5G नीलामी में उतरने के पीछे अडानी समूह ने कहा कि अपने एयरपोर्ट्स और पोर्ट्स के लिए कंपनी को प्राइवेट नेटवर्क की जरूरत है
5G स्पेक्ट्रम (5G Auction) की नीलामी आज भारत सरकार के तरफ से की जाएगी। 5जी की इस जंग में मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की जियो (Jio) और सुनील मित्तल की एयरटेल (Airtel) के बीच सीधी टक्कर मानी जा रही है। लेकिन एशिया के सबसे रईस व्यक्ति गौतम अडानी (Gautam Adani) की कंपनी अडानी डाटा नेटवर्क लिमिटेड (Adani Data Network Limited) के इस नीलामी में उतरने से 5G जंग और रोचक हो गई है। इस नीलामी में कुमाल मंगलम की कंपनी वोडाफोन आइडिया (VI) भी शामिल है। अडानी ग्रुप के इस नीलामी में उतरने से जो एक बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या गौतम अडानी की निगाह अब टेलीकाॅम सेक्टर पर भी हैं। आइए जानते हैं कंपनी क्या कुछ कह रही है इस नीलामी को लेकर- क्या है अडानी ग्रुप का प्लान?
5G नीलामी में उतरने के पीछे अडानी समूह ने कहा कि अपने एयरपोर्ट्स और पोर्ट्स के लिए कंपनी को प्राइवेट नेटवर्क की जरूरत है। इसलिए कंपनी इस नीलामी में हिस्सा ले रही है। कंपनी ने स्पष्ट किया है उसका कंज्यूमर मोबाइल स्पेस में उतरने का फिलहाल कोई प्लान नहीं है। लेकिन इसके बावूजद इसकी चर्चा खूब है कि अडानी उन सेक्टर में निवेश कर रहे हैं जहां अंबानी पहले से ही पैर जमा चुके हैं। बता दें, 6 साल पहले अंबानी टेलीकाॅम सेक्टर में उतरे थे। जिसके बाद रिलायंस जियो के जरिए उन्होंने इस पूरे सेक्टर की तस्वीर ही बदल कर रख दिया। भारत डिजिटल डेवलपमेंट के मामले में एक अहम पड़ाव पर पहुंच चुका है। जहां अमेजन और वालमार्ट जैसी कंपनियां ई-काॅमर्स की दुनिया में अपनी पैठ बना रही हैं। इस वजह से भी 5G नीलामी को बहुत गंभीरता से देखा जा रहा है। हालांकि इन सबके बीच अडानी डाटा द्वारा जमा किए गए डिपाॅजिट मनी की भी खूब चर्चा हो रही है। जहां रिलायंस ने 14000 करोड़ रुपये जमा किए हैं तो वहीं अडानी समूह की कंपनी ने महज 100 करोड़ रुपये ही ऑक्शन के लिए डिपाॅजिट किया है।
Bexley Advisors के एमडी उत्कर्ष सिन्हा कहते हैं, '5G के रोलऑउट से भारत को बहुत फायदा होगा।' उत्कर्ष कहते हैं, 'अडानी के एंट्री से रिलायंस जिओ को झटका लगा है। बड़े स्तर पर डिपाॅजिट मनी को देखकर यही लगता है कि किसी भी हालात में इसे खोना नहीं चाहते।'