बांस शिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री पिरोनिया जी ने कहा कि सामाजिकबंधुओं के लिए रोजगार के नए-नए संसाधन जुटाए जाएंगे
मध्यप्रदेश बांस एवं बांस शिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष केबिनेट मंत्री दर्जा एवं पूर्व विधायक श्री घनश्याम पिरोनिया ने आज विदिशा प्रवास के दौरान बांस से कलाकृति बनाने वाले बांस शिल्पी व सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों से संवाद किया।
अध्यक्ष श्री पिरोनिया जी ने विदिशा के सर्किट हाउस में संवाद के दौरान कहा कि मुख्यमंत्री जी द्वारा हर वर्ग का ध्यान रखकर उनके विकास के लिए हर संभव प्रयास कर नवीन सौगाते दी है। उन्होंने कहा कि वंशकार समाज के द्वारा अनादिकाल से बांस व्यवसाय का क्रियान्वयन किया जा रहा है। जिले के ऐसे बांस शिल्पी जो इस विधा में परांगत है। उन्हें समय पर कच्ची सामग्री उपलब्ध कराने के प्रबंध सुनिश्चित किए जाएंगे। इस कार्य मेंं वन विभाग का अमला भी नियमानुसार सहयोगप्रद करेगा।
बांस शिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री पिरोनिया जी ने कहा कि सामाजिकबंधुओं के लिए रोजगार के नए-नए संसाधन जुटाए जाएंगे ताकि युवाजन परम्परागत व्यवसाय के अलावा अन्य विधाओं में भी माहरत हासिल कर सकें। उन्होंने सुव्यवस्थित रूप से प्रशिक्षण की व्यवस्थाएं क्रियान्वित करने के लिए वन मण्डलाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए है। उन्होंने शासन द्वारा बासों के लिए निर्धारित दर के अनुसार ही विक्रय करने पर बल दिया है। श्री पिरोनिया ने कहा कि विभिन्न प्रकार की कलाकृति बनाने से हम अपने व्यवसाय के माध्यम से आर्थिक उपार्जन के क्षेत्र में बढ सकते है। इस दौरान उन्होंने बांस शिल्पियों से संवाद कर यह जाना कि अभी बांस किस दर पर प्राप्त होता है। एक या दो बांस से क्या-क्या सामग्री बन जाती है और उसका बाजार में विक्रय मूल्य क्या है। उन्होंने कहा कि व्यवसायिककरण को बढावा देने के लिए बाजार की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाएगी ताकि कारीगरो को अपनी सामग्री विक्रय के लिए भटकना ना पडें। इस दौरान उन्होंने कारीगरो की व्यक्तिगत एवं सामाजिक समस्याओं को भी सुना साथ ही निराकरण के संबंध में उन्होंने मौके पर ही वरिष्ठ अधिकारियों से संवाद कर वस्तुस्थिति के संबंध में शीघ्र निर्णय कराने हेतु ताकिद किया है।
विदिशा के सर्किट हाउस में इस अवसर पर वन मण्डलाधिकारी श्री ओमकार सिंह मर्सकोले सहित वन विभाग के अन्य अधिकारी, कर्मचारी एवं अजाक्स के जिलाध्यक्ष श्री एसएस गोलिया के अलावा वंशकार समाज के जिला, प्रदेश व खण्ड स्तरीय अध्यक्षों के अलावा अन्य पदाधिकारी एवं बांस व्यवसाय को क्रियान्वित करने वाले बांस शिल्पी मौजूद रहें।