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जनजातीय विद्यार्थियों ने दिया अपनी आदिम कला का परिचय

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जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय (ई.एम.आर.एस.) में राज्य स्तरीय वार्षिक सांस्कृतिक एवं साहित्यिक महोत्सव में जनजातीय विद्यार्थियों ने आकर्षक प्रस्तुतियां दीं। बावड़िया कला स्थित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय (गुरुकुलम) में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आये 63 ई.एम.आर.एस. के लगभग 250 विद्यार्थियों ने भाग लिया। जनजातीय विद्यार्थियों ने समूह नृत्य, समूह गान, वादन, एकल गायन, नाटक, एकल नृत्य, चित्रकारी, शास्त्रीय व उपशास्त्रीय गायन, जनजातीय लोककथा वाचन, तात्कालिक भाषण, स्पेल-बी, वाद-विवाद, वाचन, सृजनात्मक लेखन, प्रश्नोत्तरी आदि विधाओं में अपनी कला का शानदार प्रदर्शन किया। राज्य स्तर पर चयनित होने वाले विद्यार्थी 3 अक्टूबर को देहरादून में आयोजित होने वाली राष्ट्रीय प्रतियोगिता में मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व करेंगे।

सीखने-संवरने के अवसरों का उपयोग करें जनजातीय विद्यार्थी: पं. गुंदेचा

प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक गुरु पंडित उमाकांत गुंदेचा ने कहा कि आपको अपनी प्रतिभा और कला से प्रदेश का नाम राष्ट्रीय स्तर पर ऊंचा करना है। विद्यार्थी जीवन में कला को निखारने का अनमोल अवसर देता है। सीखने, समझने और संवरने के अवसरों का अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए। संगीत निर्माता व निर्देशक उमेश तरकशवार और डॉ. वीनस बतौर निर्णायक व अन्य मार्गदर्शक उपस्थित रहे।

विद्यार्थियों की प्रतिभा को निखारने के लिए प्रदेश स्तर पर 10 दिवसीय मार्गदर्शन शिविर का आयोजन किया जाएगा जिससे वे राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर सकें।

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