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भारत में गाड़ियों की बिक्री में अभी भारी ग्रोथ की गुंजाइश है। इसकी वयह यह है कि भारत जल्दी ही दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बनने जा रहा है।

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भारत में गाड़ियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। वह जापान का पछाड़कर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा वीकल मार्केट (third largest vehicle market) बन गया है। सेमीकंडक्टर चिप की कमी के बावजूद पिछले साल यानी 2022 में भारत में 42.5 लाख से अधिक गाड़ियां बिकीं। यह चीन और अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा संख्या है। कोरोना काल के बाद लोगों में पर्सनल वीकल की मांग बढ़ी है। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोटिव मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के मुताबिक पिछले साल जनवरी से नवंबर तक देश में 41.3 लाख गाड़ियां बिकीं। इनमें पैसेंजर और कमर्शियल वीकल्स शामिल हैं। SIAM कमर्शियल वीकल्स के बारे में तिमाही आधार पर आंकड़े जारी करती है। उसने अब तक अक्टूबर-तिमाही के आंकड़े जारी नहीं किए हैं।

बिजनस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक टाटा मोटर्स (Tata Motors) जैसी ओरिजनल इक्विपमेंट मेकर्स कंपनियां अपने होलसेल और रिटेल सेल्स की तिमाही आंकड़े जारी करती हैं। टाटा मोटर्स ने अब तक अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के आंकड़े नहीं दिए हैं। देश की सबसे बड़ी पैसेंजर कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (Maruti Suzuki India) की दिसंबर में सेल 113,535 यूनिट रही। इस तरह भारत में बिक्री का आकंड़ा पिछले साल 42.5 लाख यूनिट पार कर चुका है। शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक जापान में पिछले साल 42 लाख गाड़ियां बिकीं जो 2021 की तुलना में 5.6 फीसदी कम है।

कौन है नंबर वन

चीन दुनिया के सबसे बड़ा वीकल बाजार है। वहां पिछले साल 2.675 करोड़ गाड़ियां बिकी जो 2021 की तुलना में 1.7 फीसदी अधिक हैं। इसी तरह अमेरिका में पिछले साल 1.389 करोड़ गाड़ियां बिकीं जो 2021 की तुलना में 7.8 फीसदी अधिक हैं। 2021 में चीन में 2.627 करोड़ गाड़ियां बिकी थीं जबकि चीन में 1.54 करोड़ और जापान में 44.4 करोड़ गाड़ियां बिकी थीं। अगर टाटा मोटर्स और कमर्शियल वाहनों की बिक्री भी जोड़ी जाए तो भारत में पिछले साल गाड़ियों की बिक्री जापान से कहीं अधिक रही।

चीन 2006 में जापान को पछाड़कर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा वीकल मार्केट बना था और फिर 2009 में उसने अमेरिका को भी पछाड़ दिया था। 2018 में भारत में 44 लाख गाड़ियां बिकी थीं लेकिन 2019 में यह संख्या 40 लाख रह गई थी। कोरोना के फैलने के बाद 2020 में यह संख्या 30 लाख से भी नीचे आ गई थी। लेकिन 2021 में यह संख्या एक बार फिर 40 लाख के पार पहुंच गई थी। सेमीकंडक्टर चिप की कमी से 2021 में गाड़ियों का प्रॉडक्शन प्रभावित हुआ था। पिछले साल के शुरुआती महीनों में भी चिप की कमी आड़े आई थी।

आनंद महिंद्रा हुए गदगद

जानकारों का कहना है कि भारत में गाड़ियों की बिक्री में अभी भारी ग्रोथ की गुंजाइश है। इसकी वयह यह है कि भारत जल्दी ही दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बनने जा रहा है। देश में अभी केवल 8.5 फीसदी परिवारों के पास ही गाड़ी है। यानी आने वाले दिनों में भारत पहले अमेरिका और फिर चीन से भी आगे निकल सकता है।


इस बीच महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने इस पर एक मजेदार ट्वीट किया है। उन्होंने कहा, 'जब मैं 1980 के दशक में बिजनस स्कूल में गया तो दुनिया में जापान की गाड़ियों का बोलबाला था। तब अगर मैंने अपनी क्लास के किसी इंटरनेशनल साथी से कहा होता कि एक दिन भारत आउटपुट के मामले में जापान से आगे निकल जाएगा तो वे मुझ पर हंसते।' हालांकि उन्होंने साथ ही कहा कि क्वालिटी के मामले में हमें अब भी बहुत कुछ सीखने की जरूरत है।'

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