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इलेक्ट्रिक वाहन की बैटरी खराब होने की समस्या हमारी लापरवाही के कारण होती है। बैटरी को कभी भी ओवर चार्ज नहीं करना चाहिए

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देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में पहली बार ईवी खरीदने वालों के मन में एक सवाल है कि अगर बैटरी की समस्या है तो वे कैसे निपटेंगे। बैटरी कब खराब हो जाती है और इसे बदलने में कितना खर्च आता है। ऐसी ही कुछ जानकारी हम इस खबर में दे रहे हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी लाइफ बहुत लंबी होती है। इलेक्ट्रिक कारों में बैटरी लाइफ आमतौर पर आठ साल से अधिक होती है, और दोपहिया वाहनों में बैटरी की लाइफ भी पांच साल से अधिक होती है।

भारत में मिलने वाली ज्यादातर इलेक्ट्रिक कारों की बैटरी पर कंपनी की ओर से आठ साल या 1.5 लाख किलोमीटर की वारंटी दी जाती है। वहीं, इलेक्ट्रिक बाइक और स्कूटर पर पांच साल 60 हजार किमी की वारंटी दी जाती है। नया इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के बाद बैटरी को चार्ज होने में बहुत कम समय लगता है। जैसे-जैसे बैटरी की सेहत बिगड़ती जाती है। वैसे, चार्जिंग टाइम बढ़ने लगता है। इसी तरह नई बैटरी चार्ज होने के बाद जल्दी खत्म नहीं होती है। इसकी रेंज भी बहुत ज्यादा है। लेकिन जब बैटरी खराब होने लगती है तो कम चलने के बाद भी बैटरी जल्दी खत्म होने लगती है। इससे वाहन की रेंज भी कम हो जाती है।

बैटरी की क्षमता भी मौसम से प्रभावित होती है। देश के वे क्षेत्र जहां तापमान अधिक होता है और जहां तापमान शून्य से नीचे होता है। इलेक्ट्रिक वाहनों की दक्षता पर असर पड़ सकता है। इलेक्ट्रिक वाहन की बैटरी खराब होने की समस्या हमारी लापरवाही के कारण होती है। बैटरी को कभी भी ओवर चार्ज नहीं करना चाहिए। लगभग सभी कंपनियां इस बात की जानकारी देती हैं कि किस वाहन को चार्ज करने में कितना समय लगता है। ऐसे में ओवर चार्ज से बचना चाहिए।

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