अदाणी विद्या मंदिर के वत्सल को मिला टॉप आईआईएम में दाखिल

कहते हैं कि अगर हौसलों में उड़ान हो तो कई भी मुकाम हासिल करना मुश्किल नहीं होता। 

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कहते हैं कि अगर हौसलों में उड़ान हो तो कई भी मुकाम हासिल करना मुश्किल नहीं होता। 

कुछ ऐसा ही कमाल अहमदाबाद के निकोल इलाके में रहने वाले वत्सल गुप्ता ने कर दिखाया है। 10 साल तक अदाणी विद्या मंदिर (एवीएम) अहमदाबाद के स्टूडेंट रहे वत्सल गुप्ता ने टॉप मैनेजमेंट संस्थानों में एडमिशन के लिए आयोजित कैट एग्जाम में 99.51 पर्सेंटाइल हासिल किया है। उन्हें आईआईएम रोहतक में एडमिशन मिला है। वत्सल के कैट स्कोर के आधार पर वह देश के 6 बड़े मैनेजमेंट कॉलेजों में से किसी में भी एडमिशन ले सकते थे,
लेकिन उन्होंने अपनी सहूलियत के मुताबिक आईआईएम रोहतक को पढ़ाई के लिए चुना है। वत्सल ने सपने में भी नहीं सोचा था कि अदाणी विद्या मंदिर में एडमिशन लेने का उनका कदम, उनके लिए देश के जाने-माने मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट के दरवाजे खोलेगा। वत्सल ने साल 2010 में अदाणी विद्या मंदिर में एडमिशन लिया और साल 2020 में 12वीं पास की। उसके बाद उन्होंने बीबीए की डिग्री ली और आईआईएम में एडमीशन लेने के
लिए कैट की तैयारी शुरू की।

एवीएम का साथ और वत्सल की मेहनत लाई रंग
वत्सल बताते हैं कि उन्होंने जब एवीएम में एडमिशन लिया तो उन्हें खुद पर भरोसा ही नहीं था कि वह जिंदगी
में कोई बड़ा मुकाम हासिल कर सकेंगे। लेकिन अदाणी विद्या मंदिर के टीचर्स ने उनका पग-पग पर मार्गदर्शन
किया। उनका कहना है कि कभी लगा ही नहीं कि वह टीचर्स के बीच हैं। सभी टीचर्स उन्हें परिवार की तरह
पढ़ाते-संवारते रहे। जब भी जरूरत पड़ी एकस्ट्रा क्लास दी, और हौसला कमजोर होने पर प्रोत्साहित भी किया।

गणित से निपटना एवीएम ने सिखाया
वत्सल बताते हैं कि जब गणित में उनके मार्क्स कम आए तो उन्हें बहुत निराशा हुई लेकिन टीचर्स ने उनका हाथ
थामे रखा। वत्सल के मुताबिक अदाणी विद्या मंदिर ने उनके मन से गणित का भय निकाला और अच्छे मार्क्स
लाने में उनकी मदद की। वत्सल के माता-पिता भी आईआईएम में उनके एडमिशन का क्रेडिट वत्सल की मेहनत
के साथ अदाणी विद्या मंदिर के आशीर्वाद को भी देते हैं। वत्सल के पिता जयेश गुप्ता एक डायमंड फर्म में नौकरी
करते हैं और माता प्रीति गुप्ता टीचर हैं।
देश के टॉप स्कूलों में शामिल है अदाणी विद्या मंदिर
बता दें कि अदाणी विद्या मंदिर अहमदाबाद साल 2008 से शैक्षणिक रूप से प्रतिभाशाली लेकिन आर्थिक रूप
से कमजोर छात्रों के जीवन में बदलाव ला रहा है। अब यह स्कूल देश के टॉप स्कूलों में शामिल हो गया है। 13
मई 2025 को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की कक्षा 12 के परिणामों की घोषणा के साथ ही,
नाबेट की रैंकिंग में 250 में से 232 अंक हासिल कर यह वंचित वर्ग के स्कूलों में पहले स्थान पर पहुंच गया और
देश के शीर्ष स्तरीय स्कूलों में शामिल हो गया है। यह भारतीय गुणवत्ता परिषद के तहत राष्ट्रीय शिक्षा और
प्रशिक्षण प्रत्यायन बोर्ड की नवीनतम रेटिंग के अनुसार है। इससे पहले 2020 में अदाणी विद्या मंदिर भारतीय
गुणवत्ता परिषद के तहत राष्ट्रीय शिक्षा और प्रशिक्षण प्रत्यायन बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त करने वाला देश का
पहला निःशुल्क स्कूल बन गया था।

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