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समझौता ज्ञापन दोनों देशों द्वारा किये गए हस्ताक्षर की तारीख से प्रभावी होगा और 3 साल की अवधि तक लागू रहेगा

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माननीय प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 12 जून, 2023 को भारत गणराज्य के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और आर्मेनिया गणराज्य के उच्च तकनीक उद्योग मंत्रालय के बीच डिजिटल परिवर्तन के लिए पूरी जनसंख्या के पैमाने पर कार्यान्वित सफल डिजिटल समाधानों को साझा करने के क्षेत्र में सहयोग पर हुए समझौता ज्ञापन (एमओयू) को मंजूरी दी।

समझौता ज्ञापन का उद्देश्य दोनों देशों की डिजिटल परिवर्तनकारी पहलों के कार्यान्वयन में घनिष्ठ सहयोग और डिजिटल प्रौद्योगिकियों-आधारित समाधानों (जैसे इंडिया स्टैक) और अनुभवों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है। एमओयू में आईटी के क्षेत्र में रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने वाले बेहतर सहयोग की परिकल्पना की गई है।

समझौता ज्ञापन दोनों देशों द्वारा किये गए हस्ताक्षर की तारीख से प्रभावी होगा और 3 साल की अवधि तक लागू रहेगा।

डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) के क्षेत्र में दोनों, जी2जी और बी2बी द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाये जायेंगे। इस समझौता ज्ञापन में विचार की गई गतिविधियों को उनके प्रशासन के नियमित परिचालन आवंटन के माध्यम से वित्तपोषित किया जाएगा।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई), आईसीटी क्षेत्र में द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए कई देशों और बहुपक्षीय एजेंसियों के साथ सहयोग कर रहा है। इस अवधि के दौरान, एमईआईटीवाई ने आईसीटी डोमेन में सहयोग और सूचना के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न देशों के अपने समकक्ष संगठनों/एजेंसियों के साथ एमओयू/एमओसी/समझौते किये हैं। यह देश को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए भारत सरकार द्वारा की गई डिजिटल इंडिया, आत्मनिर्भर भारत, मेक इन इंडिया जैसी विभिन्न पहलों के अनुरूप है। इस बदलते परिदृश्य में, आपसी सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से व्यावसायिक अवसरों की खोज करने, सर्वोत्तम तौर-तरीकों को साझा करने और डिजिटल क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने की तत्काल आवश्यकता है।

पिछले कुछ वर्षों में, भारत ने डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) के कार्यान्वयन में अपनी नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन किया है और कोविड महामारी के दौरान भी लोगों को सफलतापूर्वक सेवाएँ प्रदान कीं हैं। परिणामस्वरूप, कई देशों ने भारत के अनुभवों से सीखने के लिए भारत के साथ समझौता ज्ञापन करने में रुचि दिखाई है।

इंडिया स्टैक समाधान, सार्वजनिक सेवाओं तक पहुंच और वितरण प्रदान करने के लिए भारत द्वारा पूरी जनसंख्या के पैमाने पर विकसित और कार्यान्वित डीपीआई हैं। इसका उद्देश्य सार्थक कनेक्टिविटी प्रदान करना, डिजिटल समावेश को बढ़ावा देना और सार्वजनिक सेवाओं तक निर्बाध पहुंच को सक्षम बनाना है। ये खुली प्रौद्योगिकियों पर निर्मित हैं, अंतर-संचालन योग्य हैं और उद्योग और सामुदायिक भागीदारी का उपयोग करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जो नवाचार को बढ़ावा देते हैं। डीपीआई के निर्माण के सन्दर्भ में प्रत्येक देश की विशिष्ट आवश्यकताएँ और चुनौतियाँ हैं, हालाँकि काम करने के प्राथमिक तरीके एक जैसे हैं, जिनके लिए वैश्विक सहयोग की आवश्यकता होती है।

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