी निस्तारण किया जाये। प्रतिभागियों के सहायतार्थ कार्यक्रम स्थलों पर हेल्प डेस्क, ध्वनि एवं संगीतकारों, अभिलेखीकरण, प्रमाण-पत्र की व्यवस्था की जाये। साथी प्रतिभागियों को विधा के अनुरूप वाद्ययंत्र, संगतकार, माइक, साउंड, लाइटिंग एवं साज सज्जा के लिए स्थान उपलब्ध कराया जाये। कार्यक्रम स्थल पर प्रतिभागियों के खान-पान, अभिभावकों के बैठने, वाहनों की पार्किंग आदि के समुचित प्रबंध सुनिश्चित कराये जायें। 
   बैठक में बताया गया कि दिनांक 25 से 30 दिसम्बर, 2023 तक गांव, पंचायत, ब्लाक एवं तहसील स्तर के कलाकारों की प्रतियोगिता तहसील मुख्यालय, 01 से 05 जनवरी, 2024 तक तहसील स्तर के चयनित कलाकारों की प्रतियोगिता जनपद मुख्यालय पर, 10 से 15 जनवरी, 2024 तक जनपद स्तर के चयनित कलाकारों की प्रतियोगिता प्रदेश की राजधानी मुख्यालय (लखनऊ) पर आयोजित की जायेगी। दिनांक 23 जनवरी, 2024 को लखनऊ में सम्पन्न प्रतियोगिता के विजयी प्रतिभागियों का ‘उत्तर प्रदेश पर्व’ में प्रतिभाग हेतु पूर्वाभ्यास तथा 24 से 26 जनवरी, 2024 तक उत्तर प्रदेश पर्व के अवसर पर अंतिम रूप से चयनित सभी प्रतिभागियों की प्रस्तुतियां, सम्मान एवं पुरस्कार वितरण किया जायेगा।
   सड़क सुरक्षा की समीक्षा करते हुये उन्होंने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा सड़क दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत कमी लाने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने सभी जनपदों में दिनांक 15 दिसम्बर, 2023 से 31 दिसम्बर, 2023 तक सड़क सुरक्षा पखवाड़ा अंतर्विभागीय समन्वय के साथ मनाया जाये। ओवरस्पीडिंग, रांग साइड ड्राइविंग, मोबाइल फोन का प्रयोग एवं ड्रंकन ड्राइविंग सड़क दुघर्टनाओं के प्रमुख कारण होते हैं। यह एक मैन मेड डिजास्टर है, इसलिये इसमें कमी लाने के लिये अवेयरनेस बिल्ट करने की जरूरत है। यह एक संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण मुद्दा है, इस पर सभी मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारी गंभीरता से कार्य करें। 
 उन्होंने कहा कि पखवाड़ें के दौरान सभी स्कूली वाहनों का फिटनेस तथा वाहन चालकों का मेडिकल फिटनेस की जांच करायी जाये। सभी शिक्षण संस्थानों में प्रार्थना सभा में छात्रों को सड़क सुरक्षा एवं यातायात नियमों की जानकारी दिया जाये एवं सुड़क सुरक्षा शपथ ग्रहण कराया जाये। कोहरे के दृष्टिगत प्रभावी पेट्रोलिंग की जाये। कॉमर्शियल चालकों हेतु हेल्थ कार्ड अनिवार्य रूप से जारी किये जायें। ओवरलोडिंग को टास्क फोर्स द्वारा सोर्स प्वाइंट ही रोका जाये। इसके अलावा परिवहन विभाग द्वारा सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिये समय-समय पर निर्गत आदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाये, इस तरह से बहुत लोगों की जिन्दगी को बचा सकते हैं। 
