उड़ी बाबा ! आतंकवादी , नक्सलवादी हमला !
राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस 21 मई 2023 पर विशेष।
राष्ट्रीय हित के लिए आतंकवाद कैसे हानिकारक है, इसका जन जागरण अभियान चलाना वर्तमान समय की मांग हैं। - एडवोकेट किशन भावनानी
गोंदिया - वैश्विक स्तरपर आतंकवादी हमलों से अनेक विकसित देशों सहित छोटे, मध्यम, विकासशील सहित हर देश जूझ रहे हैं, क्योंकि आतंकवादियों का कोई धर्म मज़हब नहीं होता, उनका कोई व्यक्तिगत उद्देश्य नहीं होता, परंतु अगर उनका कट्टरता से ब्रेनवाश कर युवाओं की को आतंकवाद रूपी खाई में जब धकेला जाताहै,तो फिर उनका उद्देश्य और अंतिम मकसद केवल आतंकवाद फैलाना निर्दोष नागरिकों की हत्याएं करना, आत्मघाती हमलों को अंजाम देना रह जाता है जो हर देश के राष्ट्रहित के लिए अति नुकसानदेह हो जाता है, उस देश के विकास को कई वर्षों पीछे धकेल दिया जाता है। आतंकवाद का दंश झेलने वालों में भारत भी बहुत अधिक पीड़ित है,क्योंकि आए दिन पड़ोसी मुल्कों से बॉर्डर पार कर आने वाले आतंकवादियों द्वारा भारत के अधिकृत जेके क्षेत्र सहित अनेकों शहरों क्षेत्र में खून खराबा किया जाता है, जिसका निर्दोष नागरिकों सहित सुरक्षा बल के जवानों की शहीदी कारीब रोज़ हो रही है।भारत अधिकृत जेके छेत्र में तो हमारे सुरक्षा बलों के वीरों के शहीद होने की घटनाएं खबरें सुनने और पढ़ने को अधिकतम मिल रही है, हालांकि हमारी सेना उनसे डटकर मुकाबला कर रही है परंतु स्थाई समाधान नहीं निकल रहा है जिसे ढूंढने के लिए हमें आतंकवाद के खिलाफ तेजी से जन जागरण अभियान चलाना होगा क्योंकि ताजमहल मुंबई, हमला संसद हमला, सेना पर बड़े-बड़े हमले सहित क्षेत्रीय जिलों राज्यों में नक्सलवादी हमलों की घटनाओं बढ़ रही है हमारे जवान शहीद हो रहे हैं। आतंकवाद नक्सलवादियों की भी मारे जाने की खबरें आती है। उधर एक अभियान के तहत आतंकवादियों नक्सलियों के समर्पण का कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है यहीं से जन जागरण की शुरुआत की बात उठती है। चूंकि 21 मई 2023 को राष्ट्रीय आतंकवाद विरोध दिवस मनाया जा रहा है, क्योंकि उस दिन पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या की गई थी। इसीलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से से चर्चा करेंगे, उड़ी बाबा ! आतंकवादी नक्सलवादी हमला ! आओ जन जागरण अभियान चलाएं।
साथियों बात अगर हम राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस मनाने की करें तो, भारत में हर साल 21 मई को लोगों के बीच शांति और एकता का संदेश फैलाने के लिएआतंकवाद विरोधी दिवस मनाया जाता है। यह वह दिन है जिसे लोगों को एकजुट होने और आतंकवाद के खिलाफ खड़े होने के लिए प्रेरित करने के लिए मनाया जाता है। पिछले कुछ वर्षों में दुनिया भर में हुए कुछ बड़े हमलों और घटनाओं के कारण आतंकवाद की आशंका बढ़ी है। भारत में आतंकवाद विरोधी दिवस मनाने की शुरुआत देश के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्तित्वों में से पूर्व पीएम पर हुए सबसे बड़े आतंकवादी हमलों से हुई, राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस का प्राथमिक उद्देश्य देश के भीतर सभी प्रकार की आतंकवादी गतिविधियों का दृढ़ता से विरोध और निंदा करना है।इसका उद्देश्य आतंकवादकी विनाशकारी प्रकृति के बारे में जागरूकता बढ़ाना और सद्भाव,भाईचारे,शांति,एकता और मानवता की विशेषता वाली दुनिया को बढ़ावा देना है। यह दिन आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने और इन मूल्यों को कायम रखने वाले समाज को बढ़ावा देने की दिशा में काम करने की हमारी सामूहिक जिम्मेदारी की याद दिलाता है। इस दिन को मनाने के पीछे का उद्देश्य युवाओं को आतंकवाद और हिंसा के पंथ से दूर करना है, और इसका लक्ष्य आम लोगों की पीड़ा को प्रकाश में लाना है। आम लोगों को यह दिखाना है कि कैसे आतंकवाद राष्ट्रीय हित के लिए हानिकारक है।
