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साल 2021 की पहली अमावस्‍या है 13 जनवरी, जानें अमावस्‍या के दिन क्‍या करें और क्‍या नही ?

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साल 2021 की पहली अमावस्‍या है 13 जनवरी, जानें अमावस्‍या के दिन क्‍या करें और क्‍या नही ?

हिंदू कैलेंडर यानी पंचांग में एक वर्ष में कुल 12 अमावस्या होती हैं. धर्म ग्रंथों में इसे पर्व बोला गया है. इस दिन तीर्थ स्नान के बाद दान और फिर पितरों की विशेष पूजा करने की परंपरा है. जब तिथियों की घट-बढ़ होती है. तब ये पर्व कभी-कभी दो दिन तक भी रहता है. इसलिए जब दोपहर में अमावस्या हो उस दिन पितरों के लिए श्राद्ध-तर्पण किया जाता है . 

वहीं जब सूर्योदय के समय हो तो स्नान और दान किया जाता है . इस बार सोमवती अमावस्या पर्व वर्ष में एक ही बार आ रहा है . ये दिन 12 अप्रैल को रहेगा . इस पर्व पर किए गए तीर्थ स्नान और दान का अक्षय फल मिलता है . ये योग तब बनता है जब सोमवार को अमावस्या हो .

सौम्य वार में पड़ने वाली अमावस्या शुभ होती है . वहीं क्रूर वार के साथ अशुभ फल देने वाली होती है . ज्योतिष ग्रंथों में बताया गया है कि सोम, मंगल, शुक्र और गुरुवार को अमावस्या हो तो इसका शुभ फल मिलता है . वहीं, बुध, शनि और रविवार को अमावस्या अशुभ फल देती है .

अमावस्या और पितरों का संबंध
सूर्य की हजारों किरणों में जो सबसे खास है उसका नाम अमा है . उस अमा नाम की किरण के तेज से ही सूर्य धरती को रोशन करता है . जब उस अमा किरण में चंद्रमा वास करना है यानी चंद्रमा के होने से अमावस्या हुई . तब उस किरण के जरिये चंद्रमा के उपरी हिस्से से पितर धरती पर आते हैं . इसीलिए श्राद्धपक्ष की अमावस्या तिथि का महत्व है .

अमावस्या पर्व: क्या करें क्या न करें
अमावस्या पर प्रातः काल शीघ्र उठकर तीर्थ स्नान करने की परंपरा है . ये न हो पाए तो घर में ही गंगाजल मिलाकर नहा सकते हैं . इसके बाद संकल्प लें और भगवान की पूजा कर के जरूरतमंद लोगों को खाने की चीजें और कपड़ों का दान दें .
अमावस्या तिथि के स्वामी पितृदेव होते हैं और यह दिन पितरों को समर्पित होता है . इसलिए इस पर्व को पूर्वजों का दिन भी बोला जाता है . इस दिन पितरों की संतुष्टि के लिए श्राद्ध-तर्पण भी किया जाना चाहिए . अमावस्या पर जरूरतमंद लोगों को भोजन कराने से यह सीधा पितरों तक पहुंचता है . यदि ऐसा किया जाए तो इससे पितृ गुनाह से मुक्ति मिल जाती है .
इस पर्व पर किसी जरूरतमंद या बेसहारा लोगों को खाना खिलाएं और दान दें . ऐसा करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है . अमावस्या का दिन बहुत शुभ माना जाता है . इस दिन मांस-मदिरा और नशीली चीजों का सेवन बिल्कुल न करें . ऐसा करने से पितृदोष लगता है .

नोट - उपरोक्‍त दी गई जानकारी व विवरण सामान्‍य जानकारी के लिए हैं हमारा उद्देश्‍य सिर्फ आपको सूचना देना है ।
 

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