 उन्होंने कहा कि सभी मण्डल एवं जनपद स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठकें अनिवार्य रूप से होनी चाहिये। इसके लिये सभी मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारी दिन निर्धारित करें। बैठक में सड़क सड़क दुर्घटनाओं का जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित कर उनके भी सुझाव लिये जायें। इसके अलावा बैठक में विषय विशेषज्ञों तथा स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित कर सकते हैं। समिति की बैठक में सड़क दुर्घटनाओं का एनालिसिस कर एक्शन लिया जाये। एक्शन का रिजल्ट धरातल पर भी दिखना चाहिये। 
   उन्होंने कहा कि किसी भी चालक का लगातार तीन बार से अधिक चालान होने पर उसका लाइसेंस निरस्त किया जाये। इसके बावजूद भी उल्लंघन करने पर उसके वाहन का पंजीयन निरस्त कराया जाये। इसके अतिरिक्त जनपद में उपलब्ध क्रिटिकल केयर फैसिलिटी का भी समय-समय पर निरीक्षण करें, ताकि सड़क दुर्घटना से प्रभावित व्यक्तियों को जनपद में ही उपचार मिल सके। उन्होंने कहा कि आपदा मित्रों को सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्ति को बचाने की भी ट्रेनिंग दी गई है। सड़क दुर्घटना होने पर उन्हें भी सूचित करने की व्यवस्था की जाये।
   राजस्व विभाग की समीक्षा के दौरान उन्होंने 01 वर्ष से अधिक अवधि के पुराने लंबित मामलों के ज्यादा से ज्यादा डिस्पोजल पर जोर दिया। डिस्पोजल में गुणवत्ता विशेष रूप से ध्यान दिया जाये। इससे क्रिमिनल केसेज पर लगाम लग जायेगी। नये दर्ज होने वाले वादों को निस्तारण नियत समय-सीमा के भीतर किया जाये। 
  बैठक में बताया गया कि 80 दिन में राजस्व वादों के 7.3 लाख, पैमाइश के 54,204, नामांतरण के 4,13,988, कृषिक भूमि का गैर-कृषिक भूमि में परिवर्तन के 582, कुर्रा-बटवारा के 59,524 मामलों में कमी आयी है। 
  विकसित भारत संकल्प यात्रा की समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि यात्रा में स्थानीय स्तर पर अधिक से अधिक नागरिकों की सहभागिता सुनिश्चित करायी जाये। मा0 राज्यपाल एवं मा0 मंत्रिगण के जनपद आगमन पर कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाये। स्थानीय जनप्रतिनिधियों को यात्रा में आमंत्रित करते हुये कार्य योजना की प्रति उपलब्ध करायी जाये। 
  उन्होंने कहा कि यात्रा में जिन कर्मियों की डयूटी लगाई गई है, उनकी उपस्थिति को डेली चेक कराया जाये। अनुपस्थित रहने वाले कर्मियों का उत्तरदायित्व निर्धारित कर कार्यवाही की जाये। यात्रा का जिलाधिकारी द्वारा प्रतिदिन वी0सी0 के माध्यम से समीक्षा की जाये। यात्रा के दौरान अधिक से अधिक पात्र व्यक्तियों का योजना में नामांकन कराया जाये। 
  उन्होंने कहा कि रबी फसल की ई-खसरा पड़ताल का कार्य आगामी 01 जनवरी से शुरू होना है, इसलिये आगामी 10 दिसम्बर तक सर्वेयर और सुपरवाइजर का चिन्हांकन करा लिया जाये, ताकि उनका प्रशिक्षण 25 दिसम्बर तक कराया जा सके। इसके अलावा खरीफ ई-खसरा पड़ताल में लगे सुपरवाइजर और सर्वेयर द्वारा एप पर अकाउंट डिटेल्स दर्ज करा दिया जाये, ताकि इंसेन्टिव की धनराशि उनके अकाउंट में भेजी जा सके। 
