पीएम मोदी ने कहा, जम्मू कश्मीर को शीत खेलों का गढ़ बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुलमर्ग में दूसरे खेलो इंडिया शीतकालीन खेलों का शुभारंभ कर कहा कि जम्मू कश्मीर को शीत खेलों का गढ़ बनाने की दिशा में यह अहम कदम है। दो मार्च को खत्म हो रहे इन खेलों में 27 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। मोदी ने कहा, यह अंतरराष्ट्रीय शीतकालीन खेलों में भारत की प्रभावी उपस्थिति दर्ज कराने और जम्मू कश्मीर को शीत खेलों का गढ़ बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
उन्होंने कहा, गुलमर्ग में हो रहे ये खेल दिखाते हैं, कि जम्मू कश्मीर शांति और विकास की नई बुलंदियां छूने के लिए कितना तत्पर है। ये खेल जम्मू कश्मीर में एक नया खेल पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने में मदद करने वाले है। जम्मू और श्रीनगर में दो खेलो इंडिया उत्कृष्टता केंद्र और 20 जिलों में खेलो इंडिया केंद्र युवा खिलाड़ियों के लिए बहुत बड़ी सुविधाएं हैं। इसतरह के केंद्र देश भर के हर जिले में खोले जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, आयोजन से जम्मू कश्मीर के पर्यटन को भी नई ऊर्जा और नया उत्साह मिलने वाला है। हम देख रहे है कि कोरोना की वजह से जो दिक्कतें आई थी , वे भी पीछे छूट रही हैं।
मोदी ने कहा, मुझे भरोसा है कि खेलो इंडिया शीत खेलों का अनुभव शीतकालीन ओलंपिक के पोडियम पर भारत के गौरव को बढाने में बहुत काम आएगा। उन्होंने कहा, देश भर से आएं एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना को मजबूत करेगा। मुझे बताया गया है कि इस बार प्रतियोगियों की संख्या दुगुनी हो गई है। यह शीतकालीन खेलों के प्रति लोगों के बढते रूझान और बढ़ते उत्साह का संकेत है। खेल आत्मविश्वास बढाता है, जो आत्मनिर्भरता के लिए भी उतना ही जरूरी है। दुनिया में कोई भी देश सिर्फ आर्थिक या सामरिक शक्ति से ही बड़ा नहीं बनता, बल्कि इसके कई और भी पहलू हैं। खेल आज ऐसा क्षेत्र बन गया है जो आज की दुनिया में देश की छवि और देश की शक्ति का भी परिचय कराता है।
उन्होंने कहा,खेल सिर्फ पदक या प्रदर्शन तक सीमित नहीं है। इसका एक वैश्विक रूप है। क्रिकेट के क्षेत्र में हम भारत में इस बात को महसूस करते हैं लेकिन यह सभी अंतरराष्ट्रीय खेलों पर लागू होता है। इसी को ध्यान में रखकर बीते कुछ वर्षो में खेलों का ‘इको सिस्टम बेहतर किया जा रहा है। मोदी ने कहा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी खेलों को बहुत महत्व दिया जा रहा है। पहले खेल अतिरिक्त गतिविधियों का हिस्सा था लेकिन अब पाठ्यक्रम का हिस्सा होगा। इसकी ग्रेडिंग की जायेगी। ये खेलों के लिए और विद्यार्थियों के लिये बहुत बड़ा फैसला है।
उन्होंने शीत खेलों में भाग ले रहे 1200 खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा ,खिलाड़ी जब इन खेलों के लिए मैदान में उतरें तब याद रखें कि वे इन खेलों का हिस्सा ही नहीं बल्कि आत्मनिर्भर भारत के ब्रांड दूत भी हैं।