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एच&1बी वीजा पर भारत का बयान: तकनीकी विशेषज्ञता से दोनों देशों को लाभ

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अमेरिकी एच-1बी वीजा पर अमेरिका में जारी बहस के बीच भारत ने शुक्रवार को कहा कि कुशल पेशेवरों की आवाजाही भारत-अमेरिका संबंधों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इससे दोनों देशों को लाभ होता है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अमेरिका में एच-1बी वीजा पर चर्चा के बारे में पूछे जाने पर कहा, ''दोनों देशों के बीच मजबूत एवं बढ़ती आर्थिक व तकनीकी साझेदारी है और इस दायरे में कुशल पेशेवरों की गतिशीलता महत्वपूर्ण घटक है।''

भारत-अमेरिका आर्थिक संबंधों को होता है फायदा
उन्होंने कहा, ''भारत-अमेरिका आर्थिक संबंधों को कुशल पेशेवरों की ओर से प्रदान की गई तकनीकी विशेषज्ञता से बहुत लाभ होता है और दोनों पक्ष अपनी ताकत व प्रतिस्पर्धी मूल्य का फायदा उठाते हैं। हम भारत-अमेरिका आर्थिक संबंधों को और गहरा करने की आशा करते हैं जो दोनों देशों के लिए फायदेमंद हैं।''

यमन में मौत की सजा प्राप्त भारतीय नर्स निमिषा प्रिया के संदर्भ में जायसवाल ने कहा, ''हम निमिषा प्रिया की सजा से जुड़े घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहे हैं। सरकार इस मामले में हरसंभव मदद कर रही है।''

मेक्सिको में भारतीयों को पेश आने वाली मुश्किलों के संदर्भ में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारतीयों को मेक्सिको के नियमों को ध्यान में रखना चाहिए ताकि वे हवाई अड्डे पर अप्रिय अनुभव से बच सकें। जायसवाल ने कहा कि मेक्सिको जाने वाले यात्रियों को वहां यात्रा की योजना बनाने से पहले सभी परामर्शों को अवश्य पढ़ लेना चाहिए।

ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले एच-1बी वीजा पर बहस तेज
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले एच-1बी वीजा पर बहस तेज हो गई है। इसके कारण ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी और राष्ट्रपति जो बाइडन की डेमोक्रेटिक पार्टी के बीच मतभेद पैदा हो गए हैं। यह वीजा भारतीय पेशेवरों में खासा लोकप्रिय है। अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर वर्ष हजारों कामगारों को नियुक्त करने के लिए एच-1बी पर निर्भर रहती हैं। इस वीजा के सबसे बड़े लाभार्थी भारतीय हैं।

ट्रंप ने एच-1बी वीजा का समर्थन किया
ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति रूप में शपथ लेंगे। उन्होंने एच-1बी वीजा का समर्थन किया है। उनके दो करीबी विश्वासपात्रों टेस्ला के मालिक एलन मस्क और उद्यमी विवेक रामास्वामी भी इस वीजा का समर्थन कर रहे हैं। ट्रंप ने मस्क और रामास्वामी को नव गठित सरकारी दक्षता विभाग का नेतृत्व करने के लिए नामित किया है।

ट्रंप ने सप्ताहांत के दौरान न्यूयार्क पोस्ट से कहा, 'मैंने हमेशा इस वीजा को पसंद किया है। मैं हमेशा से इसके पक्ष में रहा हूं। मुझे हमेशा से लगता है कि हमारे देश में सबसे सक्षम लोग होने चाहिए। हमें सक्षम लोगों की जरूरत है। हमारे पास ऐसी नौकरियां होंगी, जो पहले कभी नहीं थीं।'

सैंडर्स ने भी एच-1बी वीजा का विरोध किया
मस्क और रामास्वामी ने भी तर्क दिए हैं कि सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को आकर्षित करने के लिए एच-1बी वीजा आवश्यक है। जबकि ट्रंप के ही कुछ समर्थकों का कहना है कि एच-1 बी वीजा के कारण अमेरिकियों की नौकरियां खत्म हो रही हैं, लेकिन मस्क और रामास्वामी ने वीजा का समर्थन किया है। इधर, प्रभावशाली डेमोक्रेटिक सीनेटर बर्नी सैंडर्स ने भी एच-1बी वीजा का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि ट्रंप के दोनों करीबी विश्वासपात्र गलत हैं। जबकि डेमोक्रेटिक पार्टी के भारतीय मूल के सांसदों रो खन्ना, राजा कृष्णमूर्ति और श्री थानेदार ने इस वीजा का समर्थन किया है।

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