17 वीं लोकसभा को सैल्यूट-18 वीं लोकसभा में 100 प्रतिशत उत्पादकता हासिल करने की उम्मीद
भारत की 17 वीं लोकसभा के अभूतपूर्व निर्णयों को पीढ़ियों तक दुनियां याद रखेगी
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21 वीं सदी के भारत की मजबूत नींव,संकल्प,विश्वास सहित ध्वनि मत से पारित होते अनेकों विधायकों को दुनियां याद रखेगी - एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया
गोंदिया - वैश्विक स्तरपर दुनियां के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में 10 फरवरी 2024का दिन लोकतंत्र के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन गिना जाएगा क्योंकि आज 17 वीं लोकसभा का अंतिम दिवस था इसके बाद लोकसभा का अनिश्चितकाल के लिए स्थगन कर दिया गया वैसे तो यह रीति हर सत्र के बाद हमेशा की जाती है,हर परंतु आज पूरी 17 वीं लोकसभा के अध्याय को हमेशा के लिए स्थगित कर दिया गया था,क्योंकि अब 18वीं लोकसभा के साथ ही सदन का सत्र शुरू होगा, जिसमें कुछ महत्वपूर्ण व्यक्तित्व और चेहरों को दोहराने की निश्चितता की परंपरा कायम रहेगी परंतु संभावना है कि 18वीं लोकसभा में अनेको नए चेहरे दिखाई देंगे,पुराने चेहरों को आराम या अन्य कार्यभार सोप जा सकता है।
मेरा स्पष्ट मानना है के 18वीं लोकसभा का रूप कुछ अलग ही देखने को मिल सकता है क्योंकि इस लोकसभा में सत्ता पक्ष के नारे अबकी बार हैट्रिक सहित 400 पार का नारा हकीकत में तब्दील हो सकता है तथा उसे पक्ष की वापसी 50 प्रतिशत से अधिक वोटिंग शेयर प्रतिशत से हो सकती है, ऐसा मेरा अनुभव के आधार पर आंकलन है सटीकता नहीं और 18 वीं लोकसभा में हंड्रेड परसेंट उत्पादकता सहित विकसित भारत परिकल्पना को अधिकतम कामयाब बनाने की व्यवस्था की जाएगी परंतु बीती 17 वीं लोकसभा में हुई कार्य उत्पादकता 97 प्रतिशतऔर अनेक महत्वपूर्ण विधेयकों को कानून में बदलने को लिए पीढ़ियों तक याद किया जाएगा, क्योंकि इस 17 वीं लोकसभा में विकास की परिभाषा ही बदल दी थी अनुच्छेद 370, 35 ए, राम मंदिर, तीन तलाक, नारी शक्ति वंदन अधिनियम साहित ऐसे अनेकों कानून दिए जिसकी परिकल्पना दशकों से की जा रही थी दूसरी ओर भारतीय न्याय संहिता सहित कुल 222 कानून बनाए गए,97प्रतिशत उत्पादकता रही जो पिछले पांच लोकसभा से सर्वाधिक है, 729 गैर सरकारी विधेयक सदन में प्रस्तुत किए गए, 274 बैठकें हुई, इसमें 1354 घंटे चली 345 घंटे नए समय से अधिक काम किया गया, सदन ने 387 घंटे व्यवधान की वजह से बर्बाद हुए। 543 में से 540 सदस्यों ने कभी ना कभी सदन की परिचर्चा में हिस्सा लिया, शून्य काल में 5568मामले उठाए गए जबकि नियम 370 में 4859 विषय उठाए गएमंत्रिमंडल द्वारा विभिन्न विषयों पर 534 वक्तव्य दिए गए, नियम 193 के तहत 12 चर्चाएं की गई संसदीय समितियां समितियां ने कुल 691 प्रतिशत प्रतिवेदन प्रस्तुत किए गए 69 प्रतिशत से अधिक सिफारिश को सरकार द्वारा स्वीकृत किया गया। 17 वीं लोकसभा को सैल्यूट, 18 वीं लोकसभा में 100 प्रतिशत उत्पादकता हासिल करने की उम्मीद है,चूंकि 17वीं लोकसभा में महत्वपूर्ण निर्णयों को पीढ़ियों तक दुनियां याद रखेगी इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, 21वीं सदी के भारत की मजबूत नींव,संकल्प,विश्वास सहित ध्वनि मत से पारित होते अनेकों विधेयकों को दुनियां याद रखेगी।
