नया वेज कोड लागू होने से रिटायरमेंट पर मिलने वाली रकम में बढ़ोतरी हो सकती है

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वेज कोड लागू हो जाने पर कर्मचारियों के बेसिक सैलरी और प्रॉविडेंट फंड में बड़े बदलाव हो सकते हैं. नये नियमों के तहत, प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों की बेसिक सैलरी, उनकी टोटल सैलरी (New Wage Code Total Salary) की कम से कम 50 फीसदी हो जायेगी. इस बदलाव से उनका PF कंट्रीब्यूशन बढ़ जायेगा. साथ ही कर्मचारियों के ग्रेच्युटी (New Wage Code Gratuity) भी बढ़ जायेगी. यह भी रिटायर होने के बाद कर्मचारियों को अधिक फायदा देगा.सरकार ने 29 श्रम कानूनों को एक साथ जोड़कर एक नया वेज कोड बनाया है. इसमें इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड, ऑक्यूपेशनल सेफ्टी कोड, सोशल सेक्योरिटी कोड ऑन वेजेज तथा वेज कोड 2019 शामिल हैं. नये वेज कोड के मुताबिक, अब किसी भी कर्मचारी का बेसिक पेमेंट उसकी सैलरी के 50 प्रतिशत से कम नहीं सकता है. नया वेज कोड लागू होने के बाद नियोक्ता को सीटीसी (कॉस्ट टू कंपनी) का 50 प्रतिशत हिस्सा बेसिक पेमेंट के तौर पर देना होगा. इससे दूसरे कंपोनेंट्स में कर्मचारियों की हिस्सेदारी बढ़ जायेगी. इससे उनका पीएफ और ग्रैच्युटी बढ़ जायेगा. इसके अलावा, बोनस, पेंशन, कन्वेंस एलाउंस, हाउस रेंट एलाउंस, हाउसिंग बेनिफिट्स, ओवरटाइम जैसे कंपोनेंट्स खत्म हो जायेंगे. केवल बेसिक पे, डीए (रिटेंशन पेमेंट) ही बच जायेंगे. कंपनियां यह सुनिश्चित करेंगी कि बेसिक सैलरी के अलावा सीटीसी में शामिल कोई अन्य कंपोनेंट 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो.

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