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कलयुग में क्षमा से बड़ी कोई शक्ति नहीं है : श्री माताजी

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mata shri

नववर्ष की आहट चहुं ओर सुनाई देने लगी है।हर ओर गुज़रे हुए समय पर पुनर्विचार व अवलोकन का दौर जारी है। हम सभी के इस वर्ष के अनुभवों में भी कुछ मिठास कुछ खटास अवश्य होगी। कुछ व्यक्तियों, संबंधों के प्रति प्रेम तो कुछ के प्रति क्षोभ के भाव भी होंगे। नव वर्ष का उत्सव की तरह नव संकल्प के साथ स्वागत करने के पीछे शायद यही अवधारणा रही होगी कि हम प्रत्येक नकारात्मक विचार को पीछे छोड़ कर नए उत्साह से जीवन पथ पर आगे बढ़ें। और हम यह नव हर्षमय विजयपथ सिर्फ दो ही शक्तियों, प्रेम व क्षमा के साथ  तैयार कर सकते हैं। क्षमा करना या क्षमा प्राप्त करना दोनों ही आत्म ज्ञान के बिना अत्यंत दुष्कर हैं। सहजयोग संस्थापिका परम पूज्य श्री माताजी निर्मला देवी जी ने क्षमा की शक्ति का वर्णन इस प्रकार किया है कि,
"कलियुग में क्षमा से बड़ी कोई विधि नहीं है।  क्षमा की शक्ति जितनी अधिक होगी, आप उतने ही अधिक शक्तिशाली होंगे।  सभी को क्षमा करें।  क्षमा वही कर सकता है जो बड़ा है।  छोटे दिमाग वाला क्या माफ कर सकता है?..... अपने भीतर जो धर्म है, उसे जानो।  आप धर्म में खड़े हैं।  जो धर्म में खड़ा है उसके भीतर इतनी जबरदस्त शक्तियां हैं।  इस धर्म को जानो। .....जो धर्म में खड़ा है, उसकी विधि अधर्म में खड़े व्यक्ति से भिन्न है।  जो धर्म में खड़ा है, उसका अधर्म में खड़े व्यक्ति से कोई मेल नहीं हो सकता।
        और धर्म प्रेम के सिवा और कुछ नहीं है।  और अगर प्रेम ही सब कुछ है तो क्षमा उसका अंग बन जाती है।  हमारे प्यार को देखकर कोई कितना जुल्म कर सकता है?  एक इंसान कितना बुरा कर सकता है?  दूसरा आपको कितना परेशान कर सकता है,  सब कुछ प्रेम से धुल जाएगा।  कलियुग में यही एकमात्र तरीका है जो काम करता है।
     धर्म में उत्थान करना सहज योग का लक्ष्य है।  अन्य कोई लक्ष्य नहीं है।  सीधा हिसाब है। ....आपको अपने धर्म में जागृत होना होगा, आपको अपना प्रकाश प्राप्त करना होगा और स्वयं को जानना होगा।  बिना क्षमा के भीतर पवित्रता नहीं आ सकती।  जब पवित्रता आएगी तब धर्म का प्रकाश फैलेगा... शुद्ध और निर्मल।" (  20/1/1975, मुंबई)
      नववर्ष में नवसंकल्प ले आत्मसाक्षात्कार के प्रकाश में अपनी अंतर्निहित प्रेम व क्षमा की शक्ति को सुदृढ़ बनाएं। आनंदमय व  संतुलित  उन्नति को प्राप्त करने हेतु सहजयोग ध्यान के जीवंत अनुभव का अवसर स्वयं को अवश्य प्रदान करें।
सहजयोग ध्यान का आनंद और अनगिनत लाभ लेने हेतु अपने नज़दीकी सहजयोग ध्यान केंद्र की जानकारी टोल फ्री नंबर 1800 2700 800 से प्राप्त कर सकते हैं या वेबसाइट www.sahajayoga.org.in पर देख सकते हैं।

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