साथियों बात अगर हम लोकसभा के अंतिम सत्र के अंतिम दिन 10 फरवरी 2024 को माननीय पीएम द्वार संबोधन के दौरान व्यक्त की गई मुख्य बातों की करें तो, जो हमेशा हाशिए पर थे, जिनको कोई पूछता नहीं था, सरकार होने का उनको अहसास हुआ है। कोविड में मुफ्तइंजेक्शन होने पर उसको यह अहसास होता था कि चलो जान बच गई। सरकार होने का उसको अहसास होता था,ट्रांसजेंडर समाज के लिए भी 17वीं लोकसभा में काम किया। हमने ट्रांसजेंडर को एक पहचान दी है। अब तक 16-17 हजार ट्रांसजेंडर को पहचान पत्र मिल चुके हैं। पद्म अवॉर्ड उनको मिला है। वे सम्मान की जिंदगी जी रहे हैं। मुद्रा स्कीम का भी लाभ वे ले रहे हैं।
17वीं लोकसभा के सात सत्र ज्यादा प्रॉडक्टिविटी वाले भी रहे। इस सफलता के लिए सभी सांसदों और फ्लोर लीडर का आभार।पहले सत्र में दोनों सदनों ने कुल 30 विधेयक पारित किए, जो रेकॉर्ड रहा हैआजादी के 75 वर्ष पूरा होने के उत्सव के दौरान हमारे सदन ने बेहद अहम कामों का नेतृत्व किया।संसद के इस कार्यकाल में बहुत रिफॉर्म हुए जो गेमचेंजर रहे। 21वीं सदी के भारत की मजबूत रखी गई।हमारी पीढ़ियां जिन बातों का इंतजार करती थीं, ऐसे बहुत से काम 17 वीं लोकसभा में पूरे हुए।आर्टिकल 370 हटाकर संविधान के पूर्ण रूप का प्रगटीकरण हुआ, जिन लोगों ने संविधान बनाया होगा, उनकी आत्मा हमें आशीर्वाद देती होगी।कश्मीर के लोगों को सामाजिक न्याय से वंचित रखा गया था। आज जम्मू कश्मीर के लोगों तक भी सामाजिक न्याय का संकल्प पहुंचा है।आतंकवाद का नासूर से देश की धरती रक्तरंजित थी। हमने आतंकवाद के विरुद्ध सख्त कानून बनाए। इसकेकारण भारतको आतंकमुक्त करने का सपना सच हो रहा है।हम अंग्रेजों की दी हुई दंड संहिता में सालों तक जीते रहे। देश 75 साल भले ही दंड संहिता में जिया, लेकिन आने वाली पीढ़ी न्याय संहिता में जिएगी, आपने अपने पोते-पोतियों को यह कह सकते हैं।तीन तलाक से मुक्ति और नारी सम्मान का काम 17 वींलोकसभा ने किया है। भले ही कुछ सांसदों का विचार कुछ भी रहा हो,लेकिन कभी न कभी वे भी कहेंगे कि यह काम हमने होते देखा है।5 साल देश में रीफार्म, परफॉर्म एंड ट्रांसफॉर्म से जुड़े हैं। ये रेयर होता है। ये अपने आप में 17 वीं लोकसभा से आज देश अनुभव कर रहा है। सदन का महत्वपूर्ण रोल रहा है। ये समय है कि मैं सभी माननीय सांसदों का नेता होने के नाते और साथी होने के नाते अभिनंदन करताहूं।5 साल में इस सदी का सबसे बड़ा संकट पूरी मानव जाति ने झेला। कौन बचेगा, कौन बच पाएगा, कोई किसी को बचा सकता है कि नहीं, वो ऐसी अवस्था थी। ऐसे में सदन में आना भी संकट काल था।
जो भी व्यवस्थाएं करनी पड़ीं, आपने उसको किया। देश के काम को रुकने नहीं दिया। सदन की गरिमा भी बनी रहे और देश के आवश्यक कामों को जो गति देनी चाहिए, वो गति भी बनी रहे, सदन की भूमिका भी कम ना हो। इसको आपने बड़ी कुशलता के साथ संभाला,पिछला 5 साल देश के रिफॉर्म, ट्रांसफॉर्म औरपरफॉर्म का रहा। पीएम ने कोरोना जैसी विपरीत परिस्थिति में संसद की कार्यवाही, पेपरलेस पार्लियामेंट की शुरुआत और 17वींलोकसभा में 97प्रतिशत प्रोडक्टिविटी की प्रशंसा की।कोरोना के समय सांसदों के सांसद निधि छोड़ने, सांसदों की 30 प्रतिशत सैलरी कटौती, संसद की कैंटीन में समान रेट लागू किए जाने को लेकर सांसदों के सहयोग की भी तारीफ की। उन्होंने कोरोना के दौरान कुछ सांसदों के निधन पर भी दुख जताया। पीएम ने नए संसद भवन, सेंगोल की स्थापना, जी-20 के आयोजन पर भी सांसदों के सहयोग की सराहना की।
