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एसईसीएल मुख्यालय में 50 वां कोल इण्डिया स्थापना दिवस पर का

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बिलासपुर  50वें कोल इण्डिया स्थापना दिवस तथा 25वें छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर परिसर में मुख्य अतिथि अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक डा. प्रेम सागर मिश्रा सहित निदेशक तकनीकी (संचालन) एसएन कापरी, निदेशक तकनीकी (योजना/परियोजना) एन फ्रैंकलिन जयकुमार, निदेशक (कार्मिक) बिरंची दास, निदेशक (वित्त) डी सुनील कुमार एवं सीवीओ  हिमांशु जैन की उपस्थिति में समारोहपूर्वक मनाया गया।  कार्यक्रम की शुरूआत में मुख्य अतिथि सहित समस्त उपस्थित अतिथियों ने शहीद स्मारक, डा. भीमराव अम्बेडकर प्रतिमा व खनिक प्रतिमा पर माल्यार्पण किया, उपरांत उपस्थित विभागाध्यक्षों, श्रमसंघ प्रतिनिधियों ने माल्यार्पण किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि द्वारा कोलइण्डिया ध्वज फहराया गया, उपरांत कोलइण्डिया कारपोरेट गीत व छत्तीसगढ़ राज्य गीत अरपा पैरी के धार बजाया गया, तत्पश्चात मुख्य अतिथि, विभिन्न विभागाध्यक्षों, श्रमसंघ प्रतिनिधियों, सिस्टा प्रतिनिधियों द्वारा छत्तीसगढ़ की माटी, मानचित्र, हल एवं धान की बाली की पूजा की गयी।  इस अवसर पर मुख्य अतिथि डा. प्रेम सागर मिश्रा ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में उपस्थितों को बधाई देते हुए कहा कि हमें कोलइण्डिया के नाम, नमक और निशान को सदैव सम्मानित करने, गरिमापूर्ण बनाए रखने की दिशा में प्रयास करते रहना चाहिए। उन्होंने छत्तीसगढ़ की ऊजार्वान माटी की चर्चा करते हुए कहा कि इस गौरवशाली धरती पर दुनिया की सबसे बड़ी कोयला खदानों में से दूसरी सबसे बड़ी गेवरा व चौथी सबसे बड़ी कुसमुण्डा खदान अवस्थित है तथा प्रकृति के साहचर्य में बसा यह राज्य विकास की असीम संभावनाएँ रखता है।  इस अवसर पर बड़ी संख्या में विभिन्न विभागाध्यक्षगण, अधिकारी-कर्मचारी, विभिन्न श्रमसंघ, सीएमओएआई, सिस्टा, ओबीसी के प्रतिनिधिगण, महिला कर्मचारीगण उपस्थित थे। कार्यक्रम में उद्घोषणा का दायित्व श्री वरूण शर्मा प्रबंधक (कार्मिक/औद्योगिक संबंध) ने निभाया।

बिलासपुर

50वें कोल इण्डिया स्थापना दिवस तथा 25वें छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर परिसर में मुख्य अतिथि अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक डा. प्रेम सागर मिश्रा सहित निदेशक तकनीकी (संचालन) एसएन कापरी, निदेशक तकनीकी (योजना/परियोजना) एन फ्रैंकलिन जयकुमार, निदेशक (कार्मिक) बिरंची दास, निदेशक (वित्त) डी सुनील कुमार एवं सीवीओ  हिमांशु जैन की उपस्थिति में समारोहपूर्वक मनाया गया।

कार्यक्रम की शुरूआत में मुख्य अतिथि सहित समस्त उपस्थित अतिथियों ने शहीद स्मारक, डा. भीमराव अम्बेडकर प्रतिमा व खनिक प्रतिमा पर माल्यार्पण किया, उपरांत उपस्थित विभागाध्यक्षों, श्रमसंघ प्रतिनिधियों ने माल्यार्पण किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि द्वारा कोलइण्डिया ध्वज फहराया गया, उपरांत कोलइण्डिया कारपोरेट गीत व छत्तीसगढ़ राज्य गीत अरपा पैरी के धार बजाया गया, तत्पश्चात मुख्य अतिथि, विभिन्न विभागाध्यक्षों, श्रमसंघ प्रतिनिधियों, सिस्टा प्रतिनिधियों द्वारा छत्तीसगढ़ की माटी, मानचित्र, हल एवं धान की बाली की पूजा की गयी।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि डा. प्रेम सागर मिश्रा ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में उपस्थितों को बधाई देते हुए कहा कि हमें कोलइण्डिया के नाम, नमक और निशान को सदैव सम्मानित करने, गरिमापूर्ण बनाए रखने की दिशा में प्रयास करते रहना चाहिए। उन्होंने छत्तीसगढ़ की ऊजार्वान माटी की चर्चा करते हुए कहा कि इस गौरवशाली धरती पर दुनिया की सबसे बड़ी कोयला खदानों में से दूसरी सबसे बड़ी गेवरा व चौथी सबसे बड़ी कुसमुण्डा खदान अवस्थित है तथा प्रकृति के साहचर्य में बसा यह राज्य विकास की असीम संभावनाएँ रखता है।

इस अवसर पर बड़ी संख्या में विभिन्न विभागाध्यक्षगण, अधिकारी-कर्मचारी, विभिन्न श्रमसंघ, सीएमओएआई, सिस्टा, ओबीसी के प्रतिनिधिगण, महिला कर्मचारीगण उपस्थित थे। कार्यक्रम में उद्घोषणा का दायित्व श्री वरूण शर्मा प्रबंधक (कार्मिक/औद्योगिक संबंध) ने निभाया।

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