शैडो सोंग फेम सिंगर सिंग्गा ने पहले बार खुल कर बात की अपने डिप्रेशन की लड़ाई और अपनी दमदार वापसी की कहानी को किया साझा- पढ़े अभी
गायक और अभिनेता सिंग्गा ने डिप्रेशन से उबरने पर कहा, "मैंने अपनी सीमाओं को लांघते हुए तपती धूप में दौड़ लगाई। पसीना बहाना मेरी थेरेपी थी। मैंने अपने पसीने को अपने पैरों के नीचे की मिट्टी का रंग बदलते हुए देखा।"
पंजाबी सिंगर और एक्टर सिंग्गा, जो अपनी दमदार आवाज और धमाकेदार परफॉर्मेंस के लिए जाने जाते हैं, ने हाल ही में अपनी जिंदगी के एक बहुत ही निजी संघर्ष को लेकर बात की। उनके चमकदार पब्लिक व्यक्तित्व के पीछे, सिंग्गा गंभीर डिप्रेशन से जूझ रहे थे। मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी इस लड़ाई ने उन्हें एक कठिन दौर से गुजरने पर मजबूर कर दिया, जिसके कारण उनका वजन बढ़ गया और वो अपनी शारीरिक और मानसिक सेहत से दूर हो गए।
सिंग्गा ने बताया कि डिप्रेशन ने उन्हें अंदर से कमजोर कर दिया था। उन्होंने कहा, "मैं खुद को खो चुका था। मुझे कुछ भी करने का मन नहीं करता था। मैं अपनी सेहत और काम को नजरअंदाज कर रहा था। हर दिन मेरे लिए एक संघर्ष बन गया था। लेकिन फिर एक दिन, कुछ बदल गया। मुझे एहसास हुआ कि मुझे अपनी ज़िंदगी को दोबारा जीने का मौका देना होगा। मुझे खुद को फिर से खड़ा करना था, सिर्फ अपने लिए नहीं बल्कि अपने परिवार के लिए, जो मुझे इस हालत में देखकर जरूर परेशान होगा।"
सिंग्गा ने अपने ट्रांसफॉर्मेशन के सफर के बारे में बताया, "मैंने सुबह जल्दी उठना शुरू किया और जिम में कड़ी मेहनत की। इससे मेरी ऊर्जा को सही दिशा मिली। मैंने खुद को सीमाओं से परे धकेला। जून और जुलाई के तपते सूरज में, दोपहर 1-2 बजे के बीच दौड़ना शुरू किया। मेरे लिए पसीना बहाना ही मेरी थेरेपी बन गई। मैंने देखा कि मेरे पसीने ने मेरे पैरों के नीचे की मिट्टी का रंग बदल दिया।"
शरीर को टोन करने और एब्स बनाने के लिए उन्होंने अपनी डाइट पर खास ध्यान दिया। उन्होंने बताया, "मैंने चीनी और नमक की मात्रा को नियंत्रित किया और अपनी डाइट में हरी सब्जियां और फल शामिल किए। गुनगुना पानी पीना और हाइड्रेटेड रहना मेरे रूटीन का हिस्सा बन गया। मैंने यूट्यूब पर एक्सरसाइज और टेक्नीक्स सीखीं। यह अद्भुत है कि जब आप अपना मन बनाते हैं, तो आप क्या-क्या हासिल कर सकते हैं।"
सिंग्गा के लिए जिम सिर्फ एक जगह नहीं बल्कि उनका 'मंदिर' बन गया, जहाँ उन्होंने अपनी तकलीफों को पीछे छोड़ने की शुरुआत की। उन्होंने कहा, "हर एक पसीने की बूंद मुझे ऐसा महसूस कराती थी जैसे मैं अपना दर्द पीछे छोड़ रहा हूँ। मैंने इस बात की चिंता करना छोड़ दिया कि लोग क्या सोचते हैं और अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित किया। मुझे लगता है कि जब आप खुद पर फोकस करते हैं, तो एक नई आज़ादी का एहसास होता है।"
अपनी मेहनत और समर्पण के दम पर सिंग्गा ने खुद को पहले से ज्यादा मजबूत और स्वस्थ बना लिया है। डिप्रेशन से लड़ते हुए और लाखों को प्रेरित करने वाला शरीर बनाने तक का उनका सफर बताता है कि खुद से प्यार और दृढ़ संकल्प के साथ बदलाव हमेशा संभव है।
अब सिंग्गा अपनी पहली फिल्म "फक्कड़" के साथ धमाकेदार वापसी के लिए तैयार हैं। इस फिल्म के लिए उन्होंने अपने लुक को एक बार फिर से पूरी तरह से बदल दिया है ताकि अपने किरदार को असली और दमदार बनाया जा सके।
सिंग्गा की यह कहानी न केवल उनकी ज़िंदगी के संघर्ष को दिखाती है बल्कि उनके प्रशंसकों के लिए एक प्रेरणा भी है कि चाहे परिस्थिति कितनी भी अंधेरी क्यों न हों, खुद को फिर से खड़ा करने का रास्ता हमेशा होता है।