भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन प्रसारकों के लिए दिशा निर्देश
निर्वाचन प्रसारकों के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देश के अनुसार निवार्चक प्रसारकों को सही, वस्तुनिष्ठ और पूरी जानकारी उपलब्ध कराना, जिससे नागरिकों को उनके द्वारा विवेकपूर्ण चयन की संभावना हो, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की मूलभूत आवश्यकता है।
आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देशों में कहा गया है कि समाचारों का प्रसारण और सामयिक घटनाओं के मामले एवं न्यूज चैनल पर चुनाव संबंधित विषयों पर सामग्री निष्पक्ष और संतुलित हो, अर्थात यह वस्तुनिष्ठ, सटीक और यथासंभव जाँची-परखी गयी हो।
समाचार प्रसारकों को प्रयास करना चाहिए कि वे जनता को चुनाव संबंधित मामलों, राजनैतिक दलों, उम्मीदवारों, प्रचार प्रसार और मतदान प्रक्रियाओं के बारे में निष्पक्ष रूप से सूचित करें, जैसा कि लोकमत प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951, और भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित किया गया है।
समाचार चैनलों को किसी भी राजनीतिक पक्ष या उम्मीदवार के प्रति कोई भी सम्बधिकरण नहीं प्रकट करना चाहिए। जब तक कि समाचार प्रसारकों नें किसी विशेष दल या उम्मीदवार का समर्थन सार्वजानिक रूप नहीं किया हो या उनसे संबंध स्वीकार नहीं किया हो, उनका कर्तव्य है कि वह संतुलित और निष्पक्ष रहें, विशेषकर चुनाव से संबंधित रिपोर्टिंग में।
समाचार प्रसारकों को अफवाह, आधारहीन संशय, एवं दुष्प्रचार से बचने का प्रयास करना चाहिए, विशेषकर किसी विशिष्ट राजनीतिक पार्टी या उम्मीदवारों से संबंधित हों। किसी भी उम्मीदवार, राजनीतिक पार्टी को, जिसका गलत प्रस्तुतिकरण, भ्रम या अन्य हानि पहुंची हो, ब्रॉडकास्ट जानकारी के प्रसारण द्वारा त्वरित सुधार दिया जाना चाहिए, और जरूरत अनुसार उन्हें जवाब का अवसर देना चाहिए।
समाचार प्रसारकों को चुनाव संबंधित मामलों की कवरेज पर प्रभाव डाल सकने वाले सभी राजनीतिक और वित्तीय दबावों का सामना करना चाहिए। समाचार प्रसारकों को अपने समाचार चैनलों पर प्रकाशित संपादकीय और विशेषज्ञ राय के बीच स्पष्ट भिन्नता बनाए रखना चाहिए।
चुनाव और चुनाव संबंधित मामलों से संबंधित में घटनाओं, तारीखों, स्थानों और उद्धरणों से समाचार, कार्यक्रम के हर तत्व संबंधित सभी तथ्यों में सटीकता हो। गलत जानकारी का गलती से या अनजाने में प्रसारण होता है, तो प्रसारक को उसे जल्दी से जल्दी सुधारना चाहिए और उसी प्रमुखता के साथ इसे सही करना चाहिए, जैसे मूल प्रकरण को प्रसारित किया गया था।
समाचार प्रसारकों, उनके पत्रकारों और अधिकारियों को कोई भी धन या मूल्यवान उपहार या कोई भी अनुग्रह करने वाली या अनुग्रह जैसी लगने वाली ऐसी कोई वस्तु स्वीकार नहीं करना चाहिए, जो प्रसारक या उनके कर्मचारियों के व्यक्तिगत हितों को दर्शाता हो अथवा उनकी विश्वसनीयता को प्रभावित कर सकता है।
