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इंदौर में विशेष आयोजन के साथ डाबर च्यवनप्राश ने किया स्वस्थ और सुरक्षित मानसून का उत्सव ​​​​​​​

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प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले डाबर च्यवनप्राश ने बढ़ाई मानसून की सुरक्षा


इंदौर 3 सितम्बर  2024 : भारत में लोग सबसे ज्यादा मानसून का इंतजार करते हैं, क्योंकि यह चिलचिलाती गर्मी से राहत देकर हमें फिर से तरोताजा कर देता है। लेकिन हमारे भीतर नई ताजगी का संचार करने के साथ-साथ यह मौसम कई तरह की बीमारियां भी साथ लाता है, आमतौर पर मानसून में सर्दी एवं खांसी, मलेरिया, डेंगू, टाइफाइड और निमोनिया जैसी बीमारियां फैलती हैं। रसायन तंत्र, आयुर्वेद की आठ विशेषताओं में से एक है। प्रतिदिन दो चम्मच डाबर च्यवनप्राश का उपयोग करना, दैनिक आहार में रसायन तंत्र को शामिल करने का एक तरीका है।

डॉ. परमेश्वर अरोड़ा, एम.डी. (आयुर्वेद), बी.एच.यू. ने कहा,च्यवनप्राश  एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक सूत्र है, जिसका इस्तेमाल कई दशकों से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करने के लिए किया जा रहा है। सदियों पुराने इसी सूत्र पर आधारित डाबर च्यवनप्राश एक आयुर्वेदिक पूरक है, जिसमें विभिन्न जड़ी-बूटियों एवं खनिज लवण के गुण समाहित हैं।

 श्री प्रशांत अग्रवाल, मार्केटिंग हेड- हेल्थ सप्लीमेंट्स, डाबर इंडिया लिमिटेड ने कहा, “आयुर्वेद की समृद्ध विरासत और प्रकृति के गहन ज्ञान के साथ, डाबर ने हमेशा प्रामाणिक अध्ययन के माध्यम से सभी के लिए सुरक्षित, लागत प्रभावी और प्रभावी स्वास्थ्य देखभाल पर ध्यान केंद्रित किया है। आयुर्वेद पुस्तकें/पांडुलिपियाँ। भारत में, लोग अपने 'प्राकृतिक' गुणों के कारण चिकित्सा हस्तक्षेप के रूप में हर्बल और वनस्पति अर्क को पसंद करते हैं।

संदीप कुमार प्राचार्य,ऑल सेंट हायर सेकेंडरी स्कूल ने  ,इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए डाबर को धन्यवाद देते हुए कहा, "इम्यून इंडिया अभियान हमारे स्कूल के मिशन के साथ पूरी तरह से मेल खाता है, जिसमें हम अपने छात्रों के लिए एक स्वस्थ और सक्रिय वातावरण को बढ़ावा देने का प्रयास करते हैं। हमारा मानना है कि स्वास्थ्य और खेल मिलकर व्यक्तियों के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

कार्यक्रम का समापन एक इंटरैक्टिव सत्र के साथ हुआ, जहां छात्रों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और खेल गतिविधियों में शामिल होने के प्रति अपने उत्साह को प्रदर्शित किया। दिनेश कुमार डाबर इंडिया इस कार्यक्रम में मौजूद थे

अमला (भारतीय आंवला) डाबर च्यवनप्राश का प्रमुख घटक है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाले गुणों के लिए जाना जाता है। इसके अलावा गुदुची, पिप्पली, कांटा करी, काकड़ासिंगी, भूम्यामलकी, वासाक, पुष्करमूल, प्रिष्ण पर्णी, शालपर्णी, आदि अन्य सामग्रियां भी सामान्य संक्रमण एवं श्वसन तंत्र की एलर्जी को कम करने में मददगार हैं। इस प्रकार च्यवनप्राश कई गुणकारी जड़ी-बूटियों का संतुलित मिश्रण है, जो मानसून के मौसम में रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदान कर हमें बेहतर स्वास्थ्य देता है।

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