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एशिया कप में चोट के कारण जसप्रीत बुमराह टीम इंडिया का हिस्सा नहीं बन पाए

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एशिया कप के लिए टीम इंडिया का ऐलान कर दिया गया है। टूर्नामेंट को टी-20 वर्ल्ड कप की तैयारी के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ऐसे में सबकी निगाहें टीम सिलेक्शन पर टिकी हुई थीं। टीम में लगातार फ्लॉप हो रहे आवेश खान को मौका दिया गया है। इस साल आवेश ने 13 टी-20 मैच खेले हैं और लगभग 32 की औसत से सिर्फ 11 विकेट लिए है। उनका इकॉनमी भी 9 के करीब है। वहीं, कई ऐसे खिलाड़ी रहे जो टीम में चुने जाने के हकदार थे, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला। 

एशिया कप में चोट के कारण जसप्रीत बुमराह टीम इंडिया का हिस्सा नहीं बन पाए हैं। ऐसे में भुवनेश्वर कुमार के साथ ओपनिंग स्पेल में मोहम्मद शमी के तौर पर अनुभवी गेंदबाज का होना टीम इंडिया के लिए फायदेमंद होता। भुवनेश्वर के अलावा अर्शदीप सिंह और आवेश खान ही टीम इंडिया के स्क्वॉड में स्पेशलिस्ट तेज गेंदबाज हैं। हालांकि, दोनों को इंटरनेशनल क्रिकेट का अधिक अनुभव नहीं है।

अनुभवी तेज गेंदबाज की कमी इस बड़े टूर्नामेंट के दौरान डेथ ओवर्स में भारत के लिए मुश्किलें पैदा कर सकती है। IPL 2022 में 16 मुकाबले खेलकर शमी ने 20 विकेट अपने नाम किए थे। गुजरात टाइटंस को पहले ही सीजन में चैंपियन बनाने वाले शमी को टीम इंडिया में जगह ना देना चौंकाता है।

एशिया कप के लिए जो 15 सदस्यीय भारतीय टीम चुनी गई है ईशान किशन उस स्क्वाड का हिस्सा नहीं हैं। चयनकर्ताओं का ये फैसला भी सवालों के घेरे में आ गया है। उन्हें IPL के बाद लगातार टी-20 टीम में मौके मिल रहे थे और अचानक उन्हें बाहर कर दिया गया। ईशान अपने बल्ले से भी अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे। इस साल इस धाकड़ बल्लेबाज ने 14 टी-20 मैच खेले हैं और 430 रन बनाए हैं। उनका बेस्ट स्कोर 89 रन रहा है। उन्होंने 3 अर्धशतकों के साथ 130.30 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं।

वहीं, 2022 के IPL में भी ईशान अच्छे फॉर्म में थे। उन्होंने 14 मुकाबलों में 418 रन बनाए थे। इस दौरान उनका बेस्ट स्कोर नाबाद 81 रन रहा था। ईशान की कमाल की फॉर्म को देखते हुए उन्हें एशिया कप की टीम में जगह दी जानी चाहिए थी।

संजू सैमसन को भारत के सबसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों में शुमार किया जाता है। 2013 से 2022 तक IPL के 138 मुकाबलों में संजू 3,526 रन जड़ चुके हैं। इसके बावजूद संजू को भारत के लिए केवल 4 वनडे और 16 टी-20 मुकाबले खेलने का अवसर मिला।

संजू को रिप्लेसमेंट प्लेयर के तौर पर ही टीम में ज्यादा चुना जाता रहा है। एक सीरीज में वह टीम का हिस्सा होते हैं फिर अगली ही सीराज में उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। संजू स्पिन और पेस के खिलाफ आक्रामक बल्लेबाजी करने के लिए जाने जाते हैं। ऐसे में मिडिल ऑर्डर में दुबई की कंडीशंस में वह बेहतर ऑप्शन साबित हो सकते थे।

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