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 पाकिस्तान का यही मौलाना एक दूसरे वीडियो में सिखों के गुरु नानक देव पर विवादित टिप्पणी करता नजर आ रहा है।

 
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पाकिस्तान में सिख और हिंदू जैसे अल्पसंख्यक अक्सर कट्टरपंथियों की नफरत का शिकार बनते रहते हैं। सरकार और कानून भी ईशनिंदा जैसे अत्याचारी कानूनों की आड़ में इनका साथ देती है। पाकिस्तान से अक्सर ऐसे वीडियो सामने आते रहते हैं जिनमें हिंदू और सिखों के प्रति नफरत को देखा जा सकता है। ट्विटर पर 'पाकिस्तान अनटोल्ड' ट्विटर हैंडल से शेयर किया गया एक मौलाना का वीडियो इसी कड़ी का सबसे ताजा हिस्सा है। वीडियो में मौलाना सिखों और करतारपुर कॉरिडोर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करता दिख रहा है।

ट्विटर पर शेयर वीडियो में मौलाना कहता है, 'पाकिस्तान का मतलब क्या? पाकिस्तान सिखों की यूनिवर्सिटियां बनाने के लिए नहीं बना। यह सिखों को कॉरिडोर देने के लिए भी नहीं बना। यह सिर्फ रसूल अल्लाह के दीन को तख्त पर बिठाने के लिए बना है। यह दीन का मजाक उड़ाने के लिए नहीं बना। जिसको सिखों से बहुत ज्यादा प्यार है वह अमृतसर चला जाए। वहां जाकर सिखों के हाथों में हाथ डालकर गाने गाए। हमें कोई परेशानी नहीं है, कोई कहीं भी चला जाए, दीन अपनी पावर से खड़ा है।'

गुरुनानक देव पर विवादित टिप्पणी

वीडियो में नजर आ रहे मौलाना जैसे लोगों की पाकिस्तान में भरमार है। जहरीले बयान के समर्थन में गूंज रहीं तालियां पाकिस्तान में सिखों के लिए असुक्षित माहौल तैयार करती हैं। पाकिस्तान का यही मौलाना एक दूसरे वीडियो में सिखों के गुरु नानक देव पर विवादित टिप्पणी करता नजर आ रहा है। मौलाना कहता है, 'कुछ लोगों का मानना है कि गुरुनानक बाबा फरीद से बहुत प्यार करते थे। मैंने कहा कि अगर इतना प्यार था तो अल्लाह का कलमा क्यों नहीं पढ़ा?'

खालिस्तानियों के मुंह पर तमाचा

पाकिस्तान से सामने आ रहे इन वीडियो को खालिस्तानियों के 'मुंह पर तमाचे' के रूप में देखा जा रहा है। खालिस्तानी पाकिस्तानियों को अपना समर्थक मानते हैं लेकिन वहां के मौलाना सिखों के खिलाफ जहर उगल रहे हैं। दरअसल गुरुनानक देव का जन्म और देहावसान पाकिस्तान में ही हुआ था। ननकाना साहिब में उनका जन्म हुआ और 1539 में करतारपुर में उन्होंने समाधि ली। भारत से हर साल बड़ी संख्या में सिख श्रद्धालु करतारपुर मत्था टेकने जाते हैं।

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