नितिन गडकरी ने भारत की पहली हाइड्रोजन कार का दौरा किया और पुरस्कारों में भाग लिया।

भारत में जल्द ही आपको हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाले वाहन दौड़ते हुए देखने को मिलने वाले हैं। भारत सरकार लगातार इलेक्ट्रिक और बायो-फ्यूल से चलने वाले वाहनों पर जोर दे रही है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि जब भारत में आम लोगों को हाइड्रोजन कारें मिलने लगेंगी। वह मंगलवार को जी ऑटो अवॉर्ड्स 2022 में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने प्रदूषण का दोतरफा इलाज भी बताया। नितिन गडकरी ने कहा कि पुआल से ईंधन बनाया जा रहा है, जिसका इस्तेमाल हाइड्रोजन कार में किया जाएगा। नितिन गडकरी ने भारत की पहली हाइड्रोजन कार का दौरा किया और पुरस्कारों में भाग लिया।
दरअसल, हाइड्रोजन कार (हाइड्रोजन कार) का निर्माण अब भारत में होगा। इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है। अभी हाइड्रोजन तीन तरह से बनाई जा रही है। ब्लैक हाइड्रोजन जो कोयले से बनती है। ब्राउन हाइड्रोजन जो पेट्रोलियम से बनता है। इसका तीसरा प्रकार ग्रीन हाइड्रोजन है। ये हाइड्रोजन नगर निगम के कचरे, सीवेज के पानी या पानी से बनाया जा सकता है।
गडकरी ने कहा, "हम नगर पालिका के कचरे से हरित ईंधन बनाना चाहते हैं। अब हम ईंधन का निर्यात करना चाहते हैं, ईंधन का आयात नहीं। अधिक बनाता है। 1.25 से 1.5 करोड़ में बनता है। इसका काम ऑक्सीजन को अलग करना और हाइड्रोजन बनाना है।नितिन गडकरी ने बताया कि एक समय उनकी पत्नी भी उनकी बात पर भरोसा हीं करती थी कि पानी से फ्यूल बनाकर कार चलेगी। इसलिए उन्होंने सोचा कि वह अब इसी में सफर करें। सड़क परिवहन मंत्री गडकरी के मुताबिक, भारत में डेढ़ से दो साल में लोग हाइड्रोजन कार चला सकेंगे। उनकी कोशिश है कि 80 रुपए किलो हाइड्रोजन मिल सके। 1 किलो हाइड्रोजन में कार 400 किलोमीटर चल सकेगी।