इनकम टैक्स विभाग के सवालों का नहीं दिया तुरंत जवाब तो हो सकती है मुश्किल

Central Board of Direct Taxes (CBDT) ने पूरी जांच के लिए ITR का चयन करने के लिए गाइडलाइंस जारी किए हैं। यह केवल चालू वित्त वर्ष यानी 2023-24 के लिए लागू है। गाइडलाइंस में कहा गया है कि इनकम टैक्स विभाग ने टैक्स चोरी और जब्ती के मामलों में जहां सर्वेक्षण किया था, जहां टैक्स चोरी को लेकर नोटिस भेजे गये थे, वहां पर इनकम टैक्स रिटर्न की गहन जांच जरूरी है। एक सीनियर अफसर का कहना है कि इनकम टैक्स विभाग, उन्हीं टैक्स पेयर्स से सवाल करता है, जिनकी इनकम के ब्योरे को लेकर उसको संदेह होता है। विभाग को लगता है कि टैक्सपेयर ने आमदनी की गलत जानकारी दी है। अपनी आमदनी को छिपाया है, जो ब्लैक मनी के दायरे में आता है। यह सीधे तौर पर टैक्स चोरी है।
क्यों जरूरी है जवाब देना
ऐसे में जब इनकम टैक्स विभाग उससे कोई सवाल पूछता है तो उसको तय समय में जवाब देना चाहिए। विभाग उसके जवाब से संतुष्ट हो जाए तो मामला खत्म कर दिया जाता है। अगर जवाब संतोषजनक नहीं हुए तो फिर तय नियम के तहत आगे की कार्रवाई होगी। ऐसे में जरूरी है कि इनकम टैक्स विभाग के सवालों के जवाब दिए जाएं। इससे एक रास्ता खुलता है मामले को निपटाने का। अगर किसी ने गलती से आमदनी की सही जानकारी देने में भूल की है तो पेनल्टी चुकाकर उस मामले को सुलझाया जा सकता है। अगर टैक्सपेयर ने सवालों के जवाब देने में लापरवाही की तो फिर उसका परिणाम घातक हो सकता है।