  जिलाधिकारी कानपुर श्री विशाख जी0 द्वारा नागरिक सुविधा केंद्र पर प्रस्तुतिकरण दिया गया। नगर निगम मुख्यालय बिल्डिंग में अत्याधुनिक सेवाओं से युक्त स्मार्ट सिटी लिमिटेड के तहत नागरिक सुविधा केंद्र का निर्माण कराया गया है। इसमें 20 काउंटर है और केन्द्र पर ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा उपलब्ध है। कानपुर के नागरिक आवश्यक सेवाओं के लिए तीन तरीके नागरिक सुविधा केंद्र, मोबाइल एप व ऑनलाइन वेब पोर्टल पर जाकर नामांकन कर सकते हैं। जहां लोगों को एक ही जगह पर नगर निगम से संबंधित जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र, म्यूटेशन, वाटर कंप्लेंट, ट्रेड टैक्स, हाउस एसेस्मेंट आदि की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। इन काउंटरों के माध्यम से आम जन की समस्याओं को प्राप्त कर निर्धारित समय-सीमा में निस्तारण सुनिश्चित किया जा रहा है। केंद्र पर टोकन मशीन के माध्यम से सेवा के अनुरूप टोकन प्राप्त करने की व्यवस्था की गई है। क्यूआर कोड टोकन पर्ची के माध्यम से सेवाओं के निस्तारण की स्थिति को शिकायतकर्ता ट्रैक भी कर सकता है। 
  इसी क्रम में जिलाधिकारी प्रयागराज श्री नवनीत सिंह चहल द्वारा प्रोजेक्ट मुस्कान-एम्पावरिंग दिव्यांगजन चिल्ड्रेन विषय पर प्रस्तुति दी गई। उन्होंने बताया कि आगरा में तैनाती के दौरान उनके द्वारा दिव्यांगजन बच्चों के सशक्तिकरण के लिये जनपद में 35 कैम्पस लगाये गये थे। इसमें जनपद ने उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की। कैम्पस में 2629 बच्चों का पंजीकरण किया गया। 217 बच्चों का प्रवेश शासकीय स्कूल, 46 बच्चों का प्रवेश निजी विद्यालय में कराया गया। 3028 शिक्षकों को प्रशिक्षण दिलाया गया और 3174 नोडल शिक्षक नियुक्त किये गये। अभियान में 5258 अभिभावकों ने हिस्सा लिया। अभियान से छात्रों की उपस्थिति में 39 प्रतिशत का इजाफा हुआ। कुल 2629 सर्टिफिकेट जारी किये गये। 1766 लोगों को सहायता राशि और उपकरण वितरित किये गये। 200 बच्चों को फिजियोथैरिपी से फायदा हुआ। 44 सुधारात्मक सर्जरी की गई। इसमें 5 विभागों की सहभागिता रही। बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिये 12 मोटीवेटर को इससे जोड़ा गया। 
 जिलाधिकारी एटा श्री प्रेम रंजन सिंह द्वारा ‘जोमैटो इंडिया के सहयोग से कुपोषण के खिलाफ: जनपद एटा की एक पहल’ पर प्रस्तुति दी गई। उन्होंने बताया कि शीतलपुर परियोजना में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 27 आंगनवाड़ी केन्द्रों पर एनर्जी डेन्स लड्डू का वितरण कराया गया। इससे बच्चों को कुपोषण से मुक्त रखने तथा प्री-एजुकेशन में उनकी उपस्थिति बढ़ाने में मदद मिली है। 
          बैठक में अपर मुख्य सचिव कृषि श्री देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव परिवहन श्री एल0 वेंकटेश्वर लू, प्रमुख सचिव दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग श्री सुभाष चन्द्र शर्मा, प्रमुख सचिव नियोजन श्री आलोक कुमार, आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद श्रीमती मनीषा त्रिघाटिया, सचिव कृषि श्री राजशेखर, सचिव राजस्व श्री नवीन कुमार जी0एस0,  परिवहन आयुक्त श्री चन्द्र भूषण सिंह अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।

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