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फातिमा बेगम को समाज कल्याण विभाग से हर माह 350 रु की पेंशन तथा खाद्य विभाग के माध्यम से 1 रूपये किलो चावल भी मिल रहा है।

रामाधार  संवाददाता  जिला दुर्ग छत्तीसगढ़
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बलौदाबाजार। कलेक्टर चंदन कुमार के निर्देश पर स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कर रही राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम (चिरायु) की बलौदा बाज़ार टीम द्वारा दो बच्चों में क्रमशः स्तन में गांठ और जन्मजात श्रवण बधिता की पहचान कर उसका उपचार कराया है। बलौदाबाजार के विकासखंड चिकित्सा अधिकारी डॉ अभिजीत बनर्जी के अनुसार उक्त दोनों ही बच्चों की पहचान बलौदाबाजार की चिरायु टीम द्वारा की गई है। ग्राम अर्जुनी की 6 वर्षीय बच्ची श्रेया ध्रुव के पिता कृषक हैं। बच्ची के पिता ने जानकारी दी की जन्म से ही उनकी बेटी को सुनने की समस्या रही है कई जगहों पर जांच करवाने के पश्चात चिरायु दल के संपर्क में आने पर बच्ची के ऑपरेशन की व्यवस्था की गई। बच्ची के कान में कॉक्लियर मशीन लगाया गया है जिससे अब उसे सुनाई देने लगा है। इस ऑपरेशन में चिरायु की डॉ किरण देवांगन की टीम ने सहयोग किया गया। निजी अस्पताल में इसका उपचार 2 लाख से ऊपर का होता है। पर चिरायु के माध्यम से होने पर एक रूपये भी परिवार को देना नही पड़ा। उनके पिता ने इस सफल आपरेशन पर राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद दिया है। इसी तरह एक दूसरे प्रकरण में बलौदा बाजार शहर की एक 16 वर्षीय किशोर बच्ची में चिरायु की डॉ आरजू परवीन की टीम द्वारा स्तन में गांठ की पहचान की गई। जिसका उपचार रायपुर के डॉ भीमराव अंबेडकर अस्पताल में किया गया। जिले में चिरायु टीम द्वारा स्तन के गांठ की पहचान कर उसका उपचार किया गया है। चिरायु में इस में तरह का केस मिलना  पहला मामला है। बच्ची के घर वालो ने भी जिला प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एम पी महिस्वर ने बताया की चिरायु टीम द्वारा स्कूलों तथा आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। जिसमें किसी प्रकार की बीमारी पाई जाने पर उसके उपचार की निःशुल्क व्यवस्था की जाती है।

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