कोयला मंत्रालय ने कोयला लॉजिस्टिक नीति 2023 के अंतर्गत तैयार एकीकृत कोयला निकासी योजना पर अपना प्रमुख निष्कर्ष प्रस्तुत किया।
60वीं नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) की बैठक 16 नवंबर 2023 को नई दिल्ली में उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) की विशेष सचिव (लॉजिस्टिक्स) श्रीमती सुमिता डावरा की अध्यक्षता में हुई।
बैठक के दौरान चर्चा में अलग-अलग मंत्रालयों/विभागों द्वारा कुशल लॉजिस्टिक्स (एसपीईएल) के लिए क्षेत्रीय योजना पर फोकस किया गया। राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (एनएलपी) के व्यापक लॉजिस्टिक्स एक्शन प्लान (सीएलएपी) के अंतर्गत प्रस्तावित विभिन्न पहलों में यह पहल यह सुनिश्चित करने के लिए प्रस्तावित की गई थी कि व्यक्तिगत क्षेत्र स्तर पर लॉजिस्टिक्स-संबंधी आवश्यकताओं का समाधान करने में एक केंद्रित दृष्टिकोण अपनाया जाए।
इस्पात मंत्रालय और कोयला मंत्रालय ने आज अवसंरचना, प्रक्रियाओं, डिजिटल सुधार, नीतियों और नियामक सुधारों और बेहतर कार्यबल के लिए क्षमता निर्माण से संबंधित लॉजिस्टिक्स की समस्याओं के समाधान के लिए अपनी योजनाएं प्रस्तुत कीं।
इस्पात मंत्रालय ने अपने एसपीईएल दृष्टिकोण की रूपरेखा प्रस्तुत की, जिसमें लौह अयस्क और इस्पात के लिए गहन आपूर्ति और मांग विश्लेषण, 2030-31 और उससे आगे की अनुमानित आवश्यकताएं, लॉजिस्टिक्स में भविष्य की तैयारी के लिए रणनीतिक योजना आदि शामिल हैं। इस्पात मंत्रालय द्वारा शीघ्र ही प्रारंभिक एसपीईएल प्रारूप को अंतिम रूप दिए जाने की आशा है।
कोयला मंत्रालय ने कोयला लॉजिस्टिक नीति 2023 के अंतर्गत तैयार एकीकृत कोयला निकासी योजना पर अपना प्रमुख निष्कर्ष प्रस्तुत किया। अवसंरचना अंतर परियोजना आवश्यकताओं को प्रस्तुत किया गया जो लॉजिस्टिक और लागत दक्षता में सुधार करेगा और अधिकतम मल्टीमॉडल मिश्रण प्राप्त करेगा। मंत्रालय ने कोयला लॉजिस्टिक्स के लिए रेलवे नेटवर्क के अधिकतम उपयोग के माध्यम से रेल लॉजिस्टिक्स लागत में 14 प्रतिशत की कमी की परिकल्पना की है। रेलवे लीड में कमी तथा रेल द्वारा सड़क परिवहन के प्रतिस्थापन के कारण वित्त वर्ष 2030 तक सीओ 2 उत्सर्जन को प्रति वर्ष 100,000 टन सीओ 2 तक कम करने की संभावना है।
अध्यक्ष ने स्वीकार किया कि कोयला लॉजिस्टिक नीति निर्दिष्ट समयसीमा के भीतर लॉजिस्टिक उद्योग के कुशल विकास को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्र-विशिष्ट योजनाओं के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। विशेष सचिव ने अंतर-क्षेत्रीय सहयोग को प्राथमिकता देने तथा समग्र योजना के लिए मॉडल मिश्रण को अधिकतम करने पर फोकस करने पर बल दिया।
अन्य मंत्रालयों द्वारा अब तक लॉजिस्टिक-संबंधी आवश्यकताओं के बारे में निम्नलिखित कार्रवाई की गई है:
- पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय द्वारा व्यापक बंदरगाह कनेक्टिविटी योजना विकसित और अधिसूचित की गई थी।
- सीमेंट क्षेत्रीय योजना का विकास जारी है।
- खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग लॉजिस्टिक लागत और पारगमन समय को कम करने के उद्देश्य से खाद्यान्नों की आवाजाही के लिए इष्टतम मार्गों की पहचान करने के लिए एक अध्ययन कर रहा है।
- कृषि और किसान कल्याण विभाग ने फसल कटाई के बाद प्रबंधन अवसंरचना के एक हिस्से के रूप में लॉजिस्टिक-संबंधी अवसंरचना को विकसित करने के लिए एक कृषि अवसंरचना कोष विकसित किया है।