5G स्पेक्ट्रम खरीदने वाला Jio अकेला ऑपरेटर, इसके लिए क्यों महत्वपूर्ण है 700 मेगाहर्ट्ज बैंड
नई दिल्ली : रिलायंस जियो ने 5जी की दौड़ में शुरूआती बढ़त हासिल कर ली है। 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के साथ ही भारत में 5जी सर्विस का रास्ता साफ हो गया है। सभी 22 टेलीकॉम सर्किल्स में प्रीमियम 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में 5जी स्पेक्ट्रम खरीदने वाला जियो अकेला ऑपरेटर है। अमेरिका और यूरोपीय यूनियन ने इसे 5जी सर्विस के लिए ‘प्रीमियम बैंड’ घोषित किया है। दुनिया भर में इस बैंड के लोकप्रिय होने की कई वजह हैं।
पहली इसकी सबसे बड़ी वजह यह है की ये कम फ्रीक्वेंसी में भी इमारतों के कहीं भीतर तक प्रवेश कर सकती है। इनडोर व आउटडोर कवरेज के मामले में यह लाजवाब है। इसलिए 700 मेगाहर्ट्ज बैंड को घनी आबादी के क्षेत्रों और भारी डेटा खपत वाले इलाकों के लिए आदर्श माना जाता है।
दूसरी वजह है इसकी लॉन्ग आउटडोर कवरेज। 700 मेगाहर्ट्ज बैंड का टावर करीब 10 किलोमीटर तक कवरेज दे सकता है। इसकी कवरेज के कारण ऑपरेटर को कम टावर लगाने पड़ते हैं, ऑपरेटिंग कॉस्ट कम आती है। इसलिए कीमती होने के बावजूद यह बैंड किफायती 5जी सेवाओं के लिए फायदेमंद है।
तीसरी और सबसे महत्वपूर्ण वजह है डेटा ट्रैफिक हैंडलिंग में इसकी महारत। यह बैंड स्टैंडअलोन 5जी नेटवर्क को सपोर्ट करता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि 1800 मेगाहर्ट्ज की तुलना में 5 गुना और 900 मेगाहर्ट्ज की तुलना में दोगुना अधिक कुशल है 700 मेगाहर्ट्ज बैंड। साथ ही 2100 मेगाहर्ट्ज के मुकाबले 700 मेगाहर्ट्ज में ब्रॉडबैंड सेवाएं देना सस्ता पड़ता है।
5जी केवल शहरों तक ही सीमित नही रहेगी। भारत की अधिकतर आबादी गावों में ही रहती है। इस 5जी की मदद से गावों को शहरों से जोड़ा सकता है। संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी 700 मेगाहर्ट्ज बैंड को, दूर-दराज के ग्रामीण/भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में कनेक्टिविटी प्रदान करने में मदद करेने वाला बताया था।