उन्होंने 5 साल के कार्यकाल में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने, अंग्रेजों की दंड संहिता हटाकर न्याय संहिता लाने, तीन तलाक कानून, पेपर लीक-चीटिंग बिल, डेटा प्रोटक्शन बिल, 60 से अधिक गैरजरूरी कानूनों को हटाने की भी चर्चा की। सरकार ने 16-17 हजार ट्रांसजेंडर्स को आइडेंटिटी दी, पद्म अवॉर्ड दिया। उन्हें पहचान दी। सरकार से जुड़ी योजनाओं का लाभ उन्हें मिलना शुरू हुआ। प्रेग्नेंसी के समय 26 वीक की छुट्टी जैसे फैसलों की चर्चा दुनिया ने की।अंत में कहा- राम मंदिर ने देश की भावीपीढ़ियों को देश के मूल्यों पर गर्व करने का मौका दिया। इस विषय पर बोलने में कुछ लोग हिम्मतदिखाते हैं, कुछ मैदान छोड़कर भाग जाते हैं। आज जो व्याख्यान हुए, उसमें संवेदना, सहानुभूति और संकल्प भी है।
बुरे दिन कितने भी गए हों, हम भावी पीढ़ी के लिए कुछ ना कुछ करते रहेंगे। सामूहिक संकल्प-शक्ति से परिणाम हासिल करते रहेंगे।वर्तमान लोकसभा की उत्पादकता के बारे में कहा कि 17वीं लोकसभा की कार्य उत्पादकता 97 प्रतिशत रही। मुझे पूरा विश्वास है कि हम 18वीं लोकसभा में इसे आगे बढ़ाते हुए शत प्रतिशत की उत्पादकता लाने का संकल्प लेंगे वर्तमानकार्यकाल में कई परिवर्तनकारी सुधार हुए।21वीं सदी के भारत की मजबूत नींव इनमें नजर आती है।आज शनिवार को 17वीं लोकसभा के आखिरी सत्र के अंतिम दिन सदन में कहा कि आज का दिवस लोकतंत्र की महान परंपरा का महत्वपूर्ण दिवस है, 17वीं लोकसभा ने देशसेवा में अनके फैसले किए हैं. उन्होंने यह भी कहा,ये पांच साल देश में रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म वाले रहे. मुझे यह उम्मीद है कि देश 17वीं लोकसभा को आशीर्वाद देता रहेगा। लोकसाभा अध्यक्ष के बारे में कहा,आप हमेशा मुस्कुराते रहे थे।आपकी मुस्कान कभी फीकी नहीं पड़ी।आपने कई मौकों पर संतुलित और निष्पक्ष तरीके से इस सदन का मार्गदर्शन किया, इसके लिए मैं आपकी सराहना करता हूं।गुस्से और आरोप प्रत्यारोप के कई क्षण आए लेकिन आपने धैर्यपूर्वक स्थिति को नियंत्रित किया और सदन चलाया, साथ ही हमारा मार्गदर्शन किया,इसके लिए मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं।संसद के नए भवन का निर्माण करवाने का फैसला लेने का श्रेय लोकसभा स्पीकर को देते हुए कहा कि उसी का परिणाम है कि देश को संसद का नया भवन प्राप्त हुआ।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि 17 वीं लोकसभा को सैल्यूट-18 वीं लोकसभा में 100 प्रतिशत उत्पादकता हासिल करने की उम्मीद।भारत की 17 वीं लोकसभा के अभूतपूर्व निर्णयों को पीढ़ियों तक दुनियां याद रखेगी।21 वीं सदी के भारत की मजबूत नींव,संकल्प,विश्वास सहित ध्वनि मत से पारित होते अनेकों विधायकों को दुनियां याद रखेगी।
-संकलनकर्ता लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकर एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र