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जबलपुर संभाग के प्रत्‍येक विकासखंड में सर्व सुविधा युक्‍त एक चलित पशु चिकित्सा इकाई उपलब्‍ध करा दिये जाने से अब पशुओं का उपचार आसान हो गया है

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 पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अंतर्गत चलित पशु चिकित्सा इकाई प्रारंभ हो जाने के फलस्‍वरूप ग्रामीण क्षेत्र में पशुपालकों को बीमार पशुओं के उपचार की घर पहुंच सेवायें मिलने लगी है। जबलपुर संभाग के प्रत्‍येक विकासखंड में सर्व सुविधा युक्‍त एक चलित पशु चिकित्सा इकाई उपलब्‍ध करा दिये जाने से अब पशुओं का उपचार आसान हो गया है। पशु पालक टोल फ्री नंबर 1962 पर कॉल कर अपने बीमार पशुओं का उपचार 150 रूपये का शुल्‍क देकर चलित पशु चिकित्‍सा इकाई के माध्‍यम से करा सकेंगे। संयुक्‍त संचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग जबलपुर डॉ विनोद बाजपेयी ने बताया कि प्रत्‍येक चलित पशु चिकित्‍सा ईकाई में पशु चिकित्सक एवं सहायक पशु चिकित्सक अधिकारी को तैनात किया गया है। टोल फ्री नंबर 1962 पर फोन करने के बाद चलित पशु चिकित्‍सा इकाई द्वारा पशुपालकों को घर बैठे पशुओं के उपचार, कृत्रिम गर्भाधान तथा सर्जरी आदि की सुविधाएं दी जा रही है। उन्‍होनें बताया कि चलित पशु चिकित्‍सा इकाई की योजना प्रारंभ होते ही पशुपालकों के टोल फ्री नम्‍बर पर कॉल पहुंचना प्रारंभ हो गए हैं। पहले दिन ही जबलपुर जिले में 12 तथा पूरे जबलपुर संभाग में 80 कॉल प्राप्त हुए तथा इसकी संख्‍या लगातार बढ़ती जा रही है। अभी तक संभाग के अंतर्गत 245 पशुओं का उपचार एवं शल्य क्रिया संपन्न हो चुकी है। संयुक्त संचालक डॉ बाजपेई ने बताया कि चलित पशु चिकित्‍सा इकाई योजना की राज्‍य स्‍तर से लेकर संभाग स्‍तर तक लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है तथा इसका सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्‍होनें बताया कि निराश्रित पशुओं हेतु भी यह योजना कारगर है तथा 150 रूपये की राशि पशु कल्याण निधि से जमा करा कर उनका भी इलाज किया जा रहा है।

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