Anant TV Live

स्कूल में बच्चे को जहरीले कीड़े ने काटा, तो शिक्षक झाड़फूंक कराते रहे

 | 
स्कूल में बच्चे को जहरीले कीड़े ने काटा, तो शिक्षक झाड़फूंक कराते रहे

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के हस्तक्षेप पर मृत बच्चे के पिता को चार लाख रूपये की आर्थिक सहायता दे दी गई है। ग्राम गोलहटा, जिला सतना निवासी कक्षा तीसरी में शिक्षारत छात्र विकास साकेत को 11 जुलाई 2019 को स्कूल में ही किसी जहरीले कीड़े ने काट लिया, तो उसके शिक्षक झाड़फूंक कराते रहे। इलाज के अभाव में बच्चे की मौत हो गई थी। आयोग ने एक दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित खबर पर संज्ञान लेकर मामले की सुनवाई की। निरतंर सुनवाई उपरांत आयोग ने कलेक्टर सतना को मृतक छात्र के पिता को आर्थिक सहायता देने की अनुशंसा की थी। कलेक्टर सतना ने अवगत कराया है कि मृतक छात्र के पिता श्री विनोद साकेत को राजस्व पुस्तक परिपत्र 6(4) के अंतर्गत आर्थिक सहायता के रूप में चार लाख रूपये का भुगतान किया जा चुका है। पिता को चार लाख रूपये मिल जाने से आयोग में यह प्रकरण अब समाप्त कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि आयोग के प्रकरण क्र. 4574/सतना/2019 के अनुसार सतना जिले की शासकीय प्राथमिक पाठशाला गोलहटा में विकास साकेत कक्षा तीसरी का छात्र था। स्कूल में पदस्थ शिक्षक विनय साकेत और बृजलाल साकेत ने रद्दी किताबों को बेचने के लिए कबाड़ वाले को बुलाया। जब कबाड़ी पहुंचा, तो शिक्षकोें ने छात्र को रद्दी में पडी किताबों को एक कमरे से बाहर निकालने का आदेश दे दिया। यहीं बच्चे को किसी जहरीले कीडे ने काट लिया। इसके बाद शिक्षकों ने गांव के ओझा को बुला लिया। शिक्षक स्कूल में करीब दो घंटे तक बच्चे की झाडफूंक करवाते रहे। जब बच्चे की तबीयत ठीक नहीं हुई, तो निकटतम प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे। बच्चे के परिजनों नेे शिक्षकों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की थी। इस मामले में आयोग ने कलेक्टर, सतना से ही प्रतिवेदन मांगा था।

मृतक के उत्तराधिकारियों को पचास हजार रूपये दो माह में अदा करें
आयोग ने की अनुशंसा

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने प्रकरण क्रमांक 3868/उज्जैन/2019 में अनुशंसा की है कि भारत सरकार का रेल मंत्रालय तथा मध्यप्रदेश शासन मृतक श्री नारायण सिंह प्रजापति के उत्तराधिकारियों को क्षतिपूर्ति के रूप में पचास हजार रूपये दो माह में अदा करें।
उल्लेखनीय है कि 18 मई 2019 को शाम करीब 4.50 बजे भोपाल-उज्जेैन एक्सप्रेस से बीमार अवस्था में भोपाल के मेन रेल्वे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 05 पर उतारे गये बीमार श्री नारायण सिंह प्रजापति को तत्काल आवश्यक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं कराने और इस कारण से अंततः श्री प्रजापति की मृत्यु हो गई थी। इन परिस्थितियों में मृतक श्री नारायण सिंह प्रजापति को प्राप्त जीवन जीने के अधिकार संबंधी उसके मौलिक और मानव अधिकारों का घोर उल्लंघन हुआ। अतः रेलवे सुरक्षा बल और जीआरपी स्टाफ के सिविल दायित्व के अंतर्गत कुल पचास हजार रूपये की क्षतिपूर्ति राशि मृतक के उत्तराधिकारियों को दो माह में अदा की जायें। आयोग ने यह भी तय कर दिया है कि भारत सरकार का रेल मंत्रालय और मध्यप्रदेश शासन, दोनों कुल क्षतिपूर्ति राशि पचास हजार में से पच्चीस-पच्चीस हजार रूपये समान रूप से अदा करें।

Around The Web

Trending News

You May Also Like