समाचार में किसी भी प्रकार की नफ़रत पैदा करने वाले भाषण या अन्य अप्रिय सामग्री का प्रसारण नहीं करना चाहिए जो हिंसा के प्रोत्साहन या जनता में आक्रोश या अव्यवस्था को बढ़ावा दे सकती है, जैसा कि साम्प्रदायिक या जातिवाद पर आधारित चुनाव, प्रचार नियमों के तहत प्रतिबंधित है।
समाचार प्रसारकों को उन रिपोर्टों से बचना चाहिए जो लोगों के बीच जाति, समुदाय, क्षेत्र या भाषा के आधार पर द्वेष या नफ़रत की भावनाओं को बढ़ावा दे सकती हों। वे सख्ती से समाचार और पेड समाचार प्रसारकों के लिये यह न्यूज़ के बीच भिन्नता बनाए रखें। सभी भुगतान सामग्री को स्पष्ट रूप से "पेड विज्ञापन" या "पेड सामग्री" के रूप में चिह्नित किया जाना चाहिए, और पेड सामग्री को "पेड न्यूज" पर नियम और मार्गदर्शिका", के अनुसार होना चाहिए।
मतदान रूझान (ओपिनियन पोल्स) की रिपोर्ट के बारे में दर्शकों को बताते हुए विशेष सावधानी की आवश्यकता है कि ये मतदान रूझान किसने आयोजित एवं संचालित किया और किसने इसके लिये भुगतान किया। समाचार प्रसारक मतदान रुझान का परिणाम या अन्य चुनाव पूर्वानुमान के परिणामों को प्रसारित और उसकी करता है, तो उसे इस समाचार प्रसारण के संदर्भ, सीमाएं, सीमाओं के साथ समझाना चाहिए। मतदान रूझान के प्रसारण के साथ, दर्शकों को निर्वाचन की उपयोगिता प्रदान करने वाली जानकारी का भी प्रसारण किया जाना चाहिए, जैसे कि सर्वेक्षण की विधि, सेम्पल का आकार, त्रुटि की सीमा, क्षेत्र कार्य दिनांक, और उपयोग किए गए डेटा।
प्रसारकों को"लोकमत प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951" के धारा 126(1)(बी) के तहत मतदान के समापन के निश्चित घंटों के अंत में 48 घंटे तक कोई भी चुनावी प्रकरण, अर्थात चुनाव के परिणामों पर रुझान को प्रसारित नहीं करना चाहिए। भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) चुनाव की घोषणा से लेकर चुनाव के परिणाम के निष्कर्ष और घोषणा होने तक समाचार प्रसारकों द्वारा किये गए प्रसारणों की निगरानी करेगा। चुनाव आयोग द्वारा सदस्य प्रसारकों द्वारा कोई भी उल्लंघन की सूचना होने की रिपोर्ट न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग मानक प्राधिकरण (एनबीएसए) को दी जाएगी और इसका नियमानुसार निपटान किया जाएगा।
समाचार प्रसारकों को जहाँ तक संभव हो, मतदाताओं को मतदान प्रक्रिया, मतदान की महत्ता, मतदान के तरीके, कब, कहाँ और कैसे मतदान करें, मतदान के लिए पंजीकरण और मतदान की गोपनीयता के बारे में सटीक रूप से सूचित करने के लिए मतदाताओं को शिक्षित करने के लिए कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए।
समाचार प्रसारकों को किसी भी अंतिम, स्थायी और निश्चित परिणामों का प्रसारण नहीं करना चाहिए, जब तक ऐसे परिणामों की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई हो, जब तक कि इन परिणामों को अधूरे या आंशिक परिणाम या काल्पनिक एवं अंतिम परिणाम के रूप में न लिये जाने चाहिए, के स्पष्ट अस्वीकरण के साथ ना किए गए हों। ये मार्गदर्शिकाएं भारत में आयोजित सभी राष्ट्रीय विधायिका, नगरपालिका और स्थानीय चुनावों पर लागू होंगी।