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षटतिला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और व्रत भी रखते है. इस दिन तिल का दान करने से अनाज की कमी नहीं होती है.

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माघ मास के कृष्ण पक्ष का एकादशी तिथि को षटतिला एकादशी का व्रत भी रखा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखने का विधान कहा जाता है. माना जाता है कि षटतिला एकादशी के दिन विधिवत पूजा करने से व्यक्ति हर तरह के पापों से मुक्ति पा लेता है. इसके साथ ही रोग, दोष और भय से छुटकारा भी मिल रहा है आज यह एकादशी मनाई जा रही है. इस माह में स्नान, दान और पूजा-पाठ का विशेष महत्व है. षटतिला एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और व्रत भी रखते है. इस दिन तिल का दान करने से अनाज की कमी नहीं होती है. 

षटतिला एकादशी का महत्व: माघ का महीना स्नान, दान और तप करने के लिए विशेष माह कहा जाता है. ऐसे में इस माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली षटतिला एकादशी का महत्व और भी बढ़ जाता है. इस वर्ष 18 जनवरी यानी बुधवार को षटतिला एकादशी का व्रत रखा  जाने वाला है. षटतिला एकादशी पर भगवान विष्णु की आराधना करने और व्रत-पूजा एवं तिल दान करने से मनुष्य को सभी सुखों की प्राप्ति होने वाली है. 

धार्मिक मान्यता के मुताबिक इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु के पसीने से उत्पन्न तिल का छह प्रकार से इस्तेमाल किया जाता है जिससे प्राणी को इस लोक में सभी सुख प्राप्त होते हैं एवं मरणोपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है. साथ ही इस एकादशी का व्रत करने से वाचिक, मानसिक और शारीरिक तीन तरह के पापों से मुक्ति भी दी जा रही है.  

षटतिला एकादशी शुभ मुहूर्त: षटतिला एकादशी के शुभ मुहूर्त की शुरुआत 17 जनवरी 2023 को शाम 6.05 बजे से होने वाली है और इसका समापन 18 जनवरी 2023 शाम 4.03 मिनट पर होने वाली है. व्रत का पारण 19 जनवरी 2023 को सुबह 07 बजकर 15 मिनट से 09 बजकर 29 मिनट तक कर सकते हैं. उदयातिथि के अनुसार, षटतिला एकादशी का व्रत 18 जनवरी 2023 को रखा जाने वाला है.

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