गर्मी झेल रहे लोगों को मिलेगी राहत, जानें कब दस्तक देगा मॉनसून, IMD की भविष्यवाणी

मॉनसून के लिए परिस्थिति अनुकूल
प्राइवेट वेदर फॉरकास्टिंग एजेंसी स्काईमेट के प्रेसिडेंट जीपी शर्मा ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून ने 19 मई को अंडमान सागर के बेहद दक्षिणी हिस्सों और भूमध्यरेखीय क्षेत्र में प्रवेश किया था। उन्होंने कहा कि अब तक कोई खास प्रगति नहीं हुई है। भारतीय मौसम विभाग के तहत पर्यावरण निगरानी और अनुसंधान केंद्र (EMRC) के चीफ डीएस पई ने कहा कि पूर्वोत्तर हिंद महासागर में पार-भूमध्यरेखीय प्रवाह मजबूत होने लगा है। अगले दो-तीन दिनों के दौरान दक्षिण बंगाल की खाड़ी, अंडमान सागर और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के कुछ हिस्सों में मानसून के प्रवाह के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो रही हैं।
मॉनसून का जापान सागर के तूफान वाला कनेक्शन
शर्मा ने कहा कि एक तूफान, जो वर्तमान में पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में है, के 30 मई तक जापान सागर के ऊपर से बहुत दूर जाने की संभावना है। यह केरल में मानसून के आने के लिए प्लेटफॉर्म तैयार करेगा। हालांकि इस तरह के टाइफून दूर स्थित हैं, वे बंगाल की खाड़ी के ऊपर हवा के पैटर्न को प्रभावित कर सकते हैं। इससे मानसून का प्रवाह प्रभावित हो सकता है। यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग के रिसर्च साइंटिस्ट डॉ अक्षय देवरस ने बताया कि हिंद महासागर के ऊपर मानसूनी हवाएं वर्तमान में बाधित हैं। यही हवाएं केरल में शुरुआत में देरी करेगी। हालांकि, पूर्वानुमान के अनुसार, जून की शुरुआत में हवाएं फिर से शुरू हो जाएंगी। ऐसे में मानसून के 5 से 7 जून के बीच केरल पहुंचने की उम्मीद है।
दिल्ली में पश्चिमी विक्षोभ से राहत
पश्चिमी हिमालय क्षेत्र पर एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुआ है। इसका असर दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों समेत उत्तर भारत के कई राज्य में दिखने लगा है। इससे इन इलाके में रह रहे लोगों को चिलचिलाती गर्मी से राहत मिली है। आईएमडी के अनुसार, गुरुवार तक अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाएगा। इसकी वजह है कि पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से बुधवार से शुरू होने वाले उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों में बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवाएं चलेंगी। नए पश्चिम विक्षोभ से हवाओं के साथ अरब सागर की खाड़ी के साथ-साथ बंगाल की खड़ी से भी नमी की आपूर्ति हो रही है।