साथियों बात अगर हम इस दिन के महत्व की करें तो, कुछ प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:(1)जागरूकता आतंकवाद विरोधी दिवस लोगों को: आतंकवाद की प्रकृति, इसके विनाशकारी परिणामों और इसका मुकाबला करने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता के बारे में शिक्षित करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है। (2) सामूहिक कार्यवाही पर बल: यह दिन लोगों के बीच एकता और एकजुटता की भावना को बढ़ावा देता है, इस बात पर बल देता है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता है। यह आतंकवाद से उत्पन्न आम खतरे के सामने नागरिकों को एक साथ खड़े होने और एक दूसरे का समर्थन करने, धर्म, जाति या जातीयता जैसे मतभेदों को पार करने के लिए प्रोत्साहित करता है। (3) पीड़ितों को याद करना: आतंकवाद का शिकार हुए पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर आतंकवाद विरोधी दिवस मनाया जाता है। यह आतंकवाद के कृत्यों में मारे गए निर्दोष लोगों की याद दिलाता है और उन लोगों की स्मृति का सम्मान करता है जो इस तरह के कृत्यों के कारण पीड़ित हुए हैं (4) शांति और सद्भाव को बढ़ावा देना: आतंकवाद विरोधी दिवस शांति, अहिंसा, सहिष्णुता और सद्भाव के मूल्यों पर जोर देता है। इसका उद्देश्य व्यक्तियों और समुदायों के बीच समझ, आपसी सम्मान और स्वीकृति की संस्कृति को बढ़ावा देना है, जिससे उन विभाजनकारी विचारधाराओं का मुकाबला किया जा सके जो अक्सर आतंकवाद के कृत्यों को बढ़ावा देती हैं। (5) वैश्विक सहयोग: हालांकि आतंकवाद विरोधी दिवस मुख्य रूप से भारत में मनाया जाता है, लेकिन इसका महत्व राष्ट्रीय सीमाओं से परे है। यह दिन आतंकवाद का मुकाबला करने के वैश्विक प्रयास का प्रतीक है और इस अंतर्राष्ट्रीय खतरे से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, सूचना साझा करने और संयुक्त कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर देता है।
साथीयों बात अगर हम दिनांक 19 मई 2023 को माननीय पीएम द्वारा जी7 सम्मेलन हिरोशिमा जापान जाने के पूर्व आतंक पर बयान की करें तो उन्होंने शुक्रवार को कहा कि भारत पड़ोसी मुल्क के साथ एक सामान्य और पड़ोसी संबंध चाहता है, हालांकि यह उसपर पर है कि वह आतंकवाद और शत्रुता से मुक्त एक अनुकूल वातावरण तैयार करे। उन्होंने अपनी जापान यात्रा से पहले जापानी अखबार से बात करते हुए कहा कि नई दिल्ली पड़ोसी मुल्क के साथ सामान्य और पड़ोसी संबंध चाहती है। उन्होंने कहा,हालांकि, आतंकवाद और शत्रुता से मुक्त एक अनुकूल वातावरण बनाना उनके लिए आवश्यक है। इस संबंध में आवश्यक कदम उठाने की जिम्मेदारी पड़ोसी की है।इस बीच, मोदी ने भारत चीन संबंधों पर भी बात की। चीन के साथ गतिरोध के बीच पीएम नें कहा कि भारत अपनी संप्रभुता और सम्मान की रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार और प्रतिबद्ध है। 2020 की झड़प के बाद से दोनों देशों के तनाव और बढ़ गए हैं। चीन के साथ सामान्य द्विपक्षीय संबंधों के लिए सीमावर्ती इलाकों में अमन-चैन जरूरी है।भारत-चीन संबंधों का भविष्य का विकास केवल आपसी सम्मान, आपसी संवेदनशीलता और आपसी हितों पर आधारित हो सकता है। उन्हों ने कहा कि संबंधों को सामान्य करने से व्यापक क्षेत्र और दुनिया को लाभ होगा।
साथियों बात अगर हम दिनांक 19 मई 2023को पीएमकेजापान पहुंचने के बाद आतंकवाद पर बयान की करें तो,जापान पहुंचते ही पीएम ने चीन और पड़ोसी मुल्क पर बड़ा बयान दिया है,कि रिश्ते बेहतर करने की जिम्मेदारी पड़ोसी की है। वह आतंक मुक्त माहौल बनाए। वहीं चीन पर बयान देते हुए कहा कि चीन से बेहतर रिश्तों से पहले बॉर्डर पर शांति जरूरी है। पीएम जापान के हिरोशिमा पहुंच गए हैं। वह जापान के पीएम के निमंत्रण पर जी-7 समिट में भाग लेंगे।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि उड़ी बाबा !आतंकवादी, नक्सलवादी हमला ! राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस 21 मई 2023 पर विशेष। राष्ट्रीय हित के लिए आतंकवाद कैसे हानिकारक है, इसका जन जागरण अभियान चलाना वर्तमान समय की मांग हैं।
-संकलनकर्ता लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र