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शनिदेव देतें हैं कर्मो का फल, अच्‍छे कर्म वालों का करतें हैं कल्‍याण

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शनिदेव देतें हैं कर्मो का फल, अच्‍छे कर्म वालों का करतें हैं कल्‍याण

आम तौर पर लोग शनि देव के प्रकोप से भयभीत रहते हैं। लोगों के मन में भय रहता है कि जाने,अनजाने कहीं शनि भगवान नाराज न हो जाए। शनिदेव का नाराज होना वाकई कष्टदायी हो सकता है। शनिदेव प्रसन्न हो जाएं तो रंक को राजा वहीं क्रोधित हो जाएं तो राजा को रंक बनने में देर नहीं लगती है। इसलिए लोग शनिदेव को प्रसन्न करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं हालांकि ऐसा नहीं है कि शनिदेव सिर्फ भयभीत करते हैं, शनिदेव अपने भक्तों पर पूरी कृपा-दृष्टि भी रखते हैं।

समस्त 9 ग्रहों में सिर्फ शनि ही कर्मों के हिसाब से फल प्रदान करते हैं। इसलिए उन्हें प्रसन्न करने के लिए लोग कई तरह तरह के उपाय अपनाते हैं। शनिदेव की खास बात यही है कि वह कर्म के आधार पर ही फल प्रदान करते हैं। मान्यता है कि जिनके कर्म पवित्र होते हैं, शनिदेव उन्हें सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं। साथ ही बुरे कर्म वालों को सबक भी सिखाते हैं। शनिदेव गरीब और असहाय लोगों पर दया दृष्टि रखते हैं। अगर किसी की कुंडली में शनिदोष है तो उस व्यक्ति को शनिवार के दिन कुछ बातों का खास रखना चाहिए।

कर्मों का फल देते हैं शनिदेव :- 
जो लोग हमेशा दूसरों की सहायता करने वाले होते हैं ऐसे लोगों पर शनि की महान कृपा रहती है। ये एक राशि में तीस महीने तक रहते हैं तथा मकर और कुंभ राशि के स्वामी माने जाते हैं। शनि की महादशा 19 वर्ष तक रहती है। शनि प्राणियों को सभी कर्मों का फल प्रदान करते हैं।

इस तरह शनिदेव रखते हैं लेखा-जोखा :- 
शनि में पृथ्वी से 95वें गुना ज्यादागुरुत्‍वाकर्षण कर्षण शक्ति मानी जाती है। कहा जाता है कि इसी गुरुत्‍व के चलते हमारे अच्छे और बुरे विचार चुंबकीय शक्ति के माध्यम से शनि तक पहुंचते हैं, कर्मों के अुसार, जिनका परिणाम भी जल्द मिलता है।

सत्कर्मी लोगों को नुकसान नहीं पहुंचाते :
यदि कोई मनुष्य किसी के साथ छल, धोखा-धड़ी, अन्याय और अत्याचार नहीं करता है अर्थात दुष्कर्म नहीं करता है तो शनि आपको कभी हानि नहीं पहुंचा सकते हैं। शनि सत्कर्मी पुरुष को कष्ट नहीं पहुंचाते हैं। इसलिए शनिदेव को कर्मों का देवता कहा जाता है, क्योंकि अच्छे कर्म करने पर अच्छा और बुरा करने पर बुरा फल प्रदान करते हैं।

शिव की कृपा से देते हैं शुभ अवसर :-
 मान्यता है कि भगवान शिव से शनिदेव को समस्त जनों को उनके किए गए कर्मों के आधार पर फल देने का वरदान मिला था। जिस वजह से शनि देव समस्त प्राणियों को उनके द्वारा पूर्व एवं वर्तमान काल में किए गए बुरे कर्मों के अनुसार ही जीवन में रोग, चिंता, अपयश, दुख, कष्ट आदि दंड प्रदान कर सत्कर्म करने का अवसर देते हैं।

सादा दूध या दही नहीं पीना चाहिए :- 
शनिवार के दिन कुछ खास उपाय अपनाकर शनिदेव को प्रसन्न किया जा सकता है। इस दिन दूध या दही का कभी सादा नहीं खाना चाहिए। इसमें हल्दी या गुड़ मिलाकर पीना लाभकारी होता है।

खट्टा नहीं खाना चाहिए :-
 शनिवार के दिन आम का अचार खाने से परहेज करना चाहिए। दरअसल कच्चा आम स्वाद में खट्टा और कसैला होता है और शनि कसैली खाद्य पदार्थों के शत्रु माने गए हैं।

शनिवार के दिन लाल मिर्च का प्रयोग नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से शनिदेव नाराज हो जाते हैं हालांकि काली मिर्च का प्रयोग जरूर करना चाहिए। शनिवार से भोजन में काली मिर्च व काले नमक का अवश्य प्रयोग शुरू करना लाभदायी होता है।

चना, उड़द और मूंग का करें प्रयोग :-
 शन‌िवार के ‌द‌िन चना, उड़द और मूंग की दाल तो खाई जा सकती है, लेक‌िन मसूर की दाल खाने से बचना चाहिए। यह मंगल से प्रभाव‌ित होने के चलते शन‌ि की क्रूर दृष्टि को बढ़ाती है। जिससे हानि होने की संभावना रहती है।

मदिरापान से होता है यह नुकसान :-
 शन‌िवार के द‌िन मद‌िरा का सेवन करने से कुंडली में शुभ शन‌ि होने के बावजूद भी शन‌ि का शुभ फल नहीं म‌िलता है। साथ ही दुर्घटना की आशंका भी बढ़ जाती है।

करें ये विशेष उपाय
शनिवार से काले घोड़े के पैर की मिट्टी काले कपड़े में ताबीज के रूप में गले में बांधकर धारण करें। शनि का विशेष अनुकूल फल प्राप्त होगा।

शनि को इस तरह करते हैं प्रसन्न
प्रत्येक शनिवार को पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाने और सरसों के तेल का दीया जलाने से प्रसन्न किया जा सकता हैं। शनिवार को सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ करने के साथ शनि चालीसा का पाठ विशेष फल देने वाला होता है।

इस तरह बरसाते हैं कृपा
शनिदेव के लिए कहा जाता है कि वह पक्षपात से रहित निर्णय देते हैं। यदि वह पाप कर्म की सजा देते हैं तो सत्कर्मी पुरूष को सभी सुविधाएं और वैभव भी प्रदान करते हैं। जो भी सच्ची श्रद्धा से उनकी पूजा अर्चना करते हैं वह पाप के मार्ग जाने से भी बच जाते हैं। यदि कभी आपसे कोई पाप कर्म हुआ हो तो उसके लिए शनि देव से क्षमा याचना मांग लेनी चाहिए।

व्रत के साथ करने चाहिए ये सभी काम
शनिवार को उपवास रखने से, किसी कमजोर वर्ग का शोषण न करने से, पक्षियों को दाना डालने, व्यभिचार से बचने वाले, माता-पिता व बड़ों का सम्मान करने वाले लोगों से शनि सदैव प्रसन्न रहते हैं। ऐसे लोगों के कष्टों को दूर करते हुए मनोकामना पूरी करते हैं।

दान से भी मिलता है लाभ
शनि देव के अशुभ प्रभाव से बचाव के लिए शनिवार के दिन काले तिल, काले जूते, छतरी, कंबल, काले पुष्प, वस्त्र, नीलम, भैंस, सरसों का तेल, लोहा आदि का दान करना चाहिए।

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