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नए साल में महंगे होंगे स्मार्ट टीवी और स्मार्टफोन, जानें क्या वजहें हैं कीमत बढ़ने की

नई दिल्ली सितंबर 2025 में GST कट में कई प्रोडक्ट्स की कीमत कम हुई. इन प्रोडक्ट्स की लिस्ट में Smart TV भी हैं, जिन पर पहले 28 फीसदी GST लगता था. अब इन स्मार्ट टीवी पर 18 परसेंट GST लगता है. GST कम होने के साथ ही स्मार्ट टीवी भी सस्ते हुए है, लेकिन अब …
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नई दिल्ली
सितंबर 2025 में GST कट में कई प्रोडक्ट्स की कीमत कम हुई. इन प्रोडक्ट्स की लिस्ट में Smart TV भी हैं, जिन पर पहले 28 फीसदी GST लगता था. अब इन स्मार्ट टीवी पर 18 परसेंट GST लगता है. GST कम होने के साथ ही स्मार्ट टीवी भी सस्ते हुए है, लेकिन अब इनकी कीमत बढ़ सकती है. 

स्मार्ट टीवी की कीमत बढ़ने की दो वजह हैं. एक तो स्मार्ट टीवी में इस्तेमाल होने वाले AI चिप और दूसरा लगातार गिरता रुपया. दोनों ही वजह से टीवी की कीमत आने वाले दिनों बढ़ सकती है. 
डॉलर के मुकाबले कमजोर होता रुपया

सबसे पहले बात करते हैं रुपया की, जो अपने निचले स्तर पर पहुंचा हुआ है. रुपया डॉलर के मुकाबले 90 के पार पहुंच गया है. जिन प्रोडक्ट्स को इंपोर्ट किया जाता है, उनकी कीमत पर इसका असर होगा. SPPL के CEO अवनीत सिंह मरवाह ने बताया कि रुपये के गिरने और मेमोरी चिप्स की कीमत बढ़ने से GST का जो फायदा लोगों को मिला था, उसके पूरी तरह से खत्म होने का डर नजर आने लगा है. 

उन्होंने बताया कि पिछले चार महीनों में मेमोरी चिप्स की कीमत 6 गुना तक बढ़ गई है. इसकी वजह से टीवी की कीमतों में GST कट की वजह से जो रियायतें मिली थी, वो खत्म हो सकती हैं. इसकी वजह से टीवी की मांग जो हाल में बढ़ी थी, उसे झटका लग सकता है. 

फ्लैश मेमोरी की शॉर्टेज

दरअसल, पिछले कुछ वक्त से बाजार में फ्लैश मेमोरी की शॉर्टेज है. इसका असर सिर्फ टीवी के बाजार पर ही नहीं बल्कि स्मार्टफोन्स पर भी देखने को मिल रहा है. बीते कुछ दिनों में लॉन्च हुए ज्यादातर फोन्स अपने पिछले वर्जन से मुकाबले काफी ज्यादा कीमत पर आए हैं. 

इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि DDR3 और DDR4 मेमोरी चिप्स की सप्लाई कम हुई है. इसकी वजह AI डेटा सेंटर हैं. AI डेटा सेट्स में DDR6 और DDR7 चिप्स का इस्तेमाल होता है. लेकिन मांग बढ़ने से चिप मेकर्स सप्लाई पूरी नहीं कर पा रहे हैं. 

ऐसे में चिप्स की कमी को पूरा करने के लिए AI डेटा सेंटर्स को DDR3 और DDR4 चिप्स भी सप्लाई किए जा रहे हैं. इसकी वजह से स्मार्टफोन और स्मार्ट टीवी मेकर्स को चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. ज्यादातर फ्लैश मेमोरी चीन से इंपोर्ट होती हैं. इनका इस्तेमाल टीवी, मोबाइल, लैपटॉप, फ्लैश ड्राइव और USB डिवाइसों में होता है.

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