सरकार का मकसद शीतकालीन सत्र में डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन बिल लाना है।
कुछ कम्पनियां ग्राहकों के निजी डाटा का इस्तेमाल अपने हित हेतु करती है। लेकिन अब इन कम्पनियों की समस्या बढ़ने वाली है। क्योंकि सरकार इस नियम से असंतुष्ट है और जो कम्पनियां ऐसा करने की कवायद में है उनपर जुर्माना लगाने की तैयारी कर रही है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन बिल का मसौदा तैयार कर रही है। सरकार ने कहा है वह यूरोपीय यूनियन के तहत एक बिल लाएगी। क्योंकि ग्राहकों का डेटा उनकी बिना इजाजत के इस्तेमाल करना अनुचित है। वही जो कम्पनियां यह कर रही है उन्हें इस परिपेक्ष्य में भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
त्रों ने दावा किया है। कि आज डीजी6डेटा प्रोटेक्शन बिल का ड्राफ्ट सरकार पेश करके इसपर सबकी राय ले सकती है। सरकार का मकसद शीतकालीन सत्र में डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन बिल लाना है।
जानकारी के लिए बता दें केंद्र सरकार ने यह साफ कहा है कि कुछ ही दिनों में वह डिजिटल डेटा के संरक्षण के संदर्भ में एक बिल पेश करेगी। यह सायबर फ्राड को रोकने के लिए कारगर होगा।