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अमेरिका से आई बड़ी खबर: फेड ने किया ब्याज दरों में कटौती, क्या इसका असर भारतीय बाजार पर होगा?

वाशिंगटन अमेरिकी फेड रिजर्व ने एक बार फिर पॉलिसी रेट कट किया है. फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने इस फैसले के बारे में जानकारी देते हुए इसकी जानकारी दी है. बुधवार को फेड की नीति निर्धारण समिति Federal Open Market Committee (FOMC) ने Policy Rate में 25 बेसिस पॉइंट या 0.25 अंकों की कटौती का …
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वाशिंगटन

 अमेरिकी फेड रिजर्व ने एक बार फिर पॉलिसी रेट कट किया है. फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने इस फैसले के बारे में जानकारी देते हुए इसकी जानकारी दी है. बुधवार को फेड की नीति निर्धारण समिति Federal Open Market Committee (FOMC) ने Policy Rate में 25 बेसिस पॉइंट या 0.25 अंकों की कटौती का ऐलान किया, जिसके बाद अब ये 3.5 फीसदी से 3.75 फीसदी के दायरे में आ गई है. बता दें ये लगातार तीसरी बार है, जब रेट कट किया गया है और अब अमेरिका में ब्याज दरें तीन साल में सबसे निचले स्तर पर आ गई है. 

आगे कटौती न किए जाने के संकेत

जेरोम पॉवेल ने फेड रिजर्व की बैठक के दौरान लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि US Fed आने वाले महीनों में अमेरिकी अर्थव्यवस्था (US Economy) की हेल्थ का वैल्यूएशन करते हुए आगे दरों में कटौती की संभावना कम है. हालांकि, फेड अधिकारियों की ओर से ऐसे संकेत भी मिले हैं कि अगले साल एक बार कटौती देखने को मिल सकती है.

फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कमी से समय के साथ मॉर्टगेज, ऑटो लोन और क्रेडिट कार्ड के लिए उधार लेने की लागत कम हो सकती है. दो दिवसीय फेड की बैठक के बाद जारी एक बयान में, फेड की ब्याज दर निर्धारण समिति ने संकेत दिया कि वह आने वाले महीनों में ब्याज दर को अपरिवर्तित रख सकती है.

फेड ने कहा- GDP के साथ बढ़ेगी महंगाई

US Fed ने पॉलिसी रेट कट करे के साथ ही 2026 के लिए US GDP Growth के अनुमान में भी इजाफा किया है. फेड ने इसे सितंबर के अनुमान से 0.50% फीसदी बढ़ाकर 2.3% कर दिया है. इस बीच फेडरल रिजर्न ने महंगाई को लेकर जो अनुमान जाहिर किया है, वो चौंकाने वाला है. दरअसल, फेड का कहना है कि साल 2028 तक अमेरिका में महंगाई दर (US Inflation Rate) 2 फीसदी के तय दायरे से ऊपर रह सकती है. 

भारतीय बाजार पर दिख सकता है पॉजिटिव असर!

अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में कटौती को भारत जैसे उभरते बाजारों के लिए सकारात्मक माना जाता है और इससे पहले भी जब रेट कट हुए हैं, तो इसका असर भारतीय शेयर बाजार पर बढ़त के रूप में देखने को मिला है. क्योंकि कम अमेरिकी ब्याज दरों से अमेरिकी ऋण का आकर्षण कम होने और वैश्विक निवेशकों को उच्च यील्ड देने वाली, जोखिम भरी संपत्तियों जैसे कि ईएम इक्विटी और बॉन्ड की ओर धकेलने की उम्मीद बढ़ती है. प्री-ओपन सेशन में सेंसेक्स-निफ्टी दोनों इंडेक्स ग्रीन जोन में कारोबार कर रहे थे.

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