कोल प्रबंधन द्वारा भी अपने कर्मचारियों के लिए बोनस का ऐलान किया गया है।
दशहरा के बीच कई कर्मचारियों को बड़ा सफा दिया गया है। एक तरफ जहां मोदी सरकार द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 4% की वृद्धि की गई है। वही कोल प्रबंधन द्वारा भी अपने कर्मचारियों के लिए बोनस का ऐलान किया गया है। कर्मचारियों को जल्द बोनस का भुगतान भी किया जाएगा। हालांकि इस बीच कुछ ऐसे भी कर्मचारी हैं, जिन्हें बोनस का लाभ नहीं दिया जाएगा।
कोल इंडिया उसकी सहायक कंपनियों में कार्यरत कर्मचारियों के बोनस का ऐलान किया जा चुका है। इस साल उन्हें 85000 तक बोनस का लाभ दिया जाएगा। इसका भुगतान 21 अक्टूबर या इससे पहले करने के आदेश जारी किए जा चुके हैं।
वही बोनस का भुगतान आज 19 अक्टूबर से शुरू होने की संभावना व्यक्त की गई है। इसी बीच कई शर्तें भी प्रबंधन द्वारा लागू की गई है। इन शर्तें को पूरा करने वाले कर्मचारियों को ही बोनस का भुगतान किया जाएगा। हालांकि कई ऐसे कर्मचारी हैं, जो इन शर्तों को पूरा नहीं करते हैं। उन्हें बोनस का लाभ नहीं मिलेगा। यह आदेश आवश्यक कार्रवाई के लिए प्राधिकारी के अनुमोदन से जारी किया गया है।
जानें क्या है शर्त
- जारी आदेश के तहत वर्ष 2022-23 में काम से कम 30 कार्य दिवस तक काम करने वाले कर्मचारियों को प्रोरेटा आधार पर बोनस का भुगतान किया जाएगा। उन्हें इसकी पात्रता होगी।
- इसके अलावा प्रशिक्षु अधिनियम 1961 के तहत स्थापना अपने वाले प्रशिक्षु को बोनस का भुगतान नहीं किया जाएगा।
- वही धोखाधड़ी, हिंसा, चोरी, दुरुपयोग, कंपनी की संपत्ति से तोड़फोड़ के लिए सेवा से बर्खास्त किए गए कर्मचारियों को इसका भुगतान नहीं किया जाएगा।
- वीआरएस लेने, सेवानिवृत, सेवाकाल में मृत्यु, इस्तीफा देने वाले सहित सभी शर्तों को पूरा करने पर ही कर्मचारियों को बोनस राशि का भुगतान किया जा सकता है।
वही कोल इंडिया के कर्मचारियों को बढ़े हुए वेतन सहित बोनस की राशि का भुगतान किया जा रहा है। ऐसे में उनके खाते में एक मुफ्त एक से डेढ़ लाख रुपए तक की राशि देखी जा सकती है।हाल ही में कोल इंडिया कर्मचारियों के लिए वेतन संशोधन 11 को मंजूरी दी गई थी। हालांकि इसमें बड़ी विसंगति देखने को मिली थी।
दरअसल कर्मचारियों के वेतन अधिकारियों से अधिक हो रहे थे। जिसके लिए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। जबलपुर हाईकोर्ट में अभी भी इसकी सुनवाई की जा रही है। वहीं प्रबंधन द्वारा अपने स्तर पर मामले को सुलझाने की कोशिश जारी है। माना जा रहा है कि प्रबंधन कर्मचारियों के A1 वर्ग को समाप्त कर सकती है। हालांकि इसके लिए कर्मचारी संघ की राय मांगी गई है। फिलहाल इसपर किसी भी तरह की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।