Anant TV Live

अचल सम्पत्ति क्रय-विक्रय का अनुबंध पत्र का पंजीयन अनिवार्य

 | 
as
अचल सम्पत्ति क्रय-विक्रय के अनुबंध (सौदा-चिट्ठी) का पंजीयन आवश्यक है। भारतीय रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1908 की धारा-17 के अंतर्गत अचल सम्पत्तियों भूमि, भवन, फ्लेट, प्लॉट, दुकान, गोडाऊन, कार्यालय इत्यादि को खरीदने या विक्रय के एग्रीमेंट का पंजीयन सब रजिस्ट्रार कार्यालय में करना अनिवार्य है। केवल स्टाम्प पर लिखे गये नोटराईज्ड अनुबंध कानूनी अधिकार प्रदान नहीं करता है। अचल सम्पत्ति के क्रय-विक्रय के अनुबंध पत्रों पर स्टाम्प एवं पंजीयन शुल्क निर्धारित है। एग्रीमेंट में सम्पत्ति पर कब्जा नहीं दिया है, तो एक हजार रूपये स्टाम्प ड्यूटी और अनुबंध मूल्य का 0.8 प्रतिशत पंजीयन फीस प्रभार्य है। अनुबंध के द्वारा कब्जा देने पर सम्पत्ति के बाजार मूल्य या सौदा मूल्य, जो भी अधिक हो का हस्तांतरण पत्र अनुसार 5 प्रतिशत स्टाम्प शुल्क तथा 0.8 प्रतिशत पंजीयन फीस प्रभार्य है। अनुबंध पत्र पर उपरोक्तानुसार चुकाई गई स्टाम्प ड्यूटी और पंजीयन फीस का समायोजन रजिस्ट्री कराने पर हो जाता है। आम नागरिकों से अपील की गई है कि अचल सम्पत्ति क्रय-विक्रय के अनुबंध पत्रों का पंजीयन अवश्य कराएं। रजिस्टर्ड अनुबंध से अधिकार सुरक्षित रहते हैं तथा विवाद की संभावना बहुत कम हो जाती है।

Around The Web

Trending News

You May Also Like