U-CRISP टूल का लोकार्पण करेंगे मुख्यमंत्री एवं ब्रिटिश हाई कमिश्नर|
• ब्रिटिश सरकार कि फंडिंग से मनरेगा के लिए किया गया है विकसित |
• विज्ञान,नवाचार एवं प्रौद्योगिकी को बढ़ाने मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (मेपकास्ट) एवं ब्रिटिश उच्चायुक्त के बीच होगा एमओयू
मध्य प्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद (मेपकास्ट) द्वारा इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट फॉर एनवायरनमेंट एंड डेवलपमेंट (IIED) के सहयोग से भारत सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत मनरेगा कार्यक्रमों के लिए एक जलवायु सूचना सेवा (CIS) टूल- Climate Resilience Information System and Planning Tool for MGNREGS (CRISP-M) का निर्माण किया गया है जो जलवायु परिवर्तन की संभावित चुनौतियों का सामना करने में ग्रामीण समुदायों को आवश्यक सहायता प्रदान करता है। यह ग्रामीण परिवारों को स्थानीय जलवायु डेटा को प्राप्त करने और साझा करने की सुविधा प्रदान करने के साथ ही जलवायु संकट का सामना करने में मदद करता हैं और उनकी आजीविका की सुरक्षा के लिए संसाधनों तक पहुँचने की सुविधा प्रदान करता है। यह टूल समुदायो को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के बारे में जानकारी भी प्रदान करता है, जैसे की भविष्य के जलवायु परिदृश्य के तहत भूमि की भूजल की स्थिति , सतही वर्षा जल प्रवाह , वर्षा पैटर्न आदि, जिसके द्वारा जल संरक्षण की दीर्घ कालीन योजना निर्माण में आवश्यक सहायता मिलती है।
यह टूल अक्टूबर 2021 में लांच किया गया था, मध्यप्रदेश प्रथम राज्य है जहाँ इस टूल का उपयोग पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में सीहोर एवं रायसेन जिलों में किया गया है। इस टूल के विस्तार से ग्रामीण समुदाय को जलवायु परिवर्तन का सामना करने में मदद मिल सकती है क्योंकि राज्य अब अधिक बार तीव्र सूखे और जल की कमी का सामना कर रहा है।
क्रिस्प-एम (CRISP-M) एक भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) पर आधारित वेब और मोबाईल फ़ोन एप्लीकेशन टूल है, जिसका उपयोग मानचित्र, प्रबंधन और विश्लेषण करने के लिए किया जाता है। यह टूल मनरेगा की योजना, कार्यान्वयन और निगरानी को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए डेटा प्रदान करता है। टूल भौगोलिक जानकारी प्रणाली (जीआईएस) के दस भौगोलिक लेयर का उपयोग करता है, जो विभिन्न परियोजनाओं और योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण डेटा और विश्लेषण प्रदान करने में मदद करते हैं। टूल के तीन मुख्य घटक हैं, जो मृदा, जल संरक्षण और भूमि विकास कार्यों में समुदाय आधारित, जलवायु जोखिम सूचित योजना निर्माण की सुविधा प्रदान करते हैं। यह सरल लेकिन अत्यधिक प्रभावी टूल को मनरेगा के तहत जलवायु सहनशील योजना को सुविधाजनक बनाने के लिए विकसित किया गया है और यह समय के साथ वन विभाग से लेकर कृषि तक के क्षेत्रों में विस्तारित हो चुका है। टूल की सार्वभौमिक स्वीकृति और उपयोग ने उसे वैश्विक मान्यता दिलाई है, जिसमें टूल को Risk-informed Early Action Partnership (REAP) द्वारा प्रकाशित लगातार दो अर्ली एक्शन- “द स्टेट ऑफ़ प्ले” 2021 और 2022 में शामिल किया गया था | CRISP-M टूल की व्यापक उपयोगिता और स्वीकार्यता के बाद, जन साधारण के लिये टूल के वैश्विक संस्करण की आवश्यकता महसूस की गई जिसका उपयोग विभिन्न हितधारक उनके सम्बंधित कार्य क्षेत्र में कर सके। इस महत्वपूर्ण मांग को पूरा करने के लिए, MPCST ने IIED के साथ संयुक्त रूप से एक वैश्विक संस्करण विकसित किया है जो किसी भी हितधारक द्वारा सार्वभौमिक रूप से उपयोग किया जा सकता है।
यूनिवर्सल टूल का निर्माण
इस टूल का विकास ग्रामीण विकास मंत्रालय (MORD), भारत सरकार और Foreign Commonwealth and Development Office (FCDO), Govt. of UK के Infrastructure for Climate Resilient Growth programme (ICRG) पोर्टफोलियो के अंतर्गत विशेष सहयोग से हुआ है। आवश्यकता को देखते हुए यूनिवर्सल टूल का निर्माण जिसके अंतर्गत अन्य देशों में भी क्लाइमेट चेंज कि गतिविधियों को सम्पादित किया जायेगा | टूल को BBC द्वारा 'शीर्ष 10 नवाचार टूल' में भी शामिल किया गया है।
U-CRISP टूल का लोकार्पण करेंगे मुख्यमंत्री एवं ब्रिटिश हाई कमिश्नर
CRISP-M टूल का लोकार्पण उद्घाटन माननीय मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश शासन और ब्रिटिश हाई कमीशन के उच्चायुक्त द्वारा संयुक्त रूप से 1 सितंबर 2023 को मुख्यमंत्री आवास भोपाल में किया जाना है। इस अवसर पर ब्रिटिश उच्चायुक्त के साथ विभिन्न देशों के प्रतिनिधि भी सम्मिलित होंगे | इस अवसर पर आगामी परियोजनाओं, संयुक्त कार्यों हेतु माननीय मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश शासन से चर्चा की जायेगा |
रिसोर्स सेंटर का भी होगा आरम्भ
टूल के इस वैश्विक संस्करण का अनावरण MPCST भोपाल में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में किया जाना है, जिसमें जलवायु लचीलापन योजना के लिए रिसोर्स सेंटर का भी उद्घाटन होगा। इस टूल के वैश्विक स्तर पर उपयोग एवं वैश्विक अधिकारीयों के प्रशिक्षण हेतु नवनिर्मित रिसोर्स सेंटर का उद्घाटन ब्रिटिश उच्चायुक्त करेंगे |
मेपकास्ट में होगा कार्यक्रम
दिनांक 01 सितम्बर 2023 को मध्य प्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद (मेपकास्ट) परिसर में भोपाल कि वैज्ञानिक एवं तकनीकी संस्थाओं के प्रमुखों के बीच चर्चा एवं कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा | इस अवसर पर श्री ओमप्रकाश सखलेचा, माननीय मंत्री विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, मध्यप्रदेश शासन, डॉ निशांत खरे, अध्यक्ष युवा आयोग, मध्यप्रदेश शासन, डॉ अरविन्द रानाडे, निदेशक नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन अहमदाबाद, डॉ देबप्रिया दत्ता सलाहकार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार प्रमुख रूप से सम्मिलित होंगे | इस कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के अधिकारी, वैज्ञानिक, कुलपति,क्लाइमेट चेंज से जुडी संस्थाये, अधिकारी एवं वैज्ञानिक सम्मिलित होंगे |
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (मेपकास्ट) एवं ब्रिटिश उच्चायुक्त के बीच होगा एमओयू
इस क्षेत्र में विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार को बढ़ावा देने के लिए मेपकास्ट एवं ब्रिटिश उच्चायुक्त के बीच एमओयू किया जायेगा | इसके माध्यम से भविष्य में विभिन्न तकनीकी एवं नवाचार में दोनों संस्थायें मिलकर योजना बना सकेंगी साथ ही कार्य भी कर सकेंगी | इस क्षेत्र में नवीन प्रौद्योगिकियों को साझा भी कर सकेगी |
टूल के उपयोगकर्ता हितधारको को योजना निर्माण में आवश्यक तकनीकी ज्ञान और सहयोग प्रदान करेगा। IIED की टीम लीडर और मुख्य शोधकर्ता सुश्री रितु भारद्वाज ने बताया कि MPCST में संसाधन केंद्र की स्थापना के साथ, संसाधन केंद्र का मुख्य उद्देश्य फील्ड स्तर पर कार्यरत सरकारी पदाधिकारियो और समुदायों को टूल की उपयोगिता के बारे में आवश्यक जानकारी प्रदान करने और उनकी क्षमता को बढ़ाने पर होगा, ताकि वे इसे प्रभावी तरीके से उपयोग कर सकें, साथ ही उन्हें भविष्य में जलवायु प्रभावों का बेहतर प्रबंधन करने के लिए तैयार किया जा सके। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि जबकि यह टूल मूल रूप से मनरेगा (MGNREGS) के कार्यान्वयन के लिए डिज़ाइन किया गया था, टूल की व्यापक उपयोगिता ने इसे अन्य विभागों जैसे पर्यावरण, वन और जल संसाधन आदि की योजना निर्माण में वैश्विक स्तर पर भी विस्तारित किया जा सकता है। उन्होंने मेपकास्ट एवं मध्यप्रदेश शासन के प्रति आभार व्यक्त किया |
मेपकास्ट की विशिष्ट एवं वैश्विक उपलब्धि
मध्य प्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी ने बताया कि माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा टेक्नोलॉजी एवं इनोवेशन की दिशा में दी गयी प्रेरणा से ही यह विशिष्ट उपलब्धि हासिल हुई है | उन्होंने कहा कि U-CRISP टूल को जलवायु प्रभावों का बेहतर प्रबंधन करने में मदद के साथ ही जल संरक्षण के निर्माण के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण भी प्रदान करेगा तथा विभिन्न विभागों जैसे कि कृषि, वन, जल संसाधन आदि की विकास पहलों के तहत भूमि विकास और पौधरोपण के कार्यों का समर्थन कर सकता है। इस टूल के माध्यम से जलवायु प्रतिरोध क्षमता योजनाएँ भी ग्रामीण क्षेत्रों के लंबे समय तक सूखे से सुरक्षित करने का समर्थन कर सकती हैं।
More details about the tool can be found below:
• Flyer on CRISP-M tool link- https://www.iied.org/sites/default/files/pdfs/2021-09/20531iied.pdf
• Paper detailing the features and delivery approach of CRISP-M tool – Link- https://www.iied.org/sites/default/files/pdfs/2021-10/20471IIED.pdf
• Case study Compendium includes 12 case studies that demonstrate the impact of ‘tech plus people’ approach of CRISP-M on gender and intersectionality; marginalised and Indigenous groups; transparency and accountability; early warning and early action; supporting integrated planning; and landscape-based planning for long-term drought proofing. Link- https://www.iied.org/sites/default/files/pdfs/2023-03/21166iied.pdf
• Animation explaining how CRISP-M tool works – Link- https://www.youtube.com/watch?v=DCTDqny0E-A
• Video detailing how individuals and communities have used the tool Link- https://www.youtube.com/watch?v=862DbneenOk
• REAP- Early Action State of the Play 2021 “Climate Resilience Information System and Planning Tool (CRISP-M tool) specifically to help communities make climate-smart decisions. It expands an existing social protection system to absorb the effects of climate risks, adapt to climate impacts and transform local community capacities to deal with growing climate impacts.” Link- https://www.early-action-reap.org/early-action-state-play-2021
• REAP- Early Action State of the Play 2022 cover CRISP-P “Launched in late 2021, CRISP-M is a model example of how to integrate risk information into an existing national social protection system through a simple and easily accessible digital tool, thus strengthening community-based agency and resilience. In a nutshell, CRISP-M provides the critical bridge that enables an existing social protection system to support early action approaches – a mechanism identified as key to achieving Target 2.” Link- https://www.early-action-reap.org/early-action-state-play-2022
• Launch of the tool (October 2021) Link https://www.youtube.com/watch?v=7c2LirZSR68
• CRISP-M tool was showcased at the COP 26 as top 10 global innovation on Early-Warning and Early Action in a programme hosted by the BBC - Link https://www.youtube.com/watch?v=m1iO-9Cj5pc
• Launch of Case studies compendium Link - https://www.youtube.com/watch?v=IrQ7-WD8X74