कलेक्टर राजनीतिक एजेंट की तरह काम कर रहे, इन्हें पद से हटा देना चाहिए: हाईकोर्ट
हारे हुए उम्मीदवार को विजयी घोषित किया था, हाईकोर्ट ने किया तलब
कलेक्टर द्वारा हारे हुए प्रत्याशी को विजयी घोषित करने की याचिका पर जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। बुधवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस विवेक अग्रवाल ने जिला कलेक्टर को व्यक्तिगत रूप से अनावेदक बनाने के निर्देश जारी किए। साथ ही कलेक्टर को 17 अगस्त को तलब भी किया है। बता दें कि जनपद पंचायत उपाध्यक्ष पद का चुनाव जीतने के बाद दायर की गई चुनाव याचिका पर सुनवाई करते हुए जिला कलेक्टर ने हारे हुए प्रत्याशी को विजयी उम्मीदवार घोषित कर दिया। जिसके खिलाफ पीड़ित ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
पन्ना के रहने वाले याचिकाकर्ता परमानंद शर्मा ने होईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा, उन्होंने जनपद पंचायत गुन्नौर के उपाध्यक्ष के लिए नामांकन किया था। 27 जुलाई को उपाध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में 25 निर्वाचित सदस्यों में से 13 ने वोट दिये थे और उन्होंने जीत दर्ज की थी। उपाध्यक्ष निर्वाचित होने का सार्टिफिकेट भी उन्हें दे दिया गया था।
अपनी याचिका में शर्मा ने बताया कि चुनाव प्रक्रिया संपन्न होने के बाद सभी सदस्य अपने घर लौट आये थे। इस दौरान शाम करीब 4.30 बजे हारे हुए उम्मीदवार राम शिरोमणि ने जिला निर्वाचन अधिकारी व कलेक्टर संजय कुमार मिश्रा के समक्ष धारा 122 के तहत चुनाव याचिका दायर कर दी। इस याचिका पर तत्काल सुनवाई करते हुए कलेक्टर मिश्रा ने शाम करीब सात बजे पराजित प्रत्याशी को विजयी घोषित कर दिया और सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया। जिला कलेक्टर ने विजयी होने के बाद भी उन्हें अपना पक्ष रखने का अवसर नहीं दिया जो प्राकृतिक न्याय के खिलाफ है।
याचिकाकर्ता शर्मा की तरफ से पैरवी करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज शर्मा ने एकलपीठ को बताया कि जिला कलेक्टर का आचरण चुनाव आयोग के जिला निर्वाचन अधिकारी की तरह नहीं था। उन्होंने सत्तारूढ पार्टी के एजेंट के रूप में काम किया है। इसके बाद जस्टिस विवेक अग्रवाल ने जिला कलेक्टर मिश्रा को याचिका में अनावेदक बनाने के निर्देश दिए और उन्हें 17 अगस्त को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है।