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प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना पर राष्ट्रीय कार्यक्रम का कल मुंबई में आयोजन होगा

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प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) पर एक राष्ट्रीय कार्यक्रम का कल (27 अक्टूबर, 2023) यशवंतराव चव्हाण केंद्र, मुंबई, महाराष्ट्र में आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम को दो सत्रों में विभाजित किया गया है। इसकी शुरुआत कार्यशाला सत्र से होगी और उसके बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री एकनाथ संभाजी शिंदे और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास तथा अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्रीमती स्मृति ज़ूबिन इरानी की अध्यक्षता में उद्घाटन सत्र का आयोजन किया गया है।

इस अवसर पर ​​केंद्रीय महिला एवं बाल विकास तथा आयुष राज्य मंत्री डॉ. मुंजापारा महेंद्रभाई, महाराष्ट्र सरकार के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग मंत्री श्री तानाजी सावंत, महाराष्ट्र सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री सुश्री अदिति सुनील तटकरे, विधानसभा के सदस्य श्री आशीष शेलार, भारत सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में सचिव तथा भारत सरकार और विभिन्न राज्य सरकारों तथा केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में महिला पर्यवेक्षकों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और आशा कार्यकर्ताओं सहित अग्रिम पंक्ति के पदाधिकारी भी भाग लेंगे।

इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के महत्वपूर्ण पहलुओं और उपलब्धियों, इसकी यात्रा और पीएमएमवीवाई पोर्टल और मोबाइल ऐप की विशेषताओं पर प्रकाश डाला जाएगा। प्रधानमंत्री के 'डिजिटल इंडिया', 'मेक इन इंडियाऔर 'आत्मनिर्भर भारत ' के विजन को बढ़ावा देने के अनुरूप एक नया पीएमएमवीवाई पोर्टल (पीएमएमवीवाईसॉफ्ट एमआईएस) विकसित किया गया है। इस पोर्टल में पात्र लाभार्थियों के उचित सत्यापन के लिए यूआईडीएआई द्वारा 'ऑनलाइन और फेस प्रमाणीकरण तकनीक'  जैसी नई सुविधाएं शामिल की गई हैं। 

इसके अलावा इसमें प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से सुचारू धन हस्तांतरण सुनिश्चित करने के लिए लाभार्थी बैंक खातों की एनपीसीआई सत्यापन भी शामिल है। इस पोर्टल के माध्यम से सीधे पंजीकरण किए गए लाभार्थियों और आंगनवाड़ी/आशा कार्यकर्ताओं के लिए पेपरलैस ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली की शुरूआत की गई है। 

इस कार्यक्रम में नए पीएमएमवीवाई पोर्टल (पीएमएमवीवाईसॉफ्ट एमआईएस) के लिए नागरिकों, फील्ड पदाधिकारियों, पर्यवेक्षकों, अनुमोदन अधिकारियों, जिला नोडल अधिकारियों और राज्य नोडल अधिकारियों सहित विभिन्न हितधारकों के लिए एक व्यापक उपयोगकर्ता मैनुअल भी जारी किया जाएगा।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) की 1 जनवरी, 2017 को शुरूआत की गई थी। इसे पीएमएमवीवाई 2.0 के रूप में 1 अप्रैल, 2022 को मिशन शक्ति के एक घटक के रूप में संशोधित और शामिल किया गया था। इसका उद्देश्य  गर्भावस्था के दौरान हुई महिलाओं की मजदूरी की हानि के आंशिक मुआवजे के लिए नकद प्रोत्साहन प्रदान करना है, ताकि महिलाएं बच्चे के जन्म से पहले और बाद में पर्याप्त आराम कर सकें। इसके अलावा इसका उद्देश्य गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं (पीडब्ल्यू एंड एलएम) के स्वास्थ्य संबंधी व्यवहार में सुधार लाना भी है।

देश की आबादी में महिलाओं और बच्चों का सामूहिक रूप से 70 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है। इनके सतत और न्यायसंगत राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा देने के लिए इनका सशक्तिकरण, सुरक्षा और समग्र विकास सुनिश्चित करना आवश्यक है। पिछले नौ वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री के नेतृत्व में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय अपने इन मिशन उद्देश्यों को हासिल करने के लिए समर्पित रहा है:-

  1. महिलाओं को अपने मानवाधिकारों का उपयोग करने और अपनी पूरी क्षमता हासिल करने में सक्षम बनाने के लिए मुख्यधारा जैंडर पर ध्यान देते हुए जागरूकता पैदा करना और संस्थागत तथा विधायी सुविधा प्रदान करने पर जोर देते हुए व्यापक नीतियों और कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक सशक्तीकरण को आगे बढ़ाना।
  2. एकीकृत नीतियों और कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चों के विकास, देखभाल और सुरक्षा को सुनिश्चित करना, जिससे  शिक्षा, पोषण और संस्थागत और विधायी सुविधा प्रदान करके उनके विकास और पूर्ण क्षमता को बढ़ावा मिले।

पीएमएमवीवाई 2.0 का एक उल्लेखनीय पहलू लड़कियों के जन्म पर प्रोत्साहन देकर लड़कियों के बारे में सकारात्मक सामाजिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता है। सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित पृष्ठभूमि से आने वाली महिलाओं के लिए यह योजना दो किश्तों में दिए जाने वाला 5,000/- रुपये का मातृत्व लाभ प्रदान करती है। योजना के इस लाभ का विस्तार अब दूसरे बच्चे के लिए भी कर दिया गया है, बशर्ते कि दूसरा बच्चा लड़की हो। 

इस संशोधित ढांचे मेंमाताएं दूसरी लड़की के जन्म के बाद एक ही किस्त में ₹ 6,000 की प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने की पात्र हैं । इससे कन्या भ्रूण हत्या को हतोत्साहित करके और श्रम बल की भागीदारी को बढ़ाकर जन्म के समय लिंग अनुपात में सुधार करने में भी योगदान मिलेगा। इसके अलावा यह योजना समय पर टीकाकरण, प्रसव पंजीकरण और संस्थागत जन्म के लिए पंजीकरण को भी प्रोत्साहित करती है।

इस योजना की शुरूआत से 3.11 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को कुल 14,103 करोड़ रूपये से अधिक की राशि का वितरण करके वित्तीय सहायता प्रदान दी गई है। पीएमएमवीवाई पोर्टल और मोबाइल ऐप प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से सहज धन हस्तांतरण सुनिश्चित करने वाले नागरिक-अनुकूल अनुभव को प्राथमिकता देते हुए तकनीकी उत्कृष्टता उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

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