गर्मी के दिनों में ग्रामवासी खुद के खर्चे से अपने लिए पानी की व्यवस्था के लिए पानी का टैंकर खरीदते है तो कुछ ग्रामीण बैलगाड़ी से 3, 4 किलोमीटर दूर से पानी लेकर आते हैं

बैतूल में लगभग 1100 की आबादी वाला यह गांव जिला मुख्यालय के अंतर्गत आने वाले ग्राम गोराखार में शामिल है। इस गांव के हालात तो बद से बदतर हो चुके हैं। स्थिति यह है कि ग्रामीणों को तीन-चार किलोमीटर दूर जाकर पेयजल की व्यवस्था करना पड़ रहा है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ग्राम सरपंच सहित क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के कारण ग्रामीणों को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। यहां सरकार की महत्वपूर्ण नल जल योजना पूरी तरह फ्लॉप साबित हो चुकी है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रशासन की अनदेखी के कारण गांव में पिछले कई माह से पेयजल संकट पसरा हुआ है। सर्दी के मौसम में भी यह हाल है तो मार्च और अप्रेल में क्या स्थिति होने वाली है इसका सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। ग्रामीणों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर शीघ्र ही उनकी समस्या का समाधान नहीं होता है तो सभी ग्रामीण एकजुट होकर पंचायत में तालाबंदी करेंगे।
3 वर्ष पूर्व पाइपलाइन तो पहुंच गई लेकिन पानी नहीं
ग्रामीणों का कहना हैं कि 3 वर्ष पूर्व गांव के घरों में पानी के लिए पाइप लाइन पहुंचा दी गई लेकिन आज तक पाइप लाइन के माध्यम से घरों में पानी नहीं पहुंचा है। गांव में एक कुआ हैं जिससे गांव के सभी लोग पीने का पानी भरते है। यह कुआ भी फरवरी, मार्च में सुख जाता हैं जिससे ग्रामीणों को पानी की बहुत ज्यादा समस्या होती हैं। गर्मी के दिनों में ग्रामवासी खुद के खर्चे से अपने लिए पानी की व्यवस्था के लिए पानी का टैंकर खरीदते है तो कुछ ग्रामीण बैलगाड़ी से 3, 4 किलोमीटर दूर से पानी लेकर आते हैं ये पानी भी जिस किसान से पानी लेते है उसको भी पानी के पैसे देने पड़ते हैं। कुछ मोटरसाइकिल, कुछ साइकिल से पानी लेकर आते हैं। ग्राम में लगभग 200 मकान हैं जिसकी जनसंख्या लगभग 1100 हैं लेकिन सरपंच सहित तमाम जनप्रतिनिधियों द्वारा ग्रामीणों को झूठा आश्वाशन दिया जाता हैं।
तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन
ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में भी उन्होंने ग्रामसभा में पानी की समस्या को लेकर आवेदन दिया था लेकिन किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नही हुई। ग्रामीणों के द्वारा नायब तहसीलदार विरेंद्र उईके को ज्ञापन देकर पानी की समस्या को हल करवाने की मांग की गई। ज्ञापन देने वालों में युवा समाजसेवी जितेंद्र सिंह इवने, ग्रामीण राहुल विश्वकर्मा, रमेश उइके, उमेश नवड़े, कैलाश उइके, गुलाब मर्सकोले, गणेश नवड़े सहित अनेक ग्रामीण उपस